एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 गणित अध्याय 3 भोपाल की सैर

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 गणित अध्याय 3 भोपाल की सैर के प्रश्न उत्तर तथा अतिरिक्त प्रश्नों के हल सीबीएसई और राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 4 गणित के पाठ 3 में विद्यार्थी सैर के माध्यम से भाग और जोड़ की संक्रियाओं को सीखते हैं। यह पाठ आने वाली कक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जोड़ तथा भाग विधि सभी कक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

कक्षा 4 गणित अध्याय 3 के लिए एनसीईआरटी समाधान

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भोपाल की सैर

सुगंधा के स्कूल के सभी बच्चे, अध्यापकों के साथ होशंगाबाद से भोपाल की सैर करने के लिए जा रहे हैं। परन्तु अध्यापक मीनाक्षी मैडम और राकेश सर यह तय नहीं कर पा रहे कि उन्हें कितनी बसों की आवश्यकता पड़ेगी। परन्तु उन्हें इस बात का ज्ञान है कि एक बस में 50 बच्चें आराम से बैठकर जा सकते हैं। इसके लिए उन्हें सैर पर जाने वाले सभी कक्षा के बच्चों की गणना करनी पड़ेगी और उस गणना को 50 से भाग देने पर बसों की संख्या का पता चल जाएँगा।

उदाहरण के लिए हम देख सकते है। कक्षा 1 के 33, कक्षा 2 के 32, कक्षा 3 के 42, कक्षा 4 के 50 और कक्षा 5 के 53 बच्चे है। इन सभी बच्चों को जोड़नें पर उनका योग 33+32+42+50+53 = 210 होता है। 210 को 50 से भाग देने पर 4.2 होता हैं इसका मतलब हमें 4 बसों के आलावा 10 बच्चों के लिए बैठने की सीट उपलब्ध नहीं होगी। हम चार बसों में 190 बच्चों को सीट दे सकते हैं। लेकिन हमें 20 बच्चों को मिलजुल के 10 सिठों पे बैठाना होगा।

बसों के इंतजार में

सभी बच्चें सैर पर जाने के लिए बसों का इंतजार कर रहे थे, परन्तु वे क्या देखते हैं की सभी बसें तो बहुत छोटी है। अध्यापक बस वाले से कहते है कि हमने तो बड़ी बसों के लिए कहा था। परंतु बस वाला बोला हमारे पास ज्यादा बड़ी बसें नहीं थीं इसलिए हम बहुत सारी बस ले आए हैं। हर बस में 35 बच्चे आराम से सीट पर बैठ सकते हैं। याद रहे कि हम बच्चों की गणना जानते है जो 210 है उसी प्रकार हम यह पता लगा सकते है कि हमें कितनी छोटी बसों की आवस्यकता पड़ेगीं। उदाहरण के लिए देखते है। 210 भाग 35 = 6 होता है इसका मतलब हमें केवल 6 बसों की जरूरत पड़ेगीं। सभी बच्चें अपनी-अपनी सीट पर आराम से सैर का आनंद ले सकेगें।

यात्रा शुरू हुई

बस यात्रा के दौरान हमें पता चलता है कि भोपाल तक का सफ़र दो घंटे का है। यह लगभग 70 किलोमीटर की दूरी का सफ़र है। बस का सफ़र सुबह नौ बजें शुरू हुआ था। यदि बस रास्ते में भीमबेटका में रूकती है जोकि 50 किलोमीटर की दूरी पर है। तो हम भोपाल किस समय तक पहुचेगें। इसका पता हम इस प्रकार लगा सकते है। कुल दूरी 70 किलोमीटर है जो बसें दो घटें में तय करती हैं। इसका मतलब बस एक घटें में 35 किलोमीटर की दूरी तय कर रही हैं।

उदाहरण के लिए बस द्वारा 1 घंटे में तय दूरी = 35km
बस आधा घंटे में (30मिनट) = 17 किलोमीटर और 500 मीटर की दूरी तय करेगी।
भीमबेटका की दूरी 50km है और बस सुबह नो बजे चली तो हम कह सकते हैं कि बस 10 बजे से 11 बजे के बीच के समय में भीमबेटका नामक स्थान पर पहुँचेगी। बस से बहार देखने पर उन्हें नर्मदा नदी दिखी। नदी पर बने पुल से गुजते हुए सभी बच्चें पुल की लम्बाई के बारे में बोले कितना बड़ा पुल है रूबी बोली 100 मीटर का है विक्टोरिया बोली उसे भी बड़ा है जरुर आधा किलोमीटर से ज्यादा हैं। तभी आशा मैडम ने बताया देखों यहाँ लिखा है कि ‘यह पुल 756.82मीटर लम्बा है’। इस बात से हम कह सकते है कि विक्टोरिया सही थी क्योंकि हम जानते है 500 मीटर = आधा किलोमीटर होता है।

