एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 7 द्विपद प्रमेय
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 7 द्विपद प्रमेय के सभी प्रश्नों के हल सवाल जवाब हिंदी में सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 11 गणित के विद्यार्थी पाठ 7 के प्रश्नों के हल यहाँ पीडीएफ और विडियो के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 7
द्विपद प्रमेय
द्विपद प्रमेय एक ऐसा बीजगणितीय सूत्र है जिससे हम x + y के रूप के द्विपद के किसी धन पूर्णांक घातांक का मान x एवं y के nवें घात के बहुपद के रूप में निकाल सकते हैं।
द्विपद जब बड़े रूप में होता है उस समय पद के गुणक ही द्विपद गुणक होते है। हम a + b एवं a – b जैसे पदों का वर्ग एवं घन निकालना पहले से ही जानते हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
प्राचीन भारतीय गणितज्ञ (x + y)ⁿ, 0 छोटा है या बराबर है n ≤ 7, के प्रसार में गुणांकों को जानते थे। ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में पिंगल ने अपनी पुस्तक छंद शास्त्र (200 ई० पू०) में इन गुणांकों को एक आकृति, जिसे मेरुप्रस्त्र कहते हैं के रूप में दिया था। 1303 ई० में चीनी गणितज्ञ चु सी की के कार्य में भी यह त्रिभुजाकार विन्यास पाया गया।
1544 के लगभग जर्मन गणितज्ञ मिचेल स्टीपल (1486-1567 ई॰) ने सर्वप्रथम ‘द्विपद गुणांक’ शब्द को प्रारंभ किया। बोम्बेल्ली (1572 ई०) ने भी, n = 1, 2, ……., 7 के लिए तथा ओउटरेड (1631 ई०) ने n = 1, 2, ……., 10 के लिए, (a + b)ⁿ के प्रसार में गुणांकों को बताया। पिंगल के मेरुप्रस्त्र के समान थोड़े परिवर्तन के साथ लिखा हुआ अंकगणितीय त्रिभुज जो पास्कल त्रिभुज के नाम से प्रचलित है, यद्यपि बहुत बाद में फ्रांसीसी मूल के गणितज्ञ ब्लैस पास्कल (1623 – 1662 ई०) ने बनाया। उन्होंने द्विपद प्रसार के गुणांकों को निकालने के लिए त्रिभुज का प्रयोग किया।
n के पूर्णांक मानों के लिए द्विपद प्रमेय का वर्तमान स्वरूप पास्कल द्वारा लिखित पुस्तक में प्रस्तुत हुआ जो 1665 में उनकी मृत्यु के बाद प्रकाशित हुई।
कक्षा 11 गणित पाठ 7 का परिचय
प्रस्तुत पाठ 7 में द्विपद प्रमेय के बारे विस्तार से वर्णन किया गया है। अध्याय में एक प्रश्नावली 7.1 हैं तथा एक विविध प्रश्नों पर आधारित प्रश्नावली है। प्रश्नावली 7.1 में कुल 14 प्रश्न हैं तथा इससे पहले कुछ परिभाषाएं उनसे सम्बंधित सूत्र तथा उदाहरण भी दिए गए हैं।
उदाहरणों को समझकर प्रश्नावली में दिए गए प्रश्नों को हल करने में आसानी होगी। सम्बंधित अनुच्छेद में व्यापक एवं मध्य पद कैसे निकला जा जाता है इसको उदाहरण सहित समझाया गया है।