कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 10 हिंदी समाधान एनसीईआरटी (नसरत सलूशन) पाठ्यपुस्तक पर आधारित नीचे दिए गए हैं। कक्षा 10 हिंदी स्पर्श भाग 2 और संचयन भाग 2 के सभी पाठों के प्रश्न उत्तर नीचे दिए गए हैं। सभी अध्याय नवीनतम सीबीएसई सिलेबस 2024-25 के आधार पर नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा बनाए गए हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 हिंदी
कक्षा 10 हिंदी स्पर्श पद्य खंड के प्रश्न उत्तर सत्र 2024-25 के लिए
अध्याय 1: | कबीर – साखी |
अध्याय 2: | मीरा – पद |
अध्याय 3: | बिहारी – दोहे |
अध्याय 4: | मैथिलीशरण गुप्त – मनुष्यता |
अध्याय 5: | सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस |
अध्याय 6: | महादेवी वर्मा – मधुर–मधुर मेरे दीपक जल |
अध्याय 7: | विरेन डंगवाल – तोप |
अध्याय 8: | कैफ़ी आज़मी – कर चले हम फ़िदा |
अध्याय 9: | रविंद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण |
कक्षा 10 हिंदी स्पर्श गद्य खंड के प्रश्न उत्तर सत्र 2024-25 के लिए
अध्याय 1: | प्रेमचंद – बड़े भाई साहब |
अध्याय 2: | सीताराम केसरिया – डायरी का एक पन्ना |
अध्याय 3: | लीलाधार मंडलोई – तताँरा-वामीरों कथा |
अध्याय 4: | प्रहलाद अग्रवाल – तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र |
अध्याय 5: | अंतोन चेखव – गिरगिट |
अध्याय 6: | निदा फ़जली – अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले |
अध्याय 7: | रवींद्र केलेकर – पतझर में टूटी पत्तियाँ: गिन्नी का सोना |
अध्याय 8: | हबीब तनवीर – कारतूस |
कक्षा 10 हिंदी संचयन के प्रश्न उत्तर सत्र 2024-25 के लिए
अध्याय 1: | मिथिलेश्वर – हरिहर काका |
अध्याय 2: | गुरुदयाल सिंह – सपनों के से दिन |
अध्याय 3: | राही मासूम रजा – टोपी शुक्ला |
कक्षा 10 हिंदी पाठ्यक्रम 2024-25
स्पर्श के तीन पाठ क्रमशः मधुर मधुर मेरे दीपक जल, तीसरे कसम के शिल्पकार शैलेंद्र और गिरगिट केवल पठन मात्र के लिए हैं। बाकी सभी अध्याय सीबीएसई परीक्षा 2024-25 के लिए होंगे। पाठ के बीच में से भी प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं ताकि विद्यार्थी भली भांति कक्षा 10 हिन्दी के सभी अध्याय का अध्ययन कर सकें।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 हिंदी स्पर्श और संचयन
कक्षा 10 हिन्दी – स्पर्श और संचयन एनसीईआरटी समाधान में किताब के सभी प्रश्न उत्तर नीचे दिये गए हैं। 10वीं कक्षा के छात्र छात्राएँ हिन्दी के एनसीईआरटी समाधान को ऑनलाइन देख कर इसका प्रयोग अपनी परीक्षाओं में मादद के लिए कर सकते हैं। यदि समाधान को पीडीएफ़ में प्राप्त करना चाहते हैं तो काक्षा 10 हिन्दी समाधान पीडीएफ़ लिंक भी नीचे दिए गए हैं। प्रत्येक पाठ के उत्तर सावधानी पूर्वक लिखे गए हैं। यदि कोई त्रुटि हो तो हमें अवश्य बताएं ताकि हम उसे तुरंत ठीक कर सकें। आपका सहयोग हमारे लिए सदैव मददगार रहता है।
कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी स्पर्श पाठों का परिचय
पाठ 1: साखी (कबीर)
कबीर के अनुसार यहाँ साखी शब्द प्रत्यक्ष ज्ञान को दिखाता है। कबीर की भाषा में राजस्थानी, अवधी, भोजपुरी, पंजाबी, आदि भाषाओं का प्रभाव दिखाई पड़ता है क्योंकि वह सदैव घूमते रहते थे।
पाठ 2: पद (मीरा)
मीराबाई की कविताएं उत्तर भारत सहित बिहार, बंगाल और गुजरात में भी प्रचलित हैं, क्योंकि इनकी कविताएं हिन्दी और गुजराती दोनों ही भाषाओं मे हैं तथा इनके पदों मे ब्रज, खड़ी बोली पंजाबी और पूर्वी के प्रयोग भी मिल जाते हैं। मीरा के पद में मीरा अपने आराध्य से कभी मनुहार, कभी लाड़ या फिर कभी – कभी उलाहना करने लगती हैं।
पाठ 3: दोहे (बिहारी)
