कक्षा 7 गणित अध्याय 5 एनसीईआरटी समाधान – रेखा एवं कोण

कक्षा 7 गणित अध्याय 5 के लिए एनसीईआरटी समाधान पाठ 5 रेखा एवं कोण की प्रश्नावली व्यायाम अर्थात एक्सरसाइज 5.1 और 5.2 के हल हिन्दी मीडियम तथा अंग्रेजी में छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। 7वीं गणित की प्रश्नावली 5.1 तथा 5.2 के सॉल्यूशंस को सत्र 2024-25 के लिए संशोधित किया गया है। वर्ग 7 गणित अध्याय 5 के सभी प्रश्न उत्तर आसान भाषा में सरल सवाल जवाब के रूप में दिए गए हैं। कक्षा 7 गणित ऐप में भी एनसीईआरटी समाधान संशोधित रूप में दिए गए हैं। सातवीं कक्षा का ये एप्लिकेशन बिना इंटरनेट के भी कार्य करता है।

कक्षा 7 गणित अध्याय 5 के लिए एनसीईआरटी समाधान 2024-25

कक्षा 7 गणित अध्याय 5 पर बहुविकल्पीय (MCQ) प्रश्न उत्तर

Q1

उत्तर, पूर्व और उत्तर, पश्चिम के बीच के कोण हैं:

[A]. संपूरक कोण
[B]. दोनों अधिक कोण
[C]. पूरक कोण
[D]. दोनों न्यून कोण
Q2

निम्नलिखित में से कौन सा युग्म कोण पूरक हैं?

[A]. 179°, 2°
[B]. 60°, 60°
[C]. 48°, 42°
[D]. 75°, 105°
Q3

यदि दो रेखाओं को एक तिर्यक रेखा द्वारा प्रतिच्छेद किया जाता है, तो अनुप्रस्थ के एक ही ओर अंतः कोणों के युग्मों की संख्या है:

[A]. 1
[B]. 2
[C]. 3
[D]. 4
Q4

कोण जो सम्पूरक और लंबवत रूप से विपरीत दोनों हैं:

[A]. 95°, 85°
[B]. 90°, 90°
[C]. 45°, 45°
[D]. 100°, 80°

रेखा क्या होती है?

रेखा
किसी समतल पृष्ठ पर दो बिन्दुओ के बीच में जो आकृति बनती हैं. उसे रेखा कहा जाता हैं। रेखा का कोई प्राम्भिक और अंतिम बिंदु नहीं होता हैं। रेखा को दोनों बिन्दुओ से अनंत दुरी तक बढ़ा सकते हैं।

रेखाओं के प्रकार
रेखाएं चार प्रकार की होती हैं:

    • (i) क्षैतिज रेखा,
    • (ii) ऊर्ध्वाधर रेखा,
    • (iii) लंबवत रेखाएं
    • (iv) समानांतर रेखाएं
कोण कितने प्रकार के होते हैं?

कोण
किन्ही दो किरणों या किन्ही दो रेखाखण्डों के मिलने से जो झुकाव उतपन्न होता हैं उसे हम कोण के नाम से जानते है। कोण को प्रायः हम अंश या डिग्री में नापते हैं।

कोणों के प्रकार
कोण के मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार होते हैं:

    • शून्य कोण
    • न्यून कोण
    • समकोण
    • अधिक कोण
    • ऋजु कोण
    • सम्बंधित कोण
दो कोणों के बीच के सम्बन्ध को किस प्रकार परिभाषित करेंगे?

दो कोणों के बीच के सम्बन्ध को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं:

    • पूरक कोण
      जब दो कोणों के मापों का योग 90⁰ होता है, तो ये कोण पूरक कोण कहलाते हैं। जैसे:
      30⁰ + 60⁰ = 90⁰
      यहाँ पर 30⁰ एवं 60⁰ एक दूसरे के पूरक कोण हैं।
    • सम्पूरक कोण
      “यदि किन्ही दो कोणों का योग 180 अंश हो तो इस प्रकार के कोण को संपूरक कोण कहते हैं। जैसे:
      120⁰ + 60⁰ = 180⁰
      यहाँ पर 120⁰ एवं 60⁰ एक दूसरे के सम्पूरक कोण हैं।
    • आसन्न कोण
      वैसे दो कोण जिसकी एक भुजा उभयनिस्ट हो और उनका एक ही शीर्ष हो आसन्न कोण कहलाता है। समानांतर चक्र में किसी भी दो आसन्न कोणों का योग 180⁰ होता है।
    • रैखिक युग्म
      एक रैखिक युग्म, ऐसे आसन्न कोणों का युग्म होता है जिनकी वे भुजाएँ जो उभयनिष्ठ नहीं हैं, विपरीत दिशा में किरणें होती हैं।
    • उर्ध्वाधर सम्मुख कोण
      यदि दो रेखाएँ एक-दूसरे को एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करती हैं तो उर्ध्वाधर सम्मुख कोण हमेशा होते हैं। यदि दो रेखाएँ एक-दूसरे को एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करती है और यदि उर्ध्वाधर सम्मुख कोणों का एक युग्म न्यून कोण है, तो उर्ध्वाधर सम्मुख कोणों का दूसरा युग्म अधिक कोण है।
रेखा और कोण सम्बंधी मुख्य अवधारणाएं क्या हैं?

