कक्षा 7 गणित अध्याय 10 एनसीईआरटी समाधान – बीजीय व्यंजक

कक्षा 7 गणित अध्याय 10 के लिए एनसीईआरटी समाधान पाठ 10 बीजीय व्यंजक की प्रश्नावली व्यायाम अर्थात एक्सरसाइज 10.1 और 10.2 के हल सभी सवाल जवाब शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। वर्ग 7 गणित पाठ 10 के सभी प्रश्न उत्तर सरल हल के साथ विस्तार से समझकर यहाँ दिए हैं। प्रत्येक उत्तर को उचित सूत्रों का प्रयोग करके उनके हल निकाले गए हैं। कुछ प्रश्नों को दो या अधिक तरीकों से भी हल किया गया है। कक्षा 7 गणित अध्याय 12 के लिए एनसीईआरटी समाधान 7वीं गणित ऐप में भी दिए गए हैं, जो प्ले स्टोर पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

कक्षा 7 गणित अध्याय 10 के लिए एनसीईआरटी समाधान

कक्षा 7 गणित अध्याय 10 पर बहुविकल्पीय (MCQ) प्रश्न उत्तर

Q1

3x (3 – 2y) और 2 (xy + x²) में समान पद हैं:

[A]. 9x और 2x²
[B]. – 6xy और 2x²
[C]. – 6xy और 2xy
[D]. 9x और 2xy
Q2

3x² zy + 7xyz – 2z² x में xy का गुणांक है:

[A]. 3z
[B]. 7z
[C]. 7yz
[D]. – 2
Q3

-xy² पद के गुणनखंड हैं:

[A]. x × y × y
[B]. – 1 × y × y
[C]. – 1 × x × y
[D]. – 1 × x × y × y
Q4

x में से y का 5 गुना घटाना है:

[A]. 5x – y
[B]. y – 5x
[C]. x – 5y
[D]. 5y – x

बीजीय व्यंजक किसे कहते हैं?

बीजीय व्यंजक
बीजीय व्यंजक चरों और अचरों का प्रयोग करके बनता है।
चर राशी
जिस राशि में परिवर्तन होता रहता है उसे चर कहते हैं इन्हें x, y, z इत्यादि से व्यक्त करते हैं।
अचर राशी
जिस राशी का मान सदैव एक समान रहता है उसे अचर राशी कहते हैं, इन्हें a, b, c, इत्यादि से व्यक्त करते हैं।
व्यंजक किस प्रकार बनते हैं?
हम चरों और अचरों को संयोजित करके बीजीय व्यंजकों को बनाते हैं। इसके लिए हम योग, व्यवकलन, गुणन और विभाजन की संक्रियाओं का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण: 4x + 5, 10y – 20
गुणांक
संख्यात्मक गुणनखंड को पद का संख्यात्मक गुणांक या केवल गुणांक कहते हैं। जैसे: 5xy में xy का गुणांक 5 है तथा 5y का गुणांक x है।

समान तथा असमान पद

समान पद
जब पदों के बीजीय गुणनखंड एक जैसे ही हों, तो वे पद समान पद कहलाते हैं।
उदाहरण:
2xy – 3x + 5xy – 4 में 2xy तथा 5xy समान पद हैं।
असमान पद
जब पदों के बीजीय गुणनखंड भिन्न-भिन्न हों, तो वे असमान पद कहलाते हैं।
उदाहरण:
2xy – 3x + 5xy – 4 में 2xy तथा 4 असमान पद हैं।

बीजीय व्यंजकों के योग तथा व्यवकलन

बीजीय व्यंजकों के योग
जब हम दो बीजीय व्यंजकों को जोड़ते हैं, तो समान पदों को, उपर वर्णित नियम के अनुसार जोड़ किया जाता है; जो समान पद नहीं हैं उन्हें वैसे ही छोड़ दिया जाता है। इस प्रकार, 4x² + 3x तथा 2x + 3 का योग 4x² + 5x + 3 है।
बीजीय व्यंजकों के व्यवकलन
जब हम दो बीजीय व्यंजकों को घटाते हैं हैं, तो समान पदों को, उपर वर्णित नियम के अनुसार घटाया जाता है; जो समान पद नहीं हैं उन्हें वैसे ही छोड़ दिया जाता है।
उदाहरण:
3x + 11 में से x – 5 को घटाने पर
= (3x + 11) – (x – 5)
= 3x + 11 – x + 5
= 2x + 16

बीजीय व्यंजकों के प्रयोग–सूत्र और नियम
    • परिमाप सूत्र
      1. एक समबाहु त्रिभुज का परिमाप = 3 x उसकी भुजा की लंबाई होता है । यदि इस समबाहु त्रिभुज की भुजा की लंबाई को l से व्यक्त करें, तो उसका परिमाप 3l होगा।
      2. इसी प्रकार, एक वर्ग का परिमाप = 4l होता है, जहाँ l वर्ग की भुजा की लम्बाई है।
      3. एक सम पंचभुज का परिमाप = 5l होता है, जहाँ l उसकी भुजा की लंबाई है, इत्यादि।
    • क्षेत्रफल सूत्र
      1. यदि हम एक वर्ग की भुजा को l से व्यक्त करें, तो वर्ग का क्षेत्रफल = l² होता है ।
      2. यदि हम एक आयत की लंबाई और चौड़ाई को क्रमश: l और b से व्यक्त करें, तो आयत का क्षेत्रफल = l x b = lb होता है ।
      3. इसी प्रकार, यदि एक त्रिभुज का आधार b और उचांई h है, तो त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ (b x h)
बीजीय व्यंजक सम्बन्धी मुख्य अवधारणाएं क्या हैं?

