एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भौतिकी

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भौतिकी सभी अध्याय सीबीएसई और राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 12 भौतिकी के छात्र सभी प्रश्नों के हल अंग्रेजी और हिंदी मीडियम में यहाँ से मुफ्त प्राप्त कर सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भौतिकी

कक्षा 12 भौतिकी एनसीईआरटी समाधान सत्र 2024-25

अध्याय 1. वैधुत आवेश तथा क्षेत्र
अध्याय 2. स्थिर वैधुत विभव तथा धारिता
अध्याय 3. विधुत धारा
अध्याय 4. गतिमान आवेश और चुंबकत्व
अध्याय 5. चुंबकत्व एवं द्रव्य
अध्याय 6. वैधुतचुंबकीय प्रेरण
अध्याय 7. प्रत्यावर्ती धारा
अध्याय 8. वैधुतचुंबकीय तरंगे
अध्याय 9. किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
अध्याय 10. तरंग – प्रकाशिकी
अध्याय 11. विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति
अध्याय 12. परमाणु
अध्याय 13. नाभिक
अध्याय 14. अर्धचालक – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ

विद्युत आवेश का इतिहास

इतिहास के अनुसार लगभग 600 ई० पूर्व हुई इस तथ्य की खोज का श्रेय, कि ऊन अथवा रेशमी-वस्त्र से रगड़ा गया ऐम्बर हलकी वस्तुओं को आकर्षित करता है, ग्रीस देश के मिलेटस के निवासी थेल्स को जाता है। ‘इलेक्ट्रिसिटी’ शब्द भी ग्रीस की भाषा के शब्द इलेक्ट्रॉन से व्युत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ ऐम्बर है। उस समय पदार्थों के ऐसे बहुत से युगल ज्ञात थे जो परस्पर रगड़े जाने पर भूसे के तिनकों, सरकंडे की गोलियों, कागज़ के छोटे टुकड़ों आदि हलकी वस्तुओं को आकर्षित कर लेते थे।

किसी आवेश q की स्थितिज ऊर्जा

किसी बिंदु पर आवेश q की स्थितिज ऊर्जा (किसी आवेश विन्यास के कारण क्षेत्र की उपस्थिति में) बाह्य बल (वैद्युत बल के समान तथा विपरीत) द्वारा आवेश q को अनंत से उस बिंदु तक ले जाने में किए गए कार्य के बराबर होती है।

चालक में विद्युत धारा

किसी चालक में विद्युत धारा के प्रवाहित होने की दो स्थितियां हैं:
1. पहले हम ऐसी स्थिति पर विचार करते हैं जहाँ कोई विद्युत क्षेत्र उपस्थित नहीं है। इलेक्ट्रॉन तापीय गति करते समय आबद्ध आयनों से संघट्ट करते हैं। संघट्ट के पश्चात इलेक्ट्रॉन की चाल अपरिवर्तित रहती है। अतः टकराने के बाद चाल की दिशा पूर्णतया यादृच्छिक होती है। किसी दिए हुए समय पर इलेक्ट्रॉनों की चाल की कोई अधिमानिक दिशा नहीं होती है। अतः औसत रूप से किसी एक विशेष दिशा में गमन करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या, उस दिशा के ठीक विपरीत दिशा में गमन करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या के ठीक बराबर होती है। अतः कोई नेट विद्युत धारा नहीं होगी।

2. दूसरी स्थिति यह है कि चालाक के अंदर गतिमान इलेक्ट्रॉनों द्वारा उदासीन सभी आवेशों की नए आवेशों से पुनः पूर्ति कराएँ। उस प्रकाश में चालक में एक स्थायी विद्युत क्षेत्र स्थापित होगा, जिसके परिणामस्वरूप जो धारा उत्पन्न होगी वह अल्पावधि की न होकर, सतत विद्युत धारा होगी। इस प्रकार स्थायी विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करने वाली युक्तियाँ विद्युत सेल अथवा बैटरियाँ होती हैं।

चुम्बकत्व क्या है?

भौतिकी में चुम्बकत्व वह प्रक्रिया है, जिसमें एक वस्तु दूसरी वस्तु पर आकर्षण या प्रतिकर्षण बल लगाती है। जो वस्तुएँ यह गुण प्रदर्शित करती हैं, उन्हें चुम्बक कहते हैं। निकल, लोहा, कोबाल्ट एवं उनके मिश्रण आदि सरलता से पहचाने जाने योग्य चुम्बकीय गुण रखते हैं। ज्ञातव्य है कि सब वस्तुएं न्यूनाधिक मात्रा में चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति से प्रभावित होती हैं।

फैराडे का नियम

किसी बन्द परिपथ में उत्पन्न विद्युतवाहक बल (इ एम फ) उस परिपथ से होकर प्रवाहित चुम्बकीय फ्लक्स के परिवर्तन की दर के बराबर होता है। विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त की खोज माइकल फैराडे ने सन् 1831 में की, और जोसेफ हेनरी ने भी उसी वर्ष स्वतन्त्र रूप से इस सिद्धान्त की खोज की।
ε = – d∅/dt
ऋण चिह्न ε की दिशा तथा परिणामतः बंद लूप में धारा की दिशा व्यक्त करता है।