500 मीटर लंबे पुल के अनुसार 100 बसें पुल पर एक के पीछे एक खड़ी हो सकती है। उदाहरण के लिए देखते है:
बस की लम्बाई 5 मीटर है यानि 5 को 100 से गुणा करे तो 500 होता है जो हमारा उत्तर है।
राकेश सर के अनुसार नर्मदा नदी के पानी का स्तर पुल से 40 मीटर नीचे है जो आशा मैडम ने बरसात के समय पुल से 15 मीटर नीचे तक रह गया था। इसका मतलब यह है कि बरसात में नदी का स्तर 25 मीटर ऊपर आ गया था। उदाहरण के लिए हम देख सकते हैं 40m-15m = 25m का अंतर हुआ है।

डीजल भरने में लगा समय

हर एक बस में डीजल भरने में 15 मिनट लगते है इसका मतलब यह है कि एक ही समय में एक साथ डीजल भरवाने में हमें 15 मिनट का समय ही लगेगा। इसलिए वे वहाँ 15 मिनट रुकेंगे और उन्हें पहुँचने में 15 मिनट की देर हो जाएँगी। पंरतु अगर डीजल पम्प एक ही है तो दो बसों के लिए हमें 30 मिनट का समय लगेगा और 30 मिनट की देरी पहुँचने में हो जाएँगी। 100 लिटर डीजल की कीमत 3500 रूपये है। 3500 भाग 100 = 35 रूपये प्रति लिटर कीमत होती है।

भीमबेटका की ओर

भीमबेटका के बारे में बच्चों को बताया गया कि वे यहाँ बहुत सारी गुफाएँ देखेगें जिसमें चट्टानों पर चित्रकारी की गई है जिसे दस हजार साल पहले बनाया गया था। सभी बच्चें गुफाओं की चित्रकारी देखना चाहते थे। सभी बस लगभग 11 बजे भीमबेटका पहुँचे। गुफ़ा के अंदर चट्टानों पर सांड, हिरन और लोगों के चित्र बने थे। चित्रों को देख मंजीत, शंकर और बोनोमाला ने उन्हें गिनने के बारे में सोचा। मंजीत ने 37 सांड़ों को गिना, शंकर ने 117 हिरनों को गिना लेकिन बोनोमाला सबसे ज्यादा खुश थी क्योंकि लोगों की संख्या सांडों और हिरनों की संख्या को जोड़ने से भी ज्यादा थी। परन्तु उसकी गिनती 200 से कम थी। मंजीत और शंकर की संख्या को जोड़ने पर 37+117= 154 होते हैं, इसका मतलब बोनोमाला ने 177 लोगों को गिना हैं क्योंकि यह संख्या 200 से कम भी हैं।

दूरी और समय

गाइड ने बताया कि यहाँ कुल मिलाकर 600 गुफ़ा-चित्र हैं। अब यहाँ से चलने का समय हो गया था। उन सब ने भीमबेटका में एक घंटे का समय बिताया था। और वे सब यहाँ 11 बजे आए थे। इसका मतलब सब लोग यहाँ से 12 बजे भोपाल की ओर चल चुके थे। उन सब को भोपाल पहुँचने में अधिकतम 35 मिनट का समय लगेगा। क्योंकि उन्हें केवल 20km तक का सफ़र तय करना था क्योंकि कुल दूरी 70 km थी और वे 50km की दूरी भीमबेटका तक तय कर चुके थे। वे सब भोपाल 12 बजकर 35 मिनट पर पहुँच जाएँगे।

भोजन का समय

सभी बच्चों को भूख लग चुकी थी इसलिए उन्होंने अपने-अपने खाने के डिब्बे खोल लिए। स्कूल की तरफ़ से सभी बच्चों के लिए एक संतरा, एक केला और पांच बिस्कुट बाँटे गए। केवल 38 बच्चो ने केले नहीं लिए। इसका मतलब 210 बच्चों में 210 संतरे और 210 गुणा 5 = 1050 बिस्कुट और 210 – 38 = 178 केले बाटें गए।

