एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 गणित अध्याय 4 टिक टिक टिक
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 गणित अध्याय 4 टिक टिक टिक के सभी प्रश्नों के हल शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित किए गए हैं। यह समाधान सीबीएसई तथा सभी राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए भी उपयोगी है। कक्षा 4 गणित के पाठ 4 में छात्र घड़ियों में दिए गए समय को पढ़ना सीखते हैं। सभी छात्रों को घड़ी देखना आना चाहिए। इसलिए यहाँ अध्याय सभी छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ है।
कक्षा 4 गणित अध्याय 4 के लिए एनसीईआरटी समाधान
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 गणित अध्याय 4 टिक टिक टिक
समय की गणना
पम्पोश और साजिया बात कर रहे कि किसका घर स्कूल से कितना दूर है, और उन्हें स्कूल पहुँचने में कितना समय लगता हैं।
पम्पोश – कहता है, मुझे स्कूल पहुँचने के लिए 5 मिनट चलना पड़ता हैं।
शाजिया – मुझे सिर्फ़ दो मिनट चलना पड़ता हैं।
पम्पोश – ऐसा नहीं हो सकता, तुम्हारा घर तो स्कूल से ज्यादा दूर है।
साजिया – पर मैंनें अपनी घड़ी से समय जाँचा है। मैं घर से 7 बजे निकली और जब स्कूल पहुँची तो मिनट की सुई 2 पर थीं।
पम्पोश – तुम गलत हो, तुम तो 7 बजकर 10 मिनट पर स्कूल पहुँचती हो।
शाजिया – वह कैसे
पम्पोश – 12 से 2 के बीच यहाँ 10 रेखाएँ हैं।
बच्चों याद रखना हर एक रेखा को मिनट के रूप में गिना जाता हैं। जब घड़ी में सकेंड की सुई एक चक्कर पूरा करती हैं तो वह एक मिनट का समय लेती हैं। हर एक मिनट में 60 सेकंड होते हैं। 60 मिनट = 1 घंटा होता है।
इसलिए हम कह सकते है कि पम्पोश ठीक था और साजिदा गलत साबित हुई। अलग-अलग देशों में सूरज के निकलने और छुपने का समय भी अलग-अलग होता हैं। गर्मियों में हमारे यहाँ सूर्योदय 5 बजे और सूर्यास्त 7 बजे होजाता हैं। परंतु सर्दियों में यह समय बदल कर सूर्योदय 7 बजे और सूर्यास्त 5 बज कर 30 मिनट हो जाता हैं। यह समय बार-बार हर दिन बदलता रहता हैं।
फ्रांस के पेरिस शहर में गर्मियों में सूरज रात के नौ बजे के बाद अस्त होता है। लेकिन सर्दियों में वहाँ शाम 4 बजे अँधेरा हो जाता है।
घड़ी की सुईयां
याद रखने योग्य बात: पाठ में बने घड़ी के चित्रों को देखने से हम पता लगा सकते है कि मिनट की सुई को सरकने में कितना वक्त लगेगा जिसे दोनों घड़ियों का समय एक हो जाएँ। इसके लिए हमें घड़ी की छोटी सुई को घंटे पर और बड़ी सुई को मिनट पर रखना होगा।
पहली घड़ी को उसके बराबर आने के लिए 15 मिनट का समय लगेगा जिसे दोनों का समय 3 बजकर 50 मिनट का होगा।
दूसरी घड़ी को 20 मिनट का समय लगेगा जिसे दोनों घड़ी में 4 बजे का समय होगा।
तीसरी घड़ी को 10 मिनट का समय लगेगा जिसे दोनों घड़ी में 6 बजकर 15 मिनट का समय होगा।
चौथी घड़ी को 35 मिनट का समय लगेगा, जिसे दोनों घड़ी में 7 बजकर 45 मिनट का समय होगा।
घंटे और मिनट की सुई कहाँ होगी, इसका पता हम बड़े आसानी से लगा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले हमें समय की छोटी सुई और मिनट की बड़ी सुई को ध्यान में रखना पड़ेगा।
(क) यदि 6 बजकर 20 मिनट का पता लगाना हो या उसका चित्र बनाना है तो हमें छोटी सुई को 6 से 7 के बीच में रखनी पड़ेगी और मिनट की बड़ी सुई को 4 पर रखना होगा।
(ख) यदि 8 बजकर 30 मिनट का पता लगाना हो या उसका चित्र बनाना है तो हमें छोटी सुई 8 और 9 के बीच में रखनी पड़ेगी और मिनट की बड़ी सुई को 6 पर रखना पड़ेगा।
