एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 10.1

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शंकु के परिच्छेद

शंकु एक ऐसी त्रिआयामी आकृति है जिसका आधार गोलाकार होता है तथा शंकु का शीर्ष एक बिंदु होता है।
शंकु के परिच्छेद
स्थिर बिंदु V को शंकु का शीर्ष और स्थिर रेखा l शंकु का अक्ष कहलाता है। इन सभी स्थितियों में घूमने वाली रेखा m शंकु की जनक कहलाती है। शंकु को शीर्ष दो भागों में विभक्त करता है जिन्हें नापे कहते हैं।
यदि हम एक तल और एक शंकु का परिच्छेदन लेते हैं तो इस प्रकार प्राप्त परिच्छेद वक्र, शंकु परिच्छेद कहलाते हैं। इस प्रकार, शंकु परिच्छेद वे वक्र हैं जिन्हें एक लंब वृत्तीय शंकु और एक तल के परिच्छेदन से प्राप्त किया जाता है।
शंकु के साथ तल का परिच्छेदन या तो शंकु के शीर्ष पर हो सकता है या नापे के दूसरे किसी भाग पर ऊपर या नीचे हो सकता हैं।

कक्षा 11 के लिए एनसीईआरटी समाधान

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वृत्त, दीर्घवृत्त, परवलय और अतिपरवलय

जब तल, शंकु के नापे (शीर्ष के अतिरिक्त) को काटता है, तो हमें निम्नांकित स्थितियाँ प्राप्त होती हैंः
(i) जब ¬ = 90⁰, तो परिच्छेद एक वृत्त होता है।
(ii) जब α < β < 90⁰ तो परिच्छेद एक दीर्घवृत्त होता है।
(iii) जब β = α तो परिच्छेद एक परवलय होता है।
(उपरोक्त तीनों स्थितियों की प्रत्येक स्थिति में तल शंकु को नापे के पूर्णतः आर-पार काटता है)।
(iv) जब 0 ¬≤ β < α तो तल शंकु के दोनों नेप्स को काटता है तो परिच्छेद वक्र एक अतिपरवलय होता है।

अपभ्रष्ट शंकु परिच्छेद

जब तल शंकु के शीर्ष पर काटता है तो निम्नलिखित स्थितियाँ प्राप्त होती हैंः
(i) जब α < β ¬≤ 90⁰ तो परिच्छेद एक बिंदु है।
(ii) जब β = α, तो तल, जनक को अंतर्विष्ट करता है और परिच्छेद एक सरल रेखा होती है। यह परवलय की अपभ्रष्ट स्थिति है।
(iii) जब 0 ¬≤ β < α तो परिच्छेद एक प्रतिच्छेद करने वाली रेखाओं का युग्म है। यह अतिपरवलय की अपभ्रष्ट स्थिति है।

वृत्त तथा उसके भाग

वृत्त, तल के उन बिंदुओं का समुच्चय होता है जो तल के एक स्थिर बिंदु से समान दूरी पर होते हैं। स्थिर बिंदु को वृत्त का केंद्र कहते हैं तथा वृत्त पर किसी एक बिंदु की केंद्र से दूरी को वृत्त की त्रिज्या कहते हैं।
यदि वृत्त का केंद्र मूल बिंदु पर होता है तो वृत्त का समीकरण सरलतम होता है। फिर भी, हम ज्ञात केंद्र तथा त्रिज्या के वृत्त का समीकरण निम्नलिखित प्रकार से व्युत्पन्न करेंगें।
वृत्त का केंद्र C (h, k) तथा त्रिज्या r ज्ञात है। मान लीजिए वृत्त पर कोई बिंदु P (x, y) है। तब परिभाषा से, ICPI = r दूरी सूत्र द्वारा, निम्नलिखित प्रकार से प्राप्त करते हैं:
r = √{(x – h)² + (y – k)²}
या r² = (x – h)² + (y – k)²
यह केंद्र (h, k) तथा त्रिज्या r वाले वृत्त का अभीष्ट समीकरण है।

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