संख्याओं का खेल

(क) भानु बोला चार-चार टाफी मैंनें अपने चार दोस्तों में बांटी और तीन फिर भी बची मेरे पास कुल कितनी टाफी थी। उदाहरण के लिए हम देख सकते हैं 4 गुणा 4 = 16 +3 = 19 टाफी थी।
(ख) 3, 5 और 7 से हम छह संख्या बना सकते हैं। उहाहरण के लिए देखते है, 357, 375, 537, 573, 735 और 753 संख्न्याँ बना सकते हैं।
(ग) एक संख्या में 8 जोड़े तो वह संख्या दो गुणा हो जाती है। उदाहरण के लिए देखते है, 8+8= 16 जोकि 8 की दो गुणा हैं।
(घ) 2, 3 और 5 से भाग होने वाली संख्या और 25 से 50 के बीच में आने वाली संख्या 30 है जो इन सब संख्या से भाग हो जाती हैं।
(ड०) चिंटी एक मिनट में 3 सेंटी-मीटर चढ़ती है और 2 सेंटी-मीटर निचे फिसल जाती है इसका मतलब वह केवल 1 सेंटी-मीटर की ऊँचाई एक मिनट में तय कर सकी और उसे 2 सेंटी-मीटर के लिए 2 मिनट का समय लगेगा।

हम कौन-सी नाव में बैठे?

सभी बच्चे ताल पर पहुंचे गए। सभी को ताल बहुत सुंदर लगा। उसमें बहुत-सी बतखें शोर कर रही थी। वहाँ अलग-अलग तरह की नावें थीं। जिसके टिकटों की कीमतें भी अलग-अलग थीं। यहाँ हम चार्ट में देख सकते है नाव का नाम, टिकट की कीमत (प्रति बच्चा) और समय दिया गया है इस सब को ध्यान में रख कर हम सभी बच्चों द्वारा नाव पर खर्च हुए रुपए का हिसाब लगा सकते हैं।

इंद्रा और भानु पहले मोटर नाव में गए, फिर चप्पू वाली नाव ली। उन दोनों ने कुल मिला के 80 रूपये खर्च किए और उन्हें 1 घंटा 5 मिनट का समय मिला उदाहरण के लिए हम देख सकते हैं- चप्पू वाली नाव का किराया 15 रूपये प्रति बालक या बालिका, 15 गुणा 2 = 30 रूपये और मोटर बोट का किराया 25 रूपये प्रति बच्चा, 25 गुणा 2 = 50 रूपये हुई। यानि 30+50 = 80 रूपये ख़र्च किए। दोनों नाव के समय को जोड़ने पर 45 मिनट + 20 मिनट = 65 मिनट जिसे हम 1 घंटा 5 मिनट भी कह सकते हैं।

नाव का किराया

बच्चों का एक समूह डबल डेकर नाव में गया और उन्होंने कुल मिलाकर 450 रुपये खर्च किए। चार्ट के अनुसार डबल डेकर नाव के टिकट की कीमत 30 रूपये प्रति बच्चा हैं यदि हम 450 रूपये को 30 रूपये से भाग दे तो हमें कितने बच्चे डबल डेकर नाव में गए पता चल जाएँगा। 450 भाग 30 = 150 बच्चे डबल डेकर नाव में गए थे।
चार्ट को देखने से पता चलता है कि पैडल बोट एक चक्कर 30 मिनट में पूरा करती है इसलिए हम कह सकते है कि वह 1 घंटे में 2 चक्कर लगा सकती है। उदाहरण के लिए देखे- 30 मिनट+30 मिनट = 60 मिनट यह हम सभी जानते है कि एक घंटे में 60 मिनट होते हैं। 60 मिनट = 1 घंटा।

चार्ट के अनुसार मोटर बोट एक चक्कर 20 मिनट में पूरा करती है, इसलिए हम कह सकते हैं कि वह आधे घटें से कम समय में एक चक्कर पूरा कर लेती हैं। क्योंकि हम सभी जानते है 30 मिनट = आधा घंटा।
चार्ट के अनुसार हम कह सकते हैं कि चप्पू वाली नाव में सबसे कम पैसे में सबसे ज्यादा समय मिलता हैं।
जावेद ने पैडल बोट और मोटर बोट के लिए कुल 40 रूपये खर्च किए जिसके लिए उसे 50 मिनट का समय मिला था। उदाहरण के लिए हम देख सकते हैं। पैडल बोट 15 रूपये+25 रूपये मोटर बोट = 40 रूपये और समय 30 मिनट + 20 मिनट = 50 मिनट।

वापसी

चार बजे तक सब वापसी के लिए बस में बैठ गए। अब उन्हें वापस होशंगाबाद आना था। वे रास्ते में कहीं नहीं रुके और 2 घंटे में पहुँच गए। इसका मतलब वे सब शाम 6 बजे तक वापस आ गए थें। क्योंकि 70km का सफ़र 2 घंटों का था।

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