कक्षा 4 हिंदी व्याकरण अध्याय 19 चित्र लेखन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी व्याकरण पाठ 19 चित्र लेखन पर आधारित अभ्यास सीबीएसई तथा स्टेट बोर्ड के विधार्थियों के लिए यहाँ मुफ़्त में दिए गए हैं। चित्र को देखाकर उसके भाव को लिखना तथा उसके बारे में व्याख्या करने से छात्र में किसी के बारे में विचार व्यक्त करने की कला का प्रसार होता है। यहाँ कुछ चित्र लेखन हल किए हुए हैं परन्तु छात्र उन्हें पुनः अपने शब्दों में व्यक्त कर सकते हैं।
कक्षा 4 के लिए हिंदी व्याकरण अध्याय 19 चित्र लेखन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी व्याकरण पाठ 19 चित्र लेखन
चित्र्-लेखन
किसी चीज के बारे में विस्तार से बताना-वर्णन कहलाता है। चित्र्-वर्णन में एक चित्र् दिया जाता है। उसे देखकर मन में जो विचार या भाव आते हैं, उन्हीं विचारों या भावों को लिखकर चित्र् वर्णन किया जाता है।
दशहरा
दशहरे की छुट्टियों में, हमारे ममेरे भाई-बहन चंडीगढ़ से हमारे घर दिल्ली आए हुए थे। हम सबने मिलकर सूरजकुंड जाकर पिकनिक मनाने का प्रोग्राम बनाया और वहाँ ले जाने के लिए मम्मी को भी मना लिया। मम्मी ने पापा और मामा जी से बात की और हमें अगले दिन पिकनिक पर जाने की इजाजत मिल गई। मम्मी ने सुबह जल्दी उठाकर हमारी पसंद का खाना बनाया तथा चिप्स, पेप्सी और चाकलेट भी बाजार से ले आई। हम सब भी उस दिन जल्दी उठ गए और तैयार होकर सुबह 9 बजे पिकनिक मनाने सूरजकुंड के लिए हम अपनी कार में सामान रखकर निकल पड़े। 11 बजे सूरजकुंड पहुँच गए। वहाँ सबसे पहले हमने नाव में सैर की। वहाँ हमने बैडमिंटन भी खेला। दोपहर को हमने हरी घास पर चटाई बिछाई और बैठ गए। मम्मी ने हमारी पसंद की बनाई चीजें हमें खाने को दी। उसके बाद हम अंताक्षरी खेलने लगे। चार बजे मम्मी ने हमें समोसे खाने को दिए और साथ में पीने को पेप्सी दी। 4 बजे हम अपना सामान समेटकर अपनी कार में बैठकर घर की ओर चल पड़े। रास्ते में चाकलेट खाते और बातें करते-करते पता नहीं कब हम घर पहुँच गए।
नीचे दिए गए चित्र् को देखकर मन में आए हुए विचारों की लिखकर अभिव्यक्त कीजिए
प्रदूषण
आज के समय में प्रदूषण एक विकट समस्या बन चुकी है जिसका समाधान निकालना सरकारों के लिए कठिन होता जा रहा है। नगरीय क्षेत्रों में वायु, जल एवं ध्वनी प्रदूषण तीनों का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। इसका मुख्य कारण जनसंख्या का बढ़ना, औद्योगिक विकास तथा पेड़-पौधों का कटान है। उद्योगों और यातायात के बढ़ने से वायु तथा ध्वनी प्रदूषण बढ़ रहा है तथा नगरों में जनसँख्या के बढ़ने से जल प्रदूषण और कचरे की समस्या पैदा हो रही है। इन सबके वजह से अनेक बीमारियाँ फ़ैल रही हैं। इस समस्या के समाधान के लिए विश्व स्तर पर अनेक प्रयास किये जा रहे है। कोयले और पेट्रोलियम की जगह स्वच्छ ऊर्जा के साधनों का प्रयोग करने की तकनीकी को विकसित किया जा रहा है तथा गंदे पानी को स्वच्छ करके दुबारा प्रयोग के लायक बनाया जा रहा है। लोगों को प्रोत्साहित कर अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं जिससे पर्यावरण को पुनः स्वच्छ बनाया जा सके।