एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 गणित अध्याय 6 कबाड़ीवाली

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 गणित अध्याय 6 कबाड़ीवाली के प्रश्न उत्तर छात्र तिवारी अकादमी से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। ये समाधान शैक्षणिक सत्र 2023-24 के अनुसार पुनः संशोधित किए गए हैं। इस अध्याय में छात्र कबाड़ के खरीदने और बेचने के माध्यम से गणित के विभिन्न विधियों को सीखते हैं। कक्षा 4 गणित के पाठ 6 में दी गई गणनाओं को करने के लिए छात्रों को गुणा और जोड़ अच्छी तरह आना चाहिए।

कक्षा 4 गणित अध्याय 6 के लिए एनसीईआरटी समाधान

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कबाड़ीवाली

प्रस्तुत पाठ में एक महिला जो कबाड़ी का काम करती है। जिसका नाम किरण है। किरण पटना बिहार की रहने वाली हैं। वह अपने गाँव के हिंदी माध्यम स्कूल में आठवीं तक पढ़ी। पिता की मृत्यु के कारण उसे आगे की पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उसे हिंदी और विज्ञान पड़ना अच्छा लगता था, परंतु गणित में उसकी रूचि ना के बराबर थी। उसे गणित से नफ़रत थी। परंतु आज गणित ही उसके सबसे ज्यादा काम आता है। जो उसने स्कूल में कभी भी नहीं सोचा था। उसके पति की चाय की दुकान थी। उसने अपना खुद का व्यापार करने की सोची, पहले उसने एक चूड़ी की दुकान सोची फिर दर्जी की, अंत में अपनी सास के साथ मिलकर 2001 में कबाड़ी की दुकान खोली। जिसके लिए उसने 8000 रूपये उधार लिए।

समझने योग्य बात

बच्चों आप उधार से क्या समझते हो, किरण ने कबाड़ी की दुकान खोलने के लिए 8000 रूपये उधार लिए थे। उधार रूपये लेने को हम ब्याज पर पैसे लेना भी कहते हैं। इसमें हमें उधार ली हुई रकम पर तय दर के हिसाब से ब्याज चुकाना होता हैं।

उदाहरण के लिए हम, हरिया जिसने बैंक से उधार लिया और बाबू जिसने चुन्नीलाल शाहूकार से उधार लिया दोनों को देख सकते हैं। दोनों ने छह महीने के लिए 300 रूपये का उधार (कर्जा) लिया। हरिया ने 51 रूपये प्रति माह बैंक को वापिस लौटाया और बाबू ने छह महीने बाद चुन्नीलाल को 360 रूपये लोटाया। इसे हमें पता चलता है कि हरिया को केवल बैक को 6 रूपये का ब्याज देना पड़ा और बाबू को 60 रूपये का ब्याज चुन्नीलाल को देना पड़ा।

किरण का व्यवसाय

किरण के कबाड़ी के काम का लोगों ने मज़ाक उड़ाया और इसे अच्छा काम नहीं बताया। परंतु उसने इस काम में सफलता प्राप्त की, आज उसका मकान कच्चे से पक्का बन गया। घर में बिजली है, फ्रिज, टी०वी०, गैस स्टोव और सभी अवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध हैं। आज उसके पति के भाई-बहन और उसकी बेटी भी अच्छे स्कूल में जाती हैं। आज उसके पास 9 रिक्शे हैं। प्रत्येक रिक्शे को 20 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर देती है, लेकिन रविवार को किराए का एक भी पैसा नहीं लेती है।

विचार करने योग्य बात

किरण एक सप्ताह में छह दिन का किराया ही लेती है। जिससे उसे एक सप्ताह में एक रिक्शा से 120 रूपये किराया मिलता है। यदि हम 9 रिक्शों के किराए को जोड़े तो यह रकम 1080 रूपये हो जाती है।
उदाहरण के लिए हम देख सकते है- 20 रूपये गुणा 6 दिन = 120 रूपये होता है और 120 रूपये गुणा 9 रिक्शा = 1080 रूपये होता है। हम एक महीने का हिसाब लगा सकते हैं। 1080 रूपये गुणा 4 सप्ताह = 4320 रूपये होता हैं।

रेट लिस्ट

किरण अपने काम को बढ़ाने के लिए छोटे कबाड़ी जो घर-घर जा के कबाड़ इकट्टा करते है, उनसे उनका कबाड़ खरीद कर दीनू की बड़ी कबाड़ की दुकान पर बेच देती हैं। किरण ने अपनी दुकान पर अलग-अलग कबाड़ के लिए प्रति किलो के अनुसार कीमत लिस्ट लगा रखी हैं। जिसे वह प्रति दिन के रेट को ध्यान में रखती है, और कीमत बढ़ने व घटने पर बदलती रहती हैं। उसने लिस्ट में बेकार कागज़, अख़बार, लोहा, पीतल और प्लास्टिक आदि की कीमत लिख रखी हैं।

विचार करने योग्य बात- किरण छोटे कबाड़ियों से लिस्ट के अनुसार ही उस कबाड़ की कीमत देती हैं।
उदाहरण के लिए हम कुछ कबाड़ किरण के लिए खरीदते है।
1. 15kg अख़बार, 12 kg लोहा, 5kg पीतल, और 8kg प्लास्टिक
2. किरण की रेट लिस्ट के अनुसार अख़बार 5 रूपये kg, लोहा 12 रूपये kg, पीतल 170 रूपये kg और प्लास्टिक 10 रूपये kg हैं।

किरण को अख़बार के लिए 15 गुणा 5 = 75 रूपये देने होंगे।
किरण को लोहे के लिए 12 गुणा 12 = 144 रूपये देने होंगे।
किरण को पीतल के लिए 5 गुणा 170 = 850 रूपये देने होंगे।
किरण को प्लास्टिक के लिए 8 गुणा 10 = 80 रूपये देने होंगे।
किरण को इन सब कबाड़ के लिए 75 + 144 + 850 + 80 = 1149 रूपये देने होंगे।

लाभ हानि

विचार करने योग्य बात – बच्चों 1149 रूपये का कबाड़ हमने किरण के लिए छोटे कबाड़ी से खरीदा क्या आप बता सकते हैं। इन सब कबाड़ को दीनू जो बड़ा कबाड़ी है उसे बेचने पर किरण को कितने रूपये का मुनाफ़ा होगा। इसके लिए हमें दिनू की रेट लिस्ट के अनुसार हम बता सकते हैं।
दीनू की लिस्ट के अनुसार अख़बार में किरण को 1 रुपया प्रति किलो मिलता हैं। लोहे में 2 रुपया प्रति किलो, पीतल में 10 रूपया प्रति किलो और प्लास्टिक में 2 रुपया किलो मिलता हैं।
इस रेट के हिसाब से किरण को- 15 किलो अख़बार में 15 रुपया का मुनाफ़ा होता है।
12 किलो लोहे में 24 रुपया का मुनाफ़ा होता है।
5 किलो पीतल में 50 रुपया का मुनाफ़ा होता है।
8 किलो प्लास्टिक में 32 रुपया का मुनाफ़ा होता है।

इन सब मुनाफों को जोड़ने पर 15+24+50+32= 121 रुपए का मुनाफ़ा होता है, जिसके लिए किरण ने छोटे कबाड़ी को 1149 रुपया दिया था। जो कुल खर्च की करीबन 11% मुनाफ़ा हैं।यानि 100 रूपये पर 11 रुपया।

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