एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 10.3

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 10.3 शंकु परिच्छेद के प्रश्नों के हल अभ्यास के सवाल जवाब सीबीएसई और राजकीय बोर्ड के सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 11 गणित के विद्यार्थी प्रश्नावली 10.3 के प्रश्नों के आसान हल यहाँ दिए गए विडियो समाधान के माध्यम से भी सरलता से समझ सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 10.3

नाभिलंब जीवा

परवलय की नाभि से जाने वाली और परवलय की अक्ष के लंबवत रेखाखंड जिसके अंत्य बिंदु परवलय पर हों, को परवलय की नाभिलंब जीवा कहते हैं। परवलय की नाभिलंब जीवा की लंबाई ज्ञात करना, परवलय की परिभाषा के अनुसार
परन्तु AC = FM = 2a
अतः AF = 2a
और क्योंकि परवलय, x-अक्ष के परितः सममित है। अतः
AF = FB और इसलिए
AB = नाभिलंब जीवा की लंबाई = 4a

दीर्घवृत्त

एक दीर्घवृत्त तल के उन बिंदुओं का समुच्चय है जिनका तल में दो स्थिर बिंदुओं से दूरी का योग अचर होता है। दो स्थिर बिंदुओं को दीर्घवृत्त की नाभियाँ कहते हैं। नाभियों को मिलाने वाले रेखाखंड के मध्य बिंदु को दीर्घवृत्त का केंद्र कहते हैं। दीर्घवृत्त की नाभियों से जाने वाला रेखाखंड, दीर्घवृत्त का दीर्घ अक्ष कहलाता है और केंद्र से जाने वाला और दीर्ध अक्ष पर लंबवत रेखाखंड, दीर्घवृत्त का लघु अक्ष कहलाता है। र्दीर्घ अक्ष के अन्त्य बिंदुओं को दीर्घवृत्त के शीर्ष कहते हैं।
हम दीर्घ अक्ष की लंबाई को, 2a से लघु अक्ष की लंबाई को, 2b से और नाभियों के बीच की दूरी को 2c से लिखते हैं। अतः अर्ध-दीर्घ अक्ष की लंबाई a तथा अर्ध-लघु अक्ष की लंबाई b है।
अर्ध-दीर्घ अक्ष, अर्ध-लघु अक्ष और दीर्घवृत्त के केंद्र से नाभि की दूरी के बीच में संबंध
दीर्घवृत्त के दीर्घ अक्ष पर एक अंत्य बिंदु P लीजिए। बिंदु P की नाभियों से दूरियों का योग
F₁P + F₂P = F₁O + OP + F₂P
(क्योंकि F₁P = F₁O + OP)
= c + a + a – c = 2a

अब लघु अक्ष पर एक अंत्य बिंदु Q लीजिए। बिंदु Q की नाभियों से दूरियों का योग
F₁Q + F₂Q = √(b² + c²) + √(b² + c²) = 2√(b² + c²)
क्योंकि P और Q दोनों दीर्घवृत्त पर स्थित हैं। अतः दीर्घवृत्त की परिभाषा से हम पाते हैं
2√(b² + c²) = 2a
अर्थात a = √(b² + c²)
या a² = (b² + c²)
या c² = a² – b²

एक दीर्घवृत्त की विशेष स्थितियाँ

उपरोक्त प्राप्त समीकरण c² = a² – b² में, यदि हम a का मान स्थिर रखें और c का मान 0 से a, तक बढ़ायें तो परिणामी दीर्घवृत्त के आकार निम्नांकित प्रकार से बदलेंगे।
स्थिति (i)
यदि c = 0, हो तो दोनों नाभियाँ, दीर्घवृत्त के केंद्र में मिल जाती हैं और a² = b² या a = b और इसलिए दीर्घवृत्त एक वृत्त बन जाता है। इस प्रकार वृत्त, एक दीर्घवृत्त की विशेष स्थिति है।
स्थिति (ii) यदि c = a हो तो b = 0 और दीर्घवृत्त दोनों नाभियों को मिलाने वाले रेखाखंड F₁F₂ तक सिमट जाता है।

दीर्घवृत्त की उत्केंद्रता

दीर्घवृत्त की उत्केंद्रता, दीर्घवृत्त के केंद्र से नाभि और केंद्र से शीर्ष की दूरियों का अनुपात है। उत्केंद्रता को e के द्वारा निर्दिष्ट करते हैं, अर्थात् e = c/a है।
क्योंकि नाभि की केंद्र से दूरी c है इसलिए उत्केंद्रता के पद में नाभि की केंद्र से दूरी ae है।

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