कक्षा 7 हिंदी व्याकरण अध्याय 2 वर्ण विचार

कक्षा 7 हिंदी व्याकरण अध्याय 2 वर्ण विचार के लिए अभ्यास प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के लिए अध्ययन सामग्री सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में विद्यार्थी यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 7 के छात्र-छात्राएँ हिंदी ग्रामर में पाठ 2 का अध्ययन यहाँ दिए गए विडियो तथा अभ्यास पुस्तिका के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं।

वर्ण-विचार

प्रत्येक भाषा की सबसे छोटी इकाई को ‘वर्ण’ कहते हैं। ये ध्वनि-संकेत होते हैं जिनसे भाषा बनती है। भाषा में वाक्य होते हैं। वाक्यों में शब्द तथा शब्दों में वर्ण होते हैं। वर्ण को ‘अक्षर’ भी कहा जाता है।
उदाहरण:
अब मत कर।
यह एक वाक्य है। इसमें तीन शब्द हैं:
1. अब
2. मत
3. कर

अब इन शब्दों के वर्णों को अलग-अलग करके देखते हैं।
अब = अ + ब् + अ,
मत = म् + अ + त् + अ,
कर = क + अ + र् + अ इसमें कुल 11 वर्ण हैं।
हम इसे और विभाजित नहीं कर सकते।
उस छोटी-से-छोटी ध्वनि को जिसका और विभाजन नहीं हो सकता, उसे ‘वर्ण’ कहते हैं। जैसे: अ, इ, उ, क्, च्, ट्, त्, प् आदि।

वर्णमाला

वर्णों के व्यवस्थित रूप को ‘वर्णमाला’ कहते हैं। हिंदी वर्णमाला में 44 वर्ण हैं। इस वर्णमाला के दो भाग हैंः
1. स्वर
2. व्यंजन

स्वर

जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से हो और जो व्यंजनों के उच्चारण में मदद करते हों, स्वर कहलाते हैं।
हिंदी भाषा में 11 स्वर होते हैं। उच्चारण के आधार पर स्वरों को दो भागों में बाँटा गया हैः
1. मूल स्वर
2. संधि स्वर

मूल स्वर
जिन स्वरों को बोलने में कम-से-कम समय लगता है, उन्हें ‘मूल स्वर’ कहते हैं। इन्हें ‘हृस्व स्वर’ भी कहा जाता है। ‘हृस्व स्वर’ चार हैं: अ, इ, उ, ऋ।

संधि स्वर

जिन स्वरों को बोलने में मूल स्वरों की अपेक्षा दुगुना समय लगता है, उन्हें संधि स्वर कहते हैं। ये स्वरों के मेल से बनते हैं। इन्हें ‘दीर्घ स्वर’ भी कहा जाता है। दीर्घ स्वर के उच्चारण में दो मात्रओं का समय लगता है। दीर्घ स्वर सात हैं:
आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
इनके अलावा हिंदी में प्लुत् स्वर भी प्रयोग किया जाता है। ये ऐसे स्वर हैं जिनके उच्चारण में हृस्व स्वर की अपेक्षा तिगुना समय लगता है। अक्सर इनका प्रयोग दूर से बुलाने में किया जाता है। जैसे: ‘अरे ओ भइयाऽ इधर आओऽ’ के बाद स्वर, दीर्घ स्वर से भी लंबा हो गया है।

मात्रा
यदि स्वरों को व्यंजनों के साथ मिलाकर लिखें तो उनका रूप बदल जाता है, उन्हें ‘मात्रा’ कहते हैं। स्वर तथा उनकी मात्रएँ प्रयोग सहित यहाँ दी गई हैं।

व्यंजन

जो वर्ण स्वर की मदद के बिना नहीं बोले जा सकते हैं, वे ‘व्यंजन’ कहलाते हैं। हिंदी में 33 व्यंजन हैं।
व्यंजन के भेद
व्यंजन के तीन भेद होते हैं:
1. स्पर्श
2. अंतःस्थ
3. ऊष्म

कक्षा 7 हिंदी व्याकरण पाठ 2 वर्ण विचार
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