कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान संचयन अध्याय 3 राही मासूम रजा – टोपी शुक्ला

कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान संचयन भाग 2 अध्याय 3 राही मासूम रजा – टोपी शुक्ला में दिए गए अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा पाठ पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर विद्यार्थी यहाँ से मुफ़्त प्राप्त कर सकते हैं। दसवीं कक्षा हिंदी संचयन पाठ 3 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर भी दिए गए हैं जो परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी हैं। कक्षा 10 हिंदी के समाधान तिवारी अकादमी कक्षा 10 ऐप से भी मुफ़्त प्राप्त किए जा सकते हैं।

कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 राही मासूम रजा – टोपी शुक्ला

कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर

टोपी और इफ़्फ़न कौन है?

टोपी और इफ़्फ़न कहानी के दो चरित्र है। एक का नाम बलभद्र नारायण शुक्ला है और दूसरे का नाम सय्यद जरगाम मुरतुजा था। एक को टोपी कहा गया और दूसरे को इफ़्फ़न। टोपी हिन्दू परिवार से था और इफ़्फ़न मुस्लिम परिवार से था। दोनों घनिष्ठ मित्र थे।

इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है?

इफ़्फ़न टोपी शुक्ला का घनिष्ठ मित्र है। टोपी शुक्ला स्कूल से आने के बाद अक्सर इफ़्फ़न के घर आता जाता रहता था और इफ़्फ़न की दादी से उसका बड़ा प्रेम था। इफ़्फ़न टोपी की कहानी का अटूट हिस्सा है। इफ़्फ़न कहानी में जगह-जगह दिखाई देता है जो टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।

इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाई? यह इच्छा उसने कब पूरी की थी?

इफ़्फ़न के दादा परदादा बहुत प्रसिद्ध मौलवी थे। जिन्हें गाने बजाने का शोक बिलकुल नहीं था। ना ही वे इसे पसंद करते थे। इफ़्फ़न की दादी इसी परिवार की बहू थी। इसलिए वह अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी नही कर पाई। लेकिन इफ़्फ़न का जन्म उसके दादा की मौत के बाद हुआ और उसकी दीदी ने इफ़्फ़न की छठी बड़ी धूम-धाम से मनाई थी तथा अपनी इच्छा पूरी की थी।

इफ़्फ़न की दादी को अपने पीहर में क्या-क्या पसंद था जो उसे अपने ससुराल में कभी नहीं मिला था?

इफ़्फ़न की दादी किसी मौलवी की बेटी नहीं थी, बल्कि एक जमींदार की बेटी थी। उसे दूध-घी बहुत पसंद था जो से लखनऊ आकर कभी नहीं मिला था। वह जब भी मायके जाती तो लपड़-शपड़ जी भर के खा लेती थी। इसलिए उसे पीहर जाने का मन भी अधिक होता था। लखनऊ आते ही उसे मौलविन बन जाना पड़ता था।

इफ़्फ़न की दादी को अंतिम समय में क्या याद आया?

इफ़्फ़न की दादी को अंतिम समय में अपना घर याद आया। उस घर का नाम कच्ची हवेली था। कच्ची इसलिए कि वह मिट्टी की बनी थी। उन्हें दसहरी आम का बीजू पेड़ याद आया जो उन्होने अपने हाथ से लगाया था और उन्हीं की तरह बूढ़ा हो चुका था। ऐसी ही छोटी-छोटी और बेशुमार चीजें याद आई थी।

इफ़्फ़न अपने परिवार में सबसे ज़्यादा किसे प्यार करता था और क्यों?
इफ़्फ़न अपने परिवार में सबसे ज़्यादा अपनी दादी से प्यार करता था क्योकि बस एक दादी ने कभी उसका दिल नहीं दुखाया था। वह रात को उसे बहराम डाकू, अनार परी, बारह बुर्ज, अमीर हमजा, गुलबकावली, हातिमताई और पाच फुल्ला रानी की कहानियाँ सुनाया करती थी।

अम्मी शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई थी?
अम्मी शब्द सुनते ही टोपी के घरवालों ने खाना छोड़ सबकी आंखे टोपी के चेहरे पर जम गई थी। अम्मी शब्द उनके घर की परंपराओं की दीवार तोंड रहा था। टोपी की दादी सुभद्रा देवी ने पूछा ये शब्द उसने कहाँ से सीखा। उस दिन टोपी की बड़ी दुर्गति हुई। दादी तो उसी वक़्त खाने की मेज़ से उठ गई और माँ रामदुलारी ने टोपी को बहुत मारा।

टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कहीं थी?

