एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 10 शंकु परिच्छेद

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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 10

शंकु परिच्छेद एवं उनके उपयोग

इस अध्याय में, हम जिन वक्रों का अध्ययन करेंगे उनमें वृत्त, परवलय, दीर्घवृत्त और अतिपरवलय। परवलय और अतिपरवलय अपोलोनियस द्वारा दिए गए नाम हैं। वास्तव में इन वक्रों को शंकु परिच्छेद या सामान्यतः शांकव कहा जाता है क्योंकि इन्हें एक लंब वृत्तीय द्विशंकु और एक समतल के परिच्छेदन से प्राप्त किया जा सकता है। इन वक्रों का ग्रहों के घूर्णन, दूरदर्शीयंत्र और एंटीना के निर्माण, आटोमोबाइल्स की हेडलाइट में, परावर्तक इत्यादि में बहुत अधिक उपयोगी होता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

ज्यामिति गणित की सबसे प्राचीन शाखाअें में से एक है। यूनान के ज्यामितिविदों ने अनेक वक्रों के गुणधर्मों का अन्वेषण किया जिनकी सैद्धांतिक और व्यावहारिक महत्ता है। यूक्लिड ने लगभग 300 ई० पू० ज्यामिति पर अपना भाष्य लिखा। वह सर्वप्रथम व्यक्ति थे जिन्होनें भौतिक चिंतन द्वारा सुझाए गए निश्चित अभिग्रहीतियों के आधार पर ज्यामितीय चित्रों को संगठित किया। 200 ई० पू० में अपोलोनियस ने एक पुस्तक, “द कोनिक” लिखी जो अनेक महत्वपूर्ण अन्वेषणों के साथ शंकु परिच्छेदों के बारे में थी और 18 शताब्दियों तक बेजोड़ रही। न्यूटन ने वक्रों के समीकरण ज्ञात करने के लिए अज्ञात गुणांको की विधि का प्रयोग किया। उन्होंने अनेक प्रकार के निर्देशांकों, ध्रुवीय और द्विध्रुवीय का प्रयोग किया।

लेइब्नित्ज़ ने भुज, ‘कोटि’ और निर्देशांक पदों का प्रयोग किया। एल. हॉस्पिटल (लगभग 1700 ई०) ने वैश्लेषिक ज्यामिति पर एक महत्वपूर्ण पाठ्य पुस्तक लिखी। क्लैरौट (1729 ई०) ने सर्वप्रथम दूरी सूत्र को दिया। यद्यपि यह शुद्ध रूप में था उन्होंने रैखिक समीकरण का अंतःखंड रूप भी दिया। क्रेमर (1750 ई०) ने औपचारिक रूप से दो निर्देशाक्षों को प्रयोग करके वृत्त का समीकरण (y – a)² + (b – x)² = r दिया। उन्होंने उस समय में वैश्लेषिक ज्यामिति का सर्वोत्तम प्रस्तुतीकरण दिया। मोंगे (1781ई०) ने आधुनिक बिंदु प्रवणता के रूप में रेखा का समीकरण निम्न प्रकार से दिया।

विज्ञान एवं गणित दोनों में अनेक महत्वपूर्ण अन्वेषण शंकु परिच्छेदों से संबंधित हैं। यूनानियों विशेषकर आर्कमिडीज (287 – 212 ई० पू०) और अपोलोनिउस (200 ई० पू०) ने शंकु परिच्छेदों का अध्ययन किया। आजकल ये वक्र महत्वपूर्ण उपक्रम हैं, जिससे बाह्य अंतरिक्ष और परमाणु कणों के व्यवहार से संबंधित अन्वेषणों के द्वारा अनेक रहस्यों का उद्घाटन हुआ है।

कक्षा 11 गणित पाठ 10 का परिचय

प्रस्तुत पाठ 10 में शंकु परिच्छेद एवं उससे सम्बंधित अनुच्छेद, उदाहरण एवं प्रश्न हैं। इस अध्याय में चार प्रश्नावलियां हैं तथा एक विविध प्रश्नावली है। प्रश्नावली 10.1 में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न वृत्त पर आधारित हैं। इसी प्रकार से प्रश्नावली 10.2 में कुल 15 प्रश्न हैं जो परवलय पर आधारित हैं। प्रश्नावली 10.3 में दीर्घवृत पर आधारित 20 प्रश्न हैं। अगली प्रश्नावली 10.4 अतिपरवलय और उससे सम्बंधित विषयों पर आधारित हैं प्रश्नावली में कुल 15 प्रश्न हैं।