(ग) 7 बजकर 10 मिनट के लिए घंटे की छोटी सुई को 7 पर और मिनट की बड़ी सुई को 2 पर रखना पड़ेगा।
(घ) 5 बजकर 15 मिनट के लिए घंटे की छोटी सुई को 5 पर और मिनट की बड़ी सुई को 3 पर रखना पड़ेगा।
याद रखने योग्य बात
बच्चों दीवार घड़ी और पुरानी हाथ घड़ियों में 12 घंटे के अनुसार ही हम समय देख पाते हैं। परंतु आधुनिक डिजिटल घड़ी में हम 24 घंटे के अनुसार समय देखते हैं। जो हम सरकारी दफ्तर, रेलवे-स्टेशन, एयरपोर्ट, और मेट्रो में अवस्य देखते हैं। वहाँ हमेशा 24 घंटे के अनुसार ही चलना पड़ता हैं जिसका फर्क हम दिन-रात के द्वारा आसानी से समझ लेते हैं। उदाहरण के लिए यदि 18 बजकर 5 मिनट का समय हुआ है तो हम समझ जाएगें कि शाम के 6 बजकर 5 मिनट का समय हुआ है।
रानी की डायरी
रानी ने अपनी छोटी बहन मुनिया के जन्म से लेकर उसके अपने पैरों पर चलने की सारी गतविधियों को अपनी डायरी में लिखा जिससे उसे बहुत सी जानकारी प्राप्त हुई। 5 मार्च 2005 को मुनिया का जन्म हुआ। 15 सितंबर को मुनिया का पहला दांत निकला, तब वह 7 महीने 10 दिन की हुई। 10 नवंबर 2005 को मुनिया ने बैठना सीखा इसका मतलब जन्म के 9 महीने 5 दिन बाद मुनिया ने बैठना सीखा। 20 नवंबर 2005 को मुनिया ने घुटनों के बल चलना शुरू किया, तब मुनिया ने 9 महीनें 15 दिन में घुटनों के बल चलना सीखा। 5 जनवरी 2006 को मुनिया अपने पैरों पर खड़ी हुई, यानी मुनिया 11 महीनें में अपने पैरों पर खड़ी हुई। 2 फरवरी 2006 को मुनिया ने चलना शुरू किया, यानि मुनिया ने 11 महीनें 27 दिन में चलना सीखा। 5 सितंबर 2006 को मुनिया ने एक केला खाया तब ।वह 1 साल 7 महीने की हो गई थी।
रानी की डायरी की पहली शिक्षा
देखा बच्चों रानी के डायरी में लिखने से हमें मुनिया के बारे में कितनी जानकारी प्राप्त हुई, इसी प्रकार यदि हम दिनांक, महीने, साल और दिनों को याद रखने से हमें अपने जीवन में बहुत सी बातों का ज्ञान होता हैं।
रानी का लाडला पिल्ला
रानी ने अपनी डायरी में अपने लाडले पिल्ले के बारे में लिखा है, कि रानी ने इसे किस प्रकार बढ़ते हुए देखा। पिल्ले ने दो सप्ताह के बाद अपनी आँखे खोली। 3 सप्ताह में उसके खाने के दांत निकले, 4 सप्ताह में आस-पास चलना शुरू किया, 7 महीने में उसके सारे दांत आ चुके थे और एक साल में वह पूरी कुतिया थी और अपने पिल्लों के साथ थी।
रानी की डायरी की दूसरी शिक्षा
रानी की डायरी से हमें पता चलता है कि जहाँ पिल्ले के दांत 3 सप्ताह (21दिन) में आए इसकी तुलना में मुनिया के पहले दांत को 7 महीने 10 दिन का समय लगा। पिल्ले ने 4 सप्ताह में चलाना सीखा वहीं मुनिया को 11 महीने 27 दिन का समय लगा। मुनिया ने 1 साल 7 महीने में पहली बार एक केला खाया वहीं पिल्ले के सभी दांत 7 महीने में आ गए थे, और वह 1 साल में अपने पिल्लों के साथ थी। इसका मुख्य कारण आयु है, सभी जीवों की आयु अलग-अलग होती है जैसे हाथी की कम-से-कम आयु 50 से 70 वर्ष होती है, कुत्ते की आयु कम-से-कम 12 वर्ष चूहे की कम-से-कम 2 वर्ष और मनुष्य की 70 वर्ष कम-से-कम होती हैं।
छुट्टियों में मौजमस्ती