टोपी को इफ़्फ़न की दादी बहुत अच्छी लगती थी और अपनी दादी सुभद्रा देवी को पसंद नही करता था। उसकी दादी की बोली उसे काटने लगती थी और इफ़्फ़न की दादी उसे बड़े प्यार से बात करती थी तथा अपने पास बिठाती थी। इफ़्फ़न की दोस्ती के बारे में जब टोपी ने बताया तो सभी ने उसे पीटा और बुरा भला कहा खास कर उसकी दादी ने। इसलिए वह अपनी दादी को इफ़्फ़न की दादी से बदलना चाहता था।

टोपी ने दस अक्तूबर सन पैंतालीस को क्या कसम खाई थी?
टोपी ने दस अक्तूबर सन पैंतालीस को कसम खाई थी कि वह कभी भी ऐसे लड़के से दोस्ती नहीं करेगा जिसका बाप ऐसी नौकरी करता हो जिसमें बदली होती रहती हो।

दस अक्तूबर सन पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्व रखता है?
दस अक्तूबर सन पैंतालीस का दिन टोपी के लिए महत्वपूर्ण इसलिए था कि उस दिन इफ़्फ़न के पिता का तबादला वहाँ से मुरादाबाद हो गया था। वह अपने मित्र इफ़्फ़न से हमेशा के लिए बिछड़ गया था।

इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा क्यों लगा था?

टोपी जब इफ़्फ़न के घर गया तो वहाँ सन्नाटा था। घर भरा हुआ था, रोज़ जितने लोग हुआ करते थे उससे ज़्यादा ही लोग थे। परंतु एक दादी के न होने से टोपी के लिए घर खाली हो चुका था। केवल इफ़्फ़न की दादी ही थी, जो टोपी को अच्छे से समझती थी, जिससे वह खुल के बात कर लेता था।

इफ़्फ़न के पिता के स्थान पर दूसरा कलेक्टर कौन आया था? उसके पुत्रों का टोपी के साथ कैसा व्यवहार था?
इफ़्फ़न के पिता के स्थान पर दूसरे कलेक्टर ठाकुर हरीनाम सिंह आए थे। उनके तीन पुत्र थे। तीनों में से कोई टोपी का दोस्त न बन सका क्योकि डब्बू बहुत छोटा था, बीलू बहुत बड़ा था, गुड्डू था तो बराबर का परंतु केवल अंग्रेजी बोलता था। उन तीनों को इसका एहसास था, कि वे कलेक्टर के बेटे है। किसी ने टोपी को मुँह नहीं लगाया।

टोपी के नवी कक्षा में दो बार फ़ेल होने के क्या कारण थे?
टोपी पूरे परिवार में अकेला पड़ गया था। कोई भी उसकी तरफ ध्यान नहीं देता था। वह पढने में काफ़ी तेज था, परंतु उसे कोई पढ़ने ही नहीं देता था। वह जब भी पढ़ने बैठता मुन्नी बाबू को कोई काम निकल आता या माँ को कोई ऐसी चीज मँगवानी पड़ जाती जो नौकरों से नहीं मँगवाई जा सकती थी। यह सब कुछ न होता तो पता चलता कि भैरव ने उसकी कपियों के हवाई जहाज़ बना के उड़ा डाले है। दूसरे साल उसे टाइफ़ाइड हो गया था। जिस कारण वह ठीक से पढ़ाई न कर सका।

एक ही कक्षा में दो बार बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा था?

एक ही कक्षा में दो बार बैठने से टोपी को अपने अपमान का सामना करना पड़ा था। किसी के साथ उसकी दोस्ती न हो सकी। वह जब भी कक्षा में बैठता उसे अपना बैठना अजीब लगता। जब भी मास्टर कामजोर लड़कों को समझाते तो टोपी की मिसाल देने लगते और कुछ मास्टर तो टोपी को कहते कि तुझे तो सारे जवाब जुबानी याद हो गए होगे और कक्षा के तमाम बच्चे उस पर हंसने लगते थे। पूरी कक्षा के लिए टोपी हास्य का विषय बनकर रह गया था।

इफ़्फ़न की दादी के मायके वाले कहाँ चले गए थे? उसके घर का क्या हुआ था?
इफ़्फ़न की दादी के मायके वाले कराची चले गए थे और उन का घर कस्टोडियन में चला गया था।

कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 सलूशन