कक्षा 7 गणित अध्याय 8 एनसीईआरटी समाधान – परिमेय संख्याएँ

कक्षा 7 गणित अध्याय 8 के लिए एनसीईआरटी समाधान पाठ 8 परिमेय संख्याएँ की प्रश्नावली व्यायाम अर्थात एक्सरसाइज 8.1 और 8.2 के हल हिंदी माध्यम तथा अंग्रेजी मीडियम में यहाँ दिए गए हैं। वर्ग 7 गणित अध्याय 8 की प्रश्नावली के सभी प्रश्नों के हल सावल जवाब तथा अन्य समाधान शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित किए गए हैं। प्रत्येक प्रश्न को विस्तार से समझाया गया है। प्रश्नों के हल कुछ इस प्रकार हैं कि 7वीं के छात्र इसे आसानी से समझ सकें। सातवीं गणित के सभी समाधान कक्षा 7 गणित ऐप में भी दिए गए हैं, जो एक बार डाउनलोड करने के बाद बिना इंटरनेट के भी अच्छी तरह कार्य करता है।

कक्षा 7 गणित अध्याय 8 के लिए एनसीईआरटी समाधान 2024-25

कक्षा 7 गणित अध्याय 8 पर बहुविकल्पीय (MCQ) प्रश्न उत्तर

Q1

निम्नलिखित में से कौन सी परिमेय संख्या 2/3 के समतुल्य है:

[A]. 3/2
[B]. 4/9
[C]. 9/4
[D]. 4/6
Q2

निम्नलिखित में से कौन सी परिमेय संख्या मानक रूप में है

[A]. 1/-3
[B]. 1/2
[C]. 10/4
[D]. 20/30
Q3

-3/2 और ½ का योग होगा:

[A]. –1
[B]. –2
[C]. 3
[D]. 4
Q4

-4/3 – (-1/3) का मान होगा:

[A]. – 4
[B]. – 3
[C]. – 2
[D]. –1

परिमेय संख्याएँ क्या होती हैं?

परिमेय संख्याएं वे संख्या होती हैं जिन्हें हम p/q के रूप में लिख सकते हैं। यहाँ अंश एवं हर दोनों संख्याएं पूर्णांक होती हैं एवं परिमेय संख्या का हर शून्य के बराबर नहीं हो सकता है। परिमेय संख्या में p – अंश होता है एवं q – हर होता है।
उदाहरण:
¾, 2/5 आदि।

    • धनात्मक परिमेय संख्याए
      ऐसी परिमेय संख्या जिसके अंश और हर दोनों ही धनात्मक पूर्णांक हैं। ऐसी परिमेय संख्या को एक धनात्मक परिमेय संख्या कहते हैं। जैसे: 3/8, 5/7, 2/9 सभी धनात्मक परिमेय संख्यायें हैं।
    • ऋणात्मक परिमेय संख्याए
      ऐसी परिमेय संख्या जिसके अंश और हर दोनों में से कोई एक ऋणात्मक पूर्णांक हैं। ऐसी परिमेय संख्या को एक ऋणात्मक परिमेय संख्या कहते हैं। जैसे: -3/8, -5/7, 2/(-9) सभी ऋणात्मक परिमेय संख्यायें हैं।
मानक रूप तथा समतुल्य परिमेय संख्याएँ
    • समतुल्य परिमेय संख्याए
      ऐसी परिमेय संख्याएँ जो परस्पर बराबर हों एक दूसरे के समतुल्य या तुल्य कही जाती है। अर्थात आपस में बराबर परिमेय संख्याएँ समतुल्य परिमेय संख्या या तुल्य परिमेय संख्या कही जाती हैं।
      उदाहरण:
      2/3 = 4/6 = 8/12 आदि
    • मानक रूप में परिमेय संख्याएँ
      एक परिमेय संख्या मानक रूप में व्यक्त की हुई कही जाती है, यदि उसका हर धनात्मक पूर्णांक हो तथा उसके अंश और हर में 1 के अतिरिक्त कोई सार्व गुणनखंड न हो।
      उदाहरण:45/30 को मानक रूप में व्यक्त करने के लिए
      (45÷3)/(30÷3)
      = 15/10
      = (15÷5)/(10÷5)
      = 3/2
परिमेय संखाओं सम्बंधी मुख्य अवधारणाएं कौन-कौन सी हैं?