लोक ज्ञान और शास्त्र ज्ञान के साथ – साथ , बिहारी का काव्य ज्ञान भी अच्छा था। इनका स्वभाव विनोदी और व्यंगप्रिय था। इनकी एकमात्र रचना है “बिहारी सतसई“ जिसमें लगभग 700 दोहे हैं, जिसमें मुख्यतः प्रेम, भक्ति तथा नीति पर आधारित दोहे हैं। बिहारी की भाषा ब्रज है परंतु बुंदेलखंडी शब्दों का प्रयोग भी मिलता है। बिहारी कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ भरने की कला में निपुण थे। इसलिए, कहा जाता है कि बिहारी गागर में सागर भरने में निपुण थे।
पाठ 4: मनुष्यता (मैथिलीशरण गुप्त)
मैथिलीशरण गुप्त जी रामभक्त कवि थे। इन्हें सदैव राम का ही कीर्तिगान करना अच्छा लगता था। इनकी कविता कि भाषा खड़ी बोली है, परंतु इसमें संस्कृत का प्रभाव भी देखने को मिलता है। इन्हें संस्कृत, बांग्ला, मराठी और अँग्रेजी का अच्छा ज्ञान था। इस पाठ (मनुष्यता) में गुप्त जी ने यह बताने का प्रयास किया है कि मनुष्य मे मनुष्यता के कौन – कौन से लक्षण होने चाहिए ताकि सभी जीव सुख से रह सकें। इनके अनुसार मनुष्य को अपने और अपनों के हित में सोचने से पहले दूसरों के हित के बारे में भी सोचना चाहिए जिससे कि उसका जीवन सफल हो सके और मृत्यु के बाद भी युगों तक औरों कि यादों में बना रह सके।
पाठ 5: पर्वत प्रदेश में पावस (सुमित्रानंदन पंत)
सुमित्रानंदन पंत छायावाद के प्रमुख स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं। इन्होंने 15 वर्ष की आयु में ही स्थायी रूप से साहित्य सृजन शुरू कर दिया था। इनकी कविताओं में मुख्य रूप से प्रकृति प्रेम और रहस्यवाद की झलक दिखाई पड़ती है। इन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण सम्मान से भी अलंकृत किया है। पंत जी ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले विजेता थे। प्रस्तुत कविता में पढ़ने वाले को इस बात की अनुभूति होने लगती है जैसे अभी – अभी वह पर्वतीय अंचल में घूमकर लौटा हो।
पाठ 6: मधुर मधुर मेरे दीपक जल! (महादेवी वर्मा)
यह पाठ अब केवल पठन के लिए है। इसमें से परीक्षा में प्रश्न नहीं पूंछे जाएँगे।
पाठ 7: तोप (वीरेन डंगवाल)
विरेन डंगवाल पेशे से प्राध्यापक थे परंतु पत्रकारिता से भी जुड़े थे। इन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इनकी कविता संग्रह “इसी दुनिया में” के लिए इनको प्रतिष्ठित श्रीकांत वर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पाठ में विरेन ने प्रतीक और धरोहर के बारे में बताया है। प्रस्तुत पाठ में दो प्रतीकों का चित्रण किया गया है।
पाठ 8: कर चले हम फ़िदा (कैफ़ी आज़मी)
कैफ़ी आज़मी प्रसिद्ध प्रगतिशील उर्दू कवियों में से एक हैं। इनका असली नाम अतहर हुसैन रिजवी है। इनकी मुख्य पाँच कविता संग्रह – झंकार, आखिर-ए-शब, आवारा सजदे, सरमाया और मेरी आवाज सुनो प्रकिशित हुए हैं। इनके तीनों बड़े भाई भी शायर थे। इनकी पत्नी शौकत आज़मी और बेटी शबाना आज़मी मशहूर अभिनेत्रियाँ हैं। “कर चले हम फ़िदा” कविता सैनिकों के जीवन पर आधारित है, जो मुक़ाबले के लिए अपना सीना तान कर खड़े हो जाते हैं। अपनी जान देकर, देशवासियों की ज़िंदगी और आजादी बचाए रखते हैं।
कैफ़ी आज़मी का असली नाम क्या है?
कैफ़ी आज़मी का असली नाम अतहर हुसैन रिजवी है।
रविंद्रनाथ ठाकुर अपनी किस कृति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हुए थे?
रविंद्रनाथ ठाकुर की प्रमुख कृतियाँ नैवैध, पूरबी, बलाका, क्षणिका, चित्र, गीतांजलि, संध्यागीत, आदि हैं। गीतांजलि के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था।
प्रेमचंद के प्रमुख उपन्यास कौन – कौन से हैं?
प्रेमचंद के प्रमुख उपन्यास गोदान, प्रेमाश्रम, सेवसादन, निर्मला, कर्मभूमि, रंगभूमि, कायाकल्प, प्रतिज्ञा और मंगलसूत्र हैं।