कक्षा 4 हिंदी व्याकरण अध्याय 18 अपठित गद्यांश

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी व्याकरण पाठ 18 अपठित गद्यांश और उस पर आधारित प्रश्न उत्तर तथा अभ्यास के लिए गद्यांश तथा उसके उत्तर छात्र सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। यहाँ दिए गए अपठित गद्यांश सभी राजकीय बोर्ड तथा सीबीएसई के अनुसार बनाए गए हैं ताकि सभी विद्यार्थी इससे अपनी परीक्षा की तैयारी आसानी से कर सकें। उदहारण के लिए कई गद्यांश हल कर दिए गए हैं।

कक्षा 4 के लिए हिंदी व्याकरण अध्याय 18 अपठित गद्यांश

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अपठित गद्‌यांश

अपठित गद्‌यांश का अर्थ है गद्य का ऐसा अंश जिसे आपने कभी पढ़ा न हो। अर्थात्‌ पहले से न पढ़े गए पाठ के अंश को अपठित गद्यांश कहते हैं।

इस प्रकार के गद्यांश पर आधाारित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए निम्नलिखिए बातों पर ध्यान दें:

1. गद्‌यांश को दो-तीन बार धयानपूर्वक पढ़ें।
2. उसमें आई मुख्य बातों पर पेंसिल से निशान लगाएँ।
3. प्रश्नों को बारी-बारी से पढ़कर उनके उत्तर गद्यांश में खोजें।
4. उत्तर लिखते समय धयान रखें कि जितनी बात प्रश्न में पूछी गई हो, केवल उसी का उत्तर दें। उत्तर संक्षिप्त हो। तथा एक उचित शीर्षक भी दें।

हमारा पुस्तकालय

पुस्तकालय का अर्थ है पुस्तकें रखने का कक्ष। हर स्कूल और कॉलेज में पुस्तकालय होता है। पुस्तकालय में न केवल किताबें होती हैं, बल्कि अखबार, पत्र्-पत्रिकाएँ, चार्ट आदि भी होते हैं। लोग पुस्तकालय में बैठकर मन-पसंद किताबें, अखबार और पत्र्-पत्रिकाएँ पढ़ते हैं। हमारे स्कूल में एक बड़ा पुस्तकालय है। उसमें हिंदी अंग्रेजी, संस्कृत आदि भाषाओं की हजारों पुस्तकें, शब्दकोष, मानचित्र् आदि हैं। बीच में एक बड़ी मेज़् है। हम वहीं बैठकर किताबें और पत्र्-पत्र्किाएँ पढ़ते हैं। बुधवार को हमारी पुस्तकालय की कक्षा होती है। हमारे अध्यापक भी हमारे साथ आते हैं। हमें तस्वीरों वाली कहानी की किताबें पढ़ने में मजा आता है।

पुस्तकालय में क्या-क्या चीजें होती हैं?

पुस्तकालय में किताबें, अखबार, पत्र्-पत्रिकाएं, शब्दकोश, मानचित्र्, चार्ट आदि होते हैं।

बच्चे कहाँ बैठकर पढ़ते हैं?

बच्चे पुस्तकालय में बड़ी मेज़् के पास कुरसी पर बैठकर पढ़ते हैं।

हमारी पुस्तकालय की कक्षा कब होती हैं?

हमारी पुस्तकालय की कक्षा बुद्धवार को होती है।

बच्चों को कैसी पुस्तकें पढ़ने में मजा आता है?

बच्चों को रंगीन तस्वीरों वाली कहानी की पुस्तवेंळ पढ़ने में मजा आता है।

पुस्तकालय किसे कहते हैं?

हम जहाँ पुस्तकें, अखबार और पत्र्-पत्रिकाएँ रखते हैं, उसे पुस्तकालय कहते हैं।

सत्संगति

सत्संगति के अनेक लाभ हैं। अच्छे लोगों के साथ रहने से हमारी आदतों में सुधाार होता है। वैसे भी अच्छे मित्र् मुसीबत के समय सही सलाह देते हैं। हमें बुरे लोगों के साथ से बचना चाहिए। बुरे लोगों का साथ काजल की ऐसी कोठरी है, जिसमें मित्र् चुनते समय हमें सावधाान रहना चाहिए। सत्संगति हमारे जीवन को सही दिशा दिखाती है।

हमें अच्छे लोगों के साथ क्यों रहना चाहिए?