परिमेय संखाओं सम्बंधी मुख्य अवधारणाएं और परिणाम

    • 1. एक संख्या जिसे p/q के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जहां p और q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0, एक परिमेय संख्या कहलाती है।
    • 2. सभी पूर्णांक और भिन्न परिमेय संख्याएँ हैं।
    • 3. यदि एक परिमेय संख्या के अंश और हर को गुणा किया जाता है या एक शून्येतर पूर्णांक से भाग देने पर हमें एक परिमेय संख्या प्राप्त होती है जो दी गई परिमेय संख्या के बराबर होती है।
    • 3. परिमेय संख्याओं को धनात्मक, शून्य या ऋणात्मक परिमेय संख्याओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। जब अंश और हर दोनों धनात्मक पूर्णांक हों या दोनों ऋणात्मक पूर्णांक हैं, तो यह एक धनात्मक परिमेय संख्या है। जब अंश या हर एक ऋणात्मक पूर्णांक हो, यह एक ऋणात्मक परिमेय संख्या है।
    • 4. संख्या 0 न तो धनात्मक और न ही ऋणात्मक परिमेय संख्या है।
    • 5. दो परिमेय संख्याओं के बीच असीमित संख्या में परिमेय संख्याएँ होती हैं।
    • 6. एक परिमेय संख्या को मानक रूप में कहा जाता है, यदि उसका हर एक धनात्मक पूर्णांक है और अंश और भाजक का 1 के अलावा कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है।
    • 7. समान हर वाली दो परिमेय संख्याओं को जोड़ा जा सकता है एक ही हर के साथ रखते हुए, उनके अंशों को जोड़ते हैं।
परिमेय संख्याओं से संबंधित कुछ अन्य परिणाम

परिमेय संख्याओं के नियम

    1. अलग हर वाली दो परिमेय संख्याओं को जोड़ने के लिए दो हरों का LCM लेना और फिर दोनों को परिवर्तित करना परिमेय संख्याएं उनके समकक्ष रूपों में LCM के रूप में होती हैं भाजक और उन्हें ऊपर के रूप में जोड़ना।
    2. दो परिमेय संख्याओं को घटाते समय, हम योगात्मक प्रतिलोम जोड़ते हैं परिमेय संख्या को दूसरी परिमेय संख्या से घटाया जाता है।
    3. परिमेय संख्याओं का गुणनफल = (अंशों का गुणनफल)/(हर का गुणनफल)
    4. एक शून्येतर परिमेय संख्या p/q का व्युत्क्रम q/p है
    5. एक परिमेय संख्या को दूसरी गैर-शून्य परिमेय संख्या से विभाजित करने के लिए, हम पहली परिमेय संख्या को दूसरे के व्युत्क्रम से गुणा करते हैं।

कक्षा 7 गणित अध्याय 8 के महत्वपूर्ण प्रश्नों के हल

-2(3/4) और 5(6/7) का गुणनफल क्या है?

-2(3/4) x 5(6/7)
दो परिमेय संख्याओं का गुणनफल = (अंश का गुणनफल)/(हर का गुणनफल)
इसलिए, -11/4 x 41/7 = (-11 x 41)/(4 x 7)
= -451/28

-4(5/6) और -7(3/4) का योग ज्ञात कीजिये:

= {-4(5/6)} + {-7(3/4)}
= (-29/6) + (-31/4)
= -(29 x 2 + 31 x 3)/12
= – (58 + 93)/12
= – (151)/12
अतः दोनों संख्याओं का योग -151/12 है।

निम्नलिखित परिमेय संख्या को उसके निम्नतम रूप में लिखें: -60/72

-60/72 अंश और हर को 2 से भाग करने पर
= (-60÷2)/(72÷2)
= -30/36, पुनः 2 से भाग देने पर
= (-30÷2)/(36÷2)
= -15/18, इस संख्या को 3 से भाग देने पर
=(-15÷3)/(18÷3)
= -5/6