एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी अध्याय 3 किरमिच की गेंद

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी रिमझिम अध्याय 3 किरमिच की गेंद के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए पीडीएफ के रूप में छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। दिनेश को मिली किरमिच की गेंद पर आधारित एक नैतिक कहानी, उनकी ईमानदारी और इसके लिए उन्हें कैसे पुरस्कृत किया जाता है। कहानी में बड़े ही नाटकीय ढंग से गेंद मिलती हैं और फिर वैसे ही चली भी जाती है। परीक्षा की तैयारी करने के लिए अतिरिक्त प्रश्न उत्तर भी दिए गए हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी रिमझिम अध्याय 3

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कक्षा 4 हिंदी अध्याय 3: कहानी का सारांश

यह कहानी एक गेंद के इर्द-गिर्द घूमती है। गर्मी की छुट्टियों के दिन थे दिनेश को अपने बगीचे में एक गेंद के गिरने की आवाज सुनाई देती है। दिनेश गेंद पाने के लिए बिना चप्पल पहने बगीचे में दौड़ लगा देता है और वहां उसे एक किरमिच की गेंद मिलती है। कहानी से पता चलता है कि दिनेश एक ईमानदार बालक है। वह सोचता है कि अगर मोहल्ले में से किसी की होगी तो वापस कर दूंगा। मोहल्ले के बच्चों ने खेलने के लिए एक क्लब बना रखा था। शाम को जब सब बच्चे इक्कठे हुए तो दिनेश ने गेंद वाली बात सबको बताई और पूछा कि अगर उनमे से किसी की है और कोई गेंद की पहचान सही बता देता है तो वह गेंद उसको दे देगा। लेकिन कोई भी बालक सही पहचान नहीं बता पाया फिर बाद में सभी ने निर्णय किया कि चाहे जिसकी हो पहले इससे क्रिकेट खेल लिया जाय। दिनेश बल्लेबाजी कर रहा था खेलते-खेलते दिनेश ने ऐसा शॉट लगाया कि गेंद सड़क पर जाते हुए स्कूटर की टोकरी में जा गिरी। गेंद जैसे आई थी वैसे ही चली भी गई। सभी बच्चों ने एक-दूसरे की ओर देखा और ठहाका मारकर हंस पड़े।

दिनेश की माँ कौन-सी मशीन चला रही होंगी?

उत्तर:
दिनेश की माँ सिलाई मशीन चला रही थी।

तुमने इस मशीन को कहाँ-कहाँ देखा है?

उत्तर:
मैंने इस मशीन को दर्जी की दुकान पर देखा।

दिनेश क्या खोज रहा था?

उत्तर:
दिनेश गेंद खोज रहा था।

दिनेश को कैसे पता चला होगा कि क्यारी में वही चीज गिरी है?

उत्तर:
बच्चों को अपने खेलने वाली चीजों की अच्छी पहचान होती है।

दिनेश को यह बात कैसे पता चली कि गेंद दीपक की हो ही नहीं सकती?

उत्तर:
दीपक गेंद के अपनी होने के बारे में जो तर्क दे रहा था उससे गेंद की पहचान मिल नहीं रही थी।

दीपक बार-बार गेंद को अपनी क्यों बता रहा होगा?

उत्तर:
दीपक चाह रहा था कि गेंद उसे मिले, इसलिए वह बार-बार गेंद को अपनी बता रहा था।

क्या कक्षा 4 हिन्दी अध्याय 3 को छात्र आसानी से तैयार कर सकते हैं?

अध्याय खेल से सम्बंधित है अतः विद्यार्थियों के लिए पठान-पाठन में रोमांच पैदा करता है। कोई भी पसंद का विषय सामने हो तो आसानी से समझ में आ जाता है।

क्या हिन्दी कक्षा 4 के अध्याय 3 छात्रों के लिए रुचिकर है?

पाठ में बाल, क्रिकेट और बच्चे मिलकर खेल को जन्म देते हैं। जहाँ विषय खेल का हो तो रूचि पैदा होना स्वभाविक है।

हिन्दी कक्षा 4 के अध्याय 3 को पढ़ते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए है?

अध्याय को अच्छी तरह से आत्मसात करने के लिए कठिन शब्दों का अर्थ जानना आवश्यक है। प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त और सारगर्भित होने चाहिए।