अच्छे लोगों के साथ रहकर हमारी आदतों में सुधाार होता है।

मुसीबत के समय अच्छे मित्र् क्या करते हैं?

मुसीबत के समय अच्छे मित्र् सलाह देते हैं?

बुरें लोगों के साथ को किस के समान माना गया है?

बुरे लोगों के साथ को काजल की कोठरी के समान माना गया है।

इस गद्यांश के लिए उचित शीर्षक लिखिए।

‘सत्संगति का महत्त्व’

टेलीविजन

पचास साल पहले टेलीविजन नहीं था। उस समय लोग फिल्म देखने के लिए सिनेमाघरों में जाते थे। आज घर-घर में टेलीविजन पहुँच गया है। तुम अपनी पसंद का चैनल चुनकर अपना मनपसंद कार्यक्रम देख सकते हो। टेलीविजन मनोरंजन का अच्छासाधन है। इसमें हम फिल्में, नृत्य, गाने आदि कार्यक्रम देख सकते हैं। बच्चों के लिए टेलीविजन पर कार्टून के कार्यक्रम भी आते हैं। अब हमें सर्कस देखने के लिए या क्रिकेट मैच देखने के लिए कहीं जाने की जरूरत ही नहीं है। हम ये कार्यक्रम घर बैठे देख सकते हैं। टेलीविजन शिक्षा का भी साधान है। टेलीविजन पर पेड़-पौधे उगाना, घर और बाहर की सफाई, नए-नए व्यंजन बनाना, स्वास्थ्य, योगासन आदि से संबंधित अनेक कार्यक्रम आते हैं। हम इन कार्यक्रमों से नई-नई बातें सीखते हैं। लेकिन पढ़ाई छोड़कर दिनभर टेलीविजन देखना अच्छी बात नहीं है। बहुत पास से टेलीविजन देखने पर आँखें भी खराब हो जाती हैं। अत: टेलीविजन को कम समय व दूर से देखना चाहिए। टेलीविजन मनोरंजन का उपयोगी साधान है।

टेलीविजन का आविष्कार कब और किसने किया था?

टेलीविजन का आविष्कार बेयर्ड ने 1925 किया था।

टेलीविजन पर कौन-कौन से मनोरंजक कार्यक्रम आते हैं?

फिल्म, नृत्य, गाने, समाचार आदि।

टेलीविजन पर कौन-कौन से शिक्षाप्रद कार्यक्रम आते हैं?

बागवानी, स्वास्थ्य, विज्ञान और खेल से सम्बंधित।

लोग पहले फिल्म देखने कहाँ जाते थे?

सिनेमाघरों में।

नीचे कुछ रोचक अपठित गद्‌यांश दिए जा रहे हैं, उन्हें धयान से पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर लिखिए

एक गधा जंगल में घास चर रहा था। जंगल के किनारे पर ही उसके मालिक माधव का घर था। वह रोज जंगल में आकर घास खाता और चला जाता। जंगल की हरी-हरी घास खाकर उसे बड़ा ही मजा आता था। उसे वहाँ कभी भी कोई खतरा महसूस नहीं हुआ। मगर एक दिन अचानक ही उसे पास की झाड़ियों में सरसराहट सुनाई दी। उसने सिर उठाकर देखा तो उसके प्राण सूख गए। झाड़ियों से निकलकर एक बाघ उसके सामने आ खड़ा हुआ था। गधे ने सोचा कि आज तो मारे गए। मगर आदमियों की संगत में रहकर वह भी बहुत चालाक हो गया था। उसने डरना छोड़ा और लंगड़ा-लंगड़ाकर चलने लगा।

गधाा जंगल में क्या कर रहा था?

गधा जंगल में घास चर रहा था।

जंगल के किनारे किसका घर था?

जंगल के किनारे माधव का घर था।

अचानक ही एक दिन गधे के सामने कौन आ खड़ा हुआ?

अचानक एक दिन गधे के सामने बाघ आ खड़ा हुआ।

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कक्षा 4 हिंदी व्याकरण में अपठित गद्यांश के प्रश्न