कक्षा 7 हिंदी व्याकरण अध्याय 7 लिंग

कक्षा 7 हिंदी व्याकरण अध्याय 7 लिंग तथा लिंग-भेद पर आधारित प्रश्न, पुल्लिंग को स्त्रीलिंग और स्त्रीलिंग को पुल्लिंग में बदलना आदि पर आधारित प्रश्न विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। सातवीं कक्षा में हिंदी ग्रामर के पाठ 7 के लिए अभ्यास पुस्तिका सीबीएसई के साथ-साथ राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए भी उपयोगी है।

लिंग

शब्द के जिस रूप से यह पता चले कि वह पुरुष जाति का है अथवा स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं।
उदाहरण:
(क) गाय चर रही है।
(ख) बैल घास खा रहा है।
(ग) बालक लिख रहा है।
(घ) बालिका लिख रही है।
उपर्युक्त वाक्यों से स्पष्ट है कि गाय तथा बालिका स्त्री जाति के हैं जबकि बालक तथा बैल पुरुष जाति के।

लिंग के भेद

हिंदी में लिंग के दो भेद हैं:
1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग
पुल्लिंग
जिन शब्दों से पुरुष जाति का बोध हो, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं। जैसे- दादा, पिता, बालक, घोड़ा आदि।
सदा पुल्लिंग रहने वाले शब्द- बाज, कछुआ, खरगोश, गरुड़, मच्छर, उल्लू, बिच्छू, कीड़ा, कौवा, मगरमच्छ आदि।

पुल्लिंग की पहचान

(क) मनुष्य व बड़े पशुओं में नर पुल्लिंग होते हैं। जैसे- लड़का, युवक, हाथी आदि।
(ख) अकारांत तत्सम संज्ञाएँ पुल्लिंग होती हैं। जैसे- अधयाय, अभिप्राय, उपवन आदि।
(ग) द्वंद्व समास के प्राणिवाचक शब्द पुल्लिंग होते हैं। जैसे- माँ-बाप, भाई-बहन आदि।
(घ) आ, आव, पा, पन, न, क, त्व, आवा और औड़ा से अंत होने वाली संज्ञाएँ पुल्लिंग होती हैं। जैसे- लोटा, बहाव, बुढ़ापा, बचपन, यौवन, पाठक, देवत्व, पहनावा, पकौड़ा आदि।
(ङ) पर्वतों, वारों, ग्रहों, समुद्रों, पेड़ों, महीनों, अनाजों, रत्नों, देशों आदि के नाम प्रायः पुल्लिंग होते हैं जैसे- हिमालय, सोमवार, मंगल, अरब सागर, पीपल, भारत, जनवरी, चावल, हीरा आदि।

स्त्रीलिंग

जिन शब्दों से स्त्री जाति का बोध हो, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं- मम्मी, दादी, गाय, बहन आदि। सदा स्त्रीलिंग रहने वाले कुछ शब्द हैं- गिलहरी, मैना, मछली, संतान, सवारी आदि।

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
शिष्यशिष्या
आचार्यआचार्या
बालबाला
महोदयमहोदया
कांतकांता
पूज्यपूज्या
चंद्रकांतचंद्रकांता
स्त्रीलिंग की पहचान

(क) संस्कृत के अकारांत शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- दया, कृपा।
(ख) भाषा के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- ञहदी, अंग्रेजी, पंजाबी।
(ग) उकारांत व ईकारांत संज्ञाएँ प्रायः स्त्रीलिंग होती है। जैसे- आयु, वस्तु, नौकरी, दूरी, गरमी आदि।
(घ) ञहदी की वे संज्ञाएँ जिनके अंत में ई, इया, ऊ, ख, त या स हो। जैसे- टोपी, खटिया, गेरू, भूख, लात, प्यास आदि।
(ङ) ट, आवट, आहट वाली संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे- झंझट, बनावट, चिकनाहट आदि।

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
गोपगोपी
बकराबकरी
देवदेवी
पुत्रपुत्री
बेटाबेटी
गधागधी
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