कक्षा 12 गणित अध्याय 7 एनसीईआरटी समाधान – समाकलन

कक्षा 12 गणित अध्याय 7 के लिए एनसीईआरटी समाधान पाठ 7 समाकलन अभ्यास के लिए प्रश्नावली व्यायाम एक्सरसाइज 7.1, 7.2, 7.3, 7.4, 7.5, 7.6, 7.7, 7.8, 7.9, 7.10 तथा विविध प्रश्नावली 7 सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 12 गणित ऑफलाइन ऐप यहाँ से डाउनलोड करें। यह बिना इन्टरनेट के भी प्रयोग किया जा सकता है।

कक्षा 12 गणित अध्याय 7 के लिए एनसीईआरटी समाधान

समाकलन क्या होता है?

वे सभी फलन जिनसे हमें एक फलन उनके अवकलज के रूप में प्राप्त हुआ है, इस फलन के प्रतिअवकलज (पूर्वग) कहलाते हैं। अर्थात वह सूत्र जिसके द्वारा प्रतिअवकलज प्राप्त होते हैं, फलन का अनिश्चित समाकलन कहलाता है तथा प्रतिअवकलज ज्ञात करने का यह प्रक्रम समाकलन करना कहलाता है।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.1 के हल

12वीं कक्षा गणित एनसीईआरटी पुस्तक की प्रश्नावली 7.1 में कुल 22 प्रश्न हैं जो मात्र समाकलन सूत्रों पर आधारित सरल प्रश्न हैं। इस प्रश्नावली में दो प्रश्न एमसीक्यु भी हैं।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.2 के हल

बारहवीं कक्षा गणित की प्रश्नावली 7.2 में हम प्रतिस्थापन द्वारा समाकलन करना सीखते हैं। यह प्रश्नावली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाली प्रश्नावलियों में हम प्रतिस्थापन का प्रयोग बहुतायत करते हैं। इस प्रश्नावली में कुल 39 प्रश्न हैं जिन्हें बार बार अभ्यास करते रहना चाहिए।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.3 के हल

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.3 में सभी प्रश्न त्रिकोंमितीय सर्व समिकाओं पर आधारित हैं। इसलिए 12वीं गणित के अभ्यास 7.3 को हल करने के लिए त्रिकोंमितीय सर्व समिकाओं को याद करना आवश्यक हैं। इसमें कुल 24 प्रश्न हैं जो आसानी से समझ में आ जाते हैं और हल भी हो जाते हैं यदि सर्वसमिकाएँ याद हों।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.4 के हल

कक्षा 12 गणित की प्रश्नावली में हम कुछ विशिष्ट फलनों के समाकलन सीखेंगे। विद्यार्थियों को इन फलनों को प्रतिस्थापन विधि से भी करके देखना चाहिए ताकि इस प्रकार के प्रत्येक प्रश्न को आसानी से कर सकें।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.5 के हल

कक्षा 12 गणित भाग 2 में प्रश्नावली 7.5 में हम दी गई भिन्नों को आंशिक भिन्नों में बदल कर समाकलन करना सीखते हैं। इस प्रश्नावली में कुल 23 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न आसन होने के बावजूद, इन्हें करने में समय सामान्यतः अधिक लगता है।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.6 के हल

12वीं गणित की प्रश्नावली 7.6 खंडशः समाकलन पर आधारित हैं। यह प्रश्नावली परीक्षा की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रश्नावली 7.6 में कुल 24 प्रश्न हैं जिनमें से प्रश्न 18 से 21 तक के प्रश्न परीक्षा में अक्सर पूंछे जाते हैं।

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कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.7 के हल

कक्षा बारह गणित प्रश्नावली 7.7 में हम कुछ अन्य प्रकार के फलनों के समाकलन करेंगे जैसाकि प्रश्नावली 7.4 में किया था। प्रश्नावली 7.7 में कुल 11 प्रश्न हैं परन्तु इस अभ्यास के कुछ प्रश्न पूरक सामग्री में भी दिए गए हैं।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.8 के हल

कक्षा 12 गणित एक्सरसाइज 7.8 में हम समाकलन गणित की आधारभूत प्रमेय के बारे में पढेंगे। यह हमें योगफल की सीमा ज्ञात किए बिना निश्चित समाकलन को ज्ञात करने की आसान विधि प्रदान करती है। इस प्रश्नावली में कुल 22 प्रश्न हैं और लगभग सभी आसनी से हल हो जाते हैं।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.9 के हल

12वीं कक्षा गणित के अध्याय 7.9 में हम प्रतिस्थापन द्वारा निश्चित समाकलनों के बारे में सीखेंगे। इस प्रश्नावली में केवल 10 प्रश्न हैं और लगभग सभी प्रश्न सरल हैं।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 7.10 के हल

12वीं गणित प्रश्नावली 7.10 में सभी प्रश्न निश्चित समाकलनों के गुणधर्मों पर आधारित है। इस प्रश्नावली से प्रश्न अक्सर परीक्षा में पूंछे जाते हैं।

कक्षा 12 गणित विविध प्रश्नावली 7 के हल

अन्य विविध प्रश्नावलियों की भांति विविध प्रश्नावली 7 भी महत्वपूर्ण होने के साथ साथ कुछ कठिन भी है। इस प्रश्नावली को कम से कम तीन बार तो अवश्य करना चाहिए।

अवकलन व समाकलन में अंतर

अवकल गणित अवकलज की संकल्पना पर केंद्रित है। फलनों के आलेखों के लिए स्पर्श रेखाएँ परिभाषित करने की समस्या एवं इस प्रकार की रेखाओं की प्रवणता का परिकलन करना अवकलज के लिए मूल अभिप्रेरण था। समाकलन गणित, फलनों के आलेख से घिरे क्षेत्र के क्षेत्रफल को परिभाषित करने एवं इसके क्षेत्रफल का परिकलन करने की समस्या से प्रेरित है।

    • जैसा कि हम जानते हैं सभी फलन अवकलनीय नहीं होते हैं। ठीक इसी प्रकार सभी फलन समाकलनीय भी नहीं होते हैं। हम अनवकलनीय और असमाकलनीय फलनों के बारे में अगली कक्षाओं में पढेंगे।
    • यदि किसी फलन के अवकलज का अस्तित्व है तो वह अद्वितीय होता है परंतु किसी फलन के समाकलन के साथ ऐसा नहीं है तथापि वे किसी योज्य अचर तक सीमित अद्वितीय होते हैं अर्थात किसी फलन के दो समाकलनों में हमेशा एक अचर का अंतर होता है।