कक्षा 7 हिंदी व्याकरण अध्याय 18 संबंधबोधक

कक्षा 7 हिंदी व्याकरण अध्याय 18 संबंधबोधक के उदाहरण और वाक्य प्रयोग सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। सातवीं कक्षा में हिंदी ग्रामर सरल तथा रुचिकर है अतः इसको सहजता से पढ़ने का आनंद लें और हिंदी की सुंदरता को जानें।

संबंधबोधक

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम से मिलकर उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से दर्शाए, उसे संबंधबोधक कहते हैं। अर्थात् संबंधबोधक अव्यय वाक्य के संज्ञा या सर्वनाम का अन्य शब्दों के साथ संबंध का ज्ञान कराता है।
उदाहरण:
(क) गर्मी के मारे बुरा हाल है।
(ख) भोजन से पहले हाथ धो लो।
(ग) कमरे के आस-पास गंदगी है।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘के मारे’, ‘से पहले’, और ‘के आस-पास’ ऐसे शब्द या शब्द समूह हैं, जो वाक्य के संज्ञा या सर्वनाम का संबंध दूसरे शब्दों से कराता है।

संबंधबोधक के भेद

संबंधबोधक चार प्रकार के होते हैं:
1. कालवाचक संबंधबोधक
2. स्थानवाचक संबंधबोधक
3. सादृश्यवाचक संबंधबोधक
4. तुलनावाचक संबंधबोधक

कालवाचक संबंधबोधक
कालवाचक संबंधबोधक संज्ञा या सर्वनाम का समय संबंधाी ज्ञान कराता है। जैसे- आगे, पीछे, पहले, बाद आदि।
उदाहरण:
(क) वह मोहन से आगे जा रहा है।
(ख) तुम उसके पहले आ गए।
(ग) राम के बाद श्याम का काम होगा।

स्थानवाचक संबंधबोधक

स्थानवाचक संबंधबोधक से संज्ञा या सर्वनाम के समानता संबंध का ज्ञान होता है। जैसे- समान, तरह, तुल्य, बराबर, भाँति आदि।
उदाहरण:
(क) कौआ छत के ऊपर बैठा है।
(ख) बिल्ली मेज के नीचे बैठी है।
(ग) तुम कमरे के भीतर हो।

सादृश्यवाचक संबंधबोधक

सादृश्यवाचक संबंधबोधक से संज्ञा या सर्वनाम के समानता संबंध का ज्ञान होता है। जैसे- समान, तरह, तुल्य, बराबर, भाँति आदि।
उदाहरण:
(क) वह मेरे पिता तुल्य हैं।
(ख) लता के समान और नहीं गाती।
(ग) राहुल के बराबर कोई नहीं खेलता।

संबंधबोधक और क्रियाविशेषण में अंतर

कुछ शब्द संबंधबोधक और क्रियाविशेषण दोनों रूपों में प्रयोग किए जाते हैं। ये शब्द हैं- यहाँ, ऊपर, पास, सामने, नीचे, भीतर आदि।
जब इन शब्दों का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम के साथ होता है तब ये संबंधबोधक होते हैं, लेकिन जब इनके द्वारा क्रिया की विशेषता बतलाई जाती है, तब ये क्रिया-विशेषण होते हैं।

संबंधबोधकक्रियाविशेषण
बिल्ली घर के भीतर है।बिल्ली भीतर गई।
कमरे से बाहर जाओ।बाहर जाओ।
बिल्ली पेड़ के नीचे बैठी है।बिल्ली नीचे बैठी है।
नरेश कमरे के भीतर है।नरेश भीतर है।
कबूतर छत के ऊपर बैठा है।कबूतर ऊपर बैठा है।

नोट: उपर्युक्त शब्दों का प्रयोग जब संबंधबोधक की तरह होता है, तब उनसे पहले ‘से’, ‘के’ ‘की’ आदि जुड़ जाते हैं। लेकिन यदि वाक्य में इन शब्दों से पहले, ‘से’, ‘के’, ‘की’ आदि न जुड़े हों तो ये क्रिया-विशेषण बन जाते हैं।

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