आतिफ़ ने 1 मई 2005 को अजमेर से अपनी चचेरी बहन शबाना जो नागपुर रहती है उसे पत्र लिख कर बताया की 1 मई से उसकी स्कूल की छुट्टियाँ शुरू हो गई। उसका स्कूल अब 30 जून को खुलेगा। 5 मई को वह नानी के घर जाएगा, और 15 मई को वहाँ से वापिस अजमेर आ जाएगा। आपके स्कूल कब बंद होंगे ताकि आप अजमेर आ सको यह पत्र शबाना को 6 मई को मिला। इस पत्र के जवाब में शबाना ने 7 मई 2005 को आतिफ़ को पत्र लिखा। कल मुझे तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हें छुट्टियाँ मुबारक हो, मेरा स्कूल 1 जून को बंद होगा और 10 अगस्त को खुलेगा। मैं स्कूल ट्रिप पर गोवा जा रही हूँ 7 जून को वापिस आऊंगी। इसके बाद मैं अजमेर आने की कोशिश करुँगी।
याद रखने योग्य बाते:
1. बच्चों हम तारीख को अंकों और शब्दों में लिख सकते हैं। उदाहरण के लिए- 01/01/05 को हम 1 जनवरी 2005 लिख सकते हैं।
2. 1 जून 2006 को अंकों में 01/06/06 लिख सकते है।
आतिफ़ और शबाना द्वारा लिखे पत्र से हमें काफ़ी बातों का पता चलता है:
1. आतिफ़ का पत्र शबाना को 5 दिनों बाद मिला।
2. आतिफ़ के स्कूल 2 महीने बाद खुलेंगे।
3. आतिफ़ अपनी नानी के घर 15 दिन तक रहा।
4. शबाना का स्कूल 2 महीने 10 दिन बाद खुलेगा।
5. शबाना 7 दिनों के लिए गोवा ट्रिप पर स्कूल की तरफ़ से गई।
6. शबाना के स्कूल ने आतिफ़ के स्कूल से 10 दिनों की छुट्टी अधिक दी थी।
तारीख सम्बंधी कुछ सावधानियां
1. 15 मई 2006 को चंद्रन ने एक मक्खन का पैकेट खरीदा, अच्छे से देखने पर उसने पढ़ा कि इसे 180 दिनों के भीतर खा लिया जाए। फिर पैकिंग की तिथि देखी। उस पर 15/01/06 लिखा था। क्या हम यह पता कर सकते है कि चंद्रन को मक्खन खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए।
2. याद रखने योग्य बात- बच्चों हमें अपने खाने के पैकेट और दवाइयों की तिथि को अवस्य देखना चाहिए। जिससे हमें यह पता चलता है कि पैकेट का सामान खाने योग्य है या नहीं। समाप्ति तिथि के बाद की दवाई और खाने वाली वस्तुएँ हानिकारक होती हैं।
3. 15 मई को चंद्रन द्वारा ख़रीदे गए मक्खन के पैकेट की तिथि के अनुसार वह उसे 15 जून से पहले तक खा सकता है, जो मक्खन की अंतिम तिथि हैं। क्योंकि 180 दिनों के अनुसार मक्खन 6 महीने तक खाने योग्य है, इसलिए चंद्रन का मक्खन (15/06/06) तक खाने योग्य है।
तुतुन की रेल
तुतुन अपने स्कूल की गर्मियों की छुट्टी बिताने के लिए अपनी नानी के घर गया। वहाँ वह अपने चचेरे भाई-बहनों से मिला। उसे बहुत मजा आ रहा था और वह वापिस घर नहीं जाना चाहता था। उसकी माँ ने बताया कि उनकी रेल-गाड़ी शाम 5:30 की हैं। पर तुतुन चाहता था उनकी गाड़ी छूट जाए। तुतुन अपने माता पिता के साथ रेलवे-स्टेशन 5:15 तक पहुँच गया। फिर भी उनकी गाड़ी सचमुच छूट गई थी।
रेल की समय सम्बन्धी जानकारी
याद रखने योग्य बात- बच्चों हम आपको इसी पाठ में रेलवे-स्टेशन, एयरपोर्ट, सरकारी दफ्तर और मेट्रों-स्टेशन आदि स्थानों के नाम बता चुके है जहाँ 24 घंटे के अनुसार समय का उपयोग किया जाता हैं।
तुतुन के माता-पिता ने स्टेशन मास्टर को बताया की हमारे टिकट पर तो 5:30 लिखा है। तब स्टेशन मास्टर ने बताया की आप की गाड़ी सुबह 5:30 की थी। शाम को इस समय को 17:30 कहा जाता हैं। तब तुतुन के पिता बोले ओह मैं तो यह बात भूल गया था कि रेलवे-स्टेशन पर तो 24 घटे के अनुसार ही गाड़ियाँ चलती हैं।
घड़ी का समय
उदाहरण के लिए हम कुछ घड़ी के समय को पहचानने और समझने की कोशिश करते हैं।
1. रात 12 बजे से दिन के 12 बजे तक के समय को हम A. M. कहते है।
2. दिन के 12 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक के समय को हम P. M. कहते हैं।
3. दोपहर के 4 बजे को 24 घंटे के अनुसार 16:00 होता हैं।
4. रात के 9 बजे को 24 घंटे के समय अनुसार 21:00 होता हैं।