एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 संस्कृत पाठ 1 सुभाषितानि
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 संस्कृत अध्याय 1 सुभाषितानि – प्रथम: पाठ: सुभाषितानि के अभ्यास के प्रश्न उत्तर, रिक्त स्थान भरना, मिलान तथा अन्य प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर सरल रूप में प्रस्तुत किया गया है ताकि प्रत्येक विद्यार्थी को आसानी से समझ आ सके। कक्षा 7 संस्कृत पाठ 1 का हिंदी अनुवाद भी दिया गया है ताकि प्रत्येक वाक्य या शब्द को समझना आसान हो और पूरा पाठ परीक्षा के लिए आसानी से तैयार हो जाए।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 संस्कृत अध्याय 1 सुभाषितानि
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 संस्कृत प्रथम: पाठ: सुभाषितानि
कक्षा 7 संस्कृत अध्याय 1 सुभाषितानि का हिंदी अनुवाद
संस्कृत में वाक्य | हिंदी में अनुवाद |
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पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्। | पृथ्वी पर जल, अन्न और सुवचन ये तीन ही रत्न हैं, |
मूढै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते। | परंतु मूर्ख पत्थर के टुकड़ों को ही रत्न मान लेते हैं। |
सत्येन धार्यते पृथ्वी सत्येन तपते रवि:। | सत्य से ही पृथ्वी धारण की जाती है, सत्य से सूरज तपता है। |
सत्येन वाति वायुश्च सर्वं सत्ये प्रतिष्ठितम्। | सत्य से ही वायु प्रवाहित होती हैं, सब कुछ सत्य में समाहित है। |
संस्कृत में वाक्य | हिंदी में अनुवाद |
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दाने तपसि शौर्ये च विज्ञाने विनये नये। | दान में, तपस्या में, शौर्य में, विज्ञान में और विन्र्मता में |
विस्मयो न हि कर्त्तव्यो बहुरत्ना वसुन्धरा। | आश्चर्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि पृथ्वी बहुत रत्नोंवाली है। अर्थात् पृथ्वी में बहुत से ऐसे ही रत्नों से भरी है। |
सद्भिरेव सहासीत सद्भि: कुर्वीत सङ्गतिम्। | सज्जनों के साथ ही बैठना चाहिए और सज्जनों की संगति में रहना चाहिए। |
सद्भिर्विवादं मैत्रीं च नासद्भि: किञ्चिदाचरेत्। | सज्जनों के साथ विवाद और तर्क-वितर्क न करके उनसे मित्रता करनी चाहिए। |
संस्कृत में वाक्य | हिंदी में अनुवाद |
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धनधान्यप्रयोगेषु विद्याया: संग्रहेषु च। | धन धान्य के प्रयोग में और विधा के संचय में, |
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्। | आहार और व्यवहार में संकोच को छोड़नेवाला व्यक्ति सुखी होता है। |
क्षमावशीकृतिर्लोके क्षमया किं न साध्यते। | क्षमा, संसार में सबसे बड़ा वशीकरण है। क्षमा से क्या कार्य पूर्ण नहीं होता है। |
शान्तिखड्ग: करे यस्य किं करिष्यति दुर्जन:। | जिसके हाथ में शांति तलवार है, उसका दुष्ट व्यक्ति भी क्या कर सकता है। |