बीजीय व्यंजक सम्बन्धी मुख्य अवधारणाएं और परिणाम

    • 1. चरों और अचरों से बीजीय व्यंजक बनते हैं। व्यंजकों को बनाने के लिए, हम चरों और अचरों पर योग, व्यवकलन, गुणन और विभाजन की संक्रियाएँ करते हैं। उदाहरणार्थ, व्यंजक 4xy + 7 चरों x और y तथा अचरों 4 और 7 से बनाया गया है। अचर 4 तथा चरों x और y को गुणा करके 4xy बनाकर उसमें 7 जोड़ कर 4xy + 7 बनाया जाता है।
    • 2. व्यंजक पदों से मिलकर बनते हैं। पदों को जोड़ कर व्यंजक बनाया जाता है । उदाहरणार्थ, पदों 4xy और 7 को जोड़ने से व्यंजक 4xy + 7 बन जाता है।
    • 3. एक पद, गुणनखंडों का एक गुणनफल होता है । व्यंजक 4xy + 7 में पद 4xy गुणनखंडों x, y और 4 का एक गुणनफल है । चरों वाले गुणनखंड बीजीय गुणनखंड कहलाते हैं।
    • 4. पद का गुणांक उसका संख्यात्मक गुणनखंड होता है । कभी-कभी पद का कोई भी एक गुणनखंड पद के शेष भाग का गुणांक कहलाता है।
    • 5. एक या अधिक पदों से बना व्यंजक एक बहुपद कहलाता है । विशिष्ट रूप से, एक पद वाला व्यंजक एकपदी, दो पदों वाला व्यंजक द्विपद तथा तीन पदों वाला व्यंजक त्रिपद कहलाता है।
    • 6. वे पद जिनमें बीजीय गुणनखंड एक जैसे हों, समान पद कहलाते हैं तथा भिन्न-भिन्न बीजीय गुणनखंडों वाले पद असमान पद कहलाते हैं । इस प्रकार 4xy और -3xy समान पद हैं, परंतु 4xy और -3x समान पद नहीं हैं।
    • 7. दो समान पदों का योग (या अंतर) एक अन्य समान पद होता है, जिसका गुणांक उन समान पदों के गुणांकों के योग (या अंतर) के बराबर होता है। इस प्रकार, 8xy – 3xy = (8 – 3 )xy, अर्थात्‌ 5xy।
    • 8. जब हम दो बीजीय व्यंजकों को जोड़ते हैं, तो समान पदों को, उपर वर्णित नियम के अनुसार जोड़ा जाता है; जो समान पद नहीं हैं उन्हें वैसे ही छोड़ दिया जाता है। इस प्रकार, 4x² + 5x और 2x + 3 का योग 4x² + 7x + 3 है। यहाँ समान पद 5x और 2x जुड़ कर 7x बन जाते हैं तथा असमान पदों 4x² और 3 को वैसे ही छोड़ दिया जाता है।
    • 9. एक समीकरण को हल करने और किसी सूत्र का प्रयोग करने जैसी स्थितियों में, हमें एक व्यंजक का मान ज्ञात करने की आवश्यकता होती है। बीजीय व्ंयजक का मान उन चरों के मानों पर निर्भर करता है, जिनसे वह बनाया गया है। इस प्रकार, x = 5 के लिए 7x – 3 का मान 32, है क्योंकि 7 x 5 – 3 = 32 है।
    • 10. गणित में, बीजीय व्यंजकों का प्रयोग करते हुए, नियमों और सूत्रों को संक्षिप्त और व्यापक रूप में लिखा जाता है। इस प्रकार, आयत का क्षेत्रफल = lb, है, जहाँ l आयत की लंबाई तथा b आयत की चौड़ाई है।
    • 11. एक संख्या पैटर्न (या अनुक्रम) का व्यापक (nवाँ) पद, n में एक व्यंजक होता है। इस प्रकार, संख्या पैटर्न 11, 21, 31, 41, ……… n वाँ पद (10n + 1) है।

कक्षा 7 गणित अध्याय 10 के महत्वपूर्ण प्रश्नों के हल

समान पदों को मिलाकर व्यंजक को सरल कीजिए: 7x³ – 3x²y + xy² + x²y – y³

दिए गए व्यंजक में पदों को पुनर्व्यवस्थित करने पर, हम प्राप्त करते हैं
= 7x³ + (– 3x²y) + x²y + xy² – y³
= 7x³+(– 3 + 1) x²y + xy² – y³
= 7x³+(– 2) x²y + xy² – y³
= 7x³– 2x²y + xy² – y³

a = 1 और b = -2 पर व्यंजक a² + b² + 3ab का मान ज्ञात कीजिए।

a² + b² + 3ab का मान a = 1 and b = – 2 पर होगा
= (1)² + (–2)² + 3 (1)(–2)
= 1 + 4 – 6
= 5 – 6
= – 1

-3x³y² + 2x²y³ और – 3x²y³ – 5y⁴ का योग घटाएं x⁴ + x³ y² + x²y³ + y⁴ से।

(– 3x³y² + 2x²y³) + (– 3x²y³ – 5y⁴) = – 3x³y² – x²y³ – 5y⁴
प्राप्त व्यंजक को x⁴ + x³ y² + x²y³ + y⁴ से घटाने पर
= (x⁴ + x³y² + x² y³ + y⁴) – ( – 3x³y² – x²y³ – 5y⁴)
difference = x⁴ +4x³y² + 2x²y³ + 6y⁴