रेखा और कोण सम्बंधी अवधारणाएं और परिणाम

    1. एक कोण तब बनता है जब दो रेखाएँ या किरणें या रेखाखंड मिलते हैं या एक दूसरे को प्रतिच्छेद करती हैं।
    2. जब दो कोणों के मापों का योग 90⁰ होता हैए तो कोण होते हैं पूरक कोण कहलाते हैं। उनमें से प्रत्येक को का पूरक कहा जाता है
    3. जब दो कोणों के मापों का योग 180⁰ होता है तो कोण पूरक कोण कहलाते हैं। उनमें से प्रत्येक को दूसरे का पूरक कहा जाता है
    4. दो कोण आसन्न कोण कहलाते हैं, यदि उनका एक उभयनिष्ठ शीर्ष है और एक सामान्य भुजा लेकिन कोई सामान्य आंतरिक बिंदु नहीं।
    5. एक रैखिक युग्म आसन्न कोणों का एक युग्म होता है जिसकी गैर उभयनिष्ठ भुजाएँ विपरीत किरणें हैं।
    6. जब दो रेखाएँ प्रतिच्छेद करती हैं, तो शीर्षाभिमुख कोण इस प्रकार बनते हैं कि दोनों बराबर होते हैं। जब दो रेखाएं एक तिर्यक रेखा से काटती हैं, तो आठ कोण बनते हैं इनमें से 4 आंतरिक कोण, 4 बाहरी कोणों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
    7. संगत कोणों के 4 युग्म, जिनमें 2 जोड़े आंतरिक एकांतर कोण तथा 2 जोड़े बाह्य एकांतर कोणों के और आंतरिक कोणों के दो जोड़े तथा बाह्य कोणों के दो जोड़े अनुप्रस्थ के एक ही तरफ बनाते हैं।
    8. यदि दो समानांतर रेखाएं एक तिर्यक रेखा द्वारा प्रतिच्छेद की जाती हैं, तो
      (i) संगत कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर होता है।
      (ii) एकांतर अंतः कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर होता है।
      (iii) तिर्यक रेखा के एक ही तरफ के आंतरिक कोणों का प्रत्येक युग्म है पूरक।
    9. उपरोक्त परिणामों के विलोम भी सत्य हैं।

कक्षा 7 गणित अध्याय 5 के अतिरिक्त प्रश्नों के हल

पूरक कोणों के युग्म में से एक कोण दूसरे का दो-तिहाई होता है। कोण ज्ञात कीजिए।

मान लीजिए एक कोण x है।
इसलिए , दूसरा कोण = 90° – x
प्रश्नानुसार, 2/3 x = 90° – x
या 2x = 270° – 3x
या 2x + 3x = 270°
या 5x = 270°
या x = 270°/5
= 54°
अतः, एक कोण = 54° और दूसरा कोण = 90° – 54°= 36° है।

क्या आसन्न कोण हमेशा सर्वांगसम होते हैं?

आसन्न कोण हमेशा सर्वांगसम नहीं होते हैं यदि दोनों कोण 90° होंगे तो वे सर्वांगसम होगें।

कोण ज्ञात कीजिए यदि एक पूरक कोण ज्ञात कीजिये जिसका मान अपने ही बराबर हो।

हमें ज्ञात है कि पूरक कोणों का योग 90° होता है
माना एक कोण x है तो दूसरा कोण भी x होगा
इसलिए 2 x = 90°
या x = 90°/2 = 45°

कक्षा 7 गणित अध्याय 5 के महत्वपूर्ण प्रश्नों के हल

ऐसा कोण ज्ञात कीजिए जो अपने संपूरक के समान हो।

माना कोण x अपने संपूरक कोण का समान है।
इसलिए, x + x = 180 [संपूरक कोण]
2x = 180 x = 180/2 = 90
अतः, 90 का कोण अपने संपूरक कोण के बराबर है।

क्या दो ऐसे कोण संपूरक हो सकते हैं यदि उनमे से दोनों अधिक कोण हैं?

नहीं, क्योंकि दो अधिक कोणों का योग सदैव 180 से अधिक होता है।