एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी अध्याय 12 सुनीता की पहिया कुर्सी

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी रिमझिम अध्याय 12 सुनीता की पहिया कुर्सी के प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित किए गए हैं। कक्षा 4 हिंदी रिमझिम पाठ 12 दिव्यांग समूहों द्वारा सामना किए जाने वाले भेदभाव के बारे में बताने वाली कहानी है। इस कहानी में बताया गया है कि किस प्रकार सुनीता अपनी कुर्सी की मदद से आत्मनिर्भर होने का प्रयत्न करती है। अभ्यास के प्रश्नों के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर भी यहाँ दिए गए हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 हिंदी रिमझिम अध्याय 12

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कक्षा 4 हिंदी अध्याय 12: कहानी का सारांश

यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जो चलने में असमर्थ है तथा पहिया कुर्सी की मदद से अपने सारे दैनिक कार्य करती है। लड़की का नाम सुनीता है। एक दिन सुनीता जब सुबह उठती है तो अपने दिन भर के कार्यों के बारे में सोचती है और बाजार का ख्याल आते ही वह रोमांचित हो जाती है। आठ बजे तक वह नहा धोकर तैयार हो जाती है। आज वह पहली बार अकेले बाजार जा रही थी। उसने अपनी माता जी से पूछा कि बाजार से कुछ लाना तो नहीं है। सुनीता अपनी पहिया कुर्सी लेकर बाजार के लिए निकल पड़ी रास्ते में उसे बच्चे खेलते हुए दिखाई पड़े उसे अपनी बेबसी पर दुःख हुआ। लोगों का व्यवहार भी उसके प्रति दया भाव वाला था, लेकिन सुनीता नहीं चाहती थी कि उसे अन्य बच्चों से अलग देखा जाय। दूकान के सामने पहुँचती है तो उसे सीढ़ी चढ़ने में कठिनाई हो रही थी तभी एक लड़का जिसका नाम अमित था लेकिन सभी उसे छोट्टू कहकर बुलाते थे सुनीता के पास आया उसने सुनीता को सीढ़ी चढ़ने में मदद की। अमित का मानना था हमारे अन्दर कोई न कोई कमी तो है जिससे लोग हमारे साथ आम बच्चों जैसा व्यवहार नहीं करते लेकिन सुनीता यह मानने को तैयार नहीं थी।

सुनीता को सब लोग गौर से क्यों देख रहे थे?

उत्तर:
सुनीता एक अपंग लड़की थी जो पैरों से चल नहीं सकती थी उसे चलने के लिए पहिया साइकिल की जरुरत पड़ती थी। इसलिए सड़क पर निकालने पर लोग उसे गौर से देखते थे।

सुनीता को दुकानदार का व्यवहार क्यों बुरा लगा?

उत्तर:
दुकानदार ने चीनी का पैकेट सुनीता की गोद में डाल दिया था जबकि सुनीता चाहती थी कि पैकेट उसके हाथ में देना चाहिए था।

माँ ने फरीदा को क्यों रोक दिया होगा?

उत्तर:
माँ ने फरीदा को इसलिए रोक दिया होगा क्योंकि ऐसे सवालों से सुनीता का दिल दुःख सकता था।

कक्षा 4 हिन्दी का अध्याय 12 को छात्र कितने समय में तैयार कर सकते हैं?

कहानी लम्बी है इसलिए इसको अच्छी तरह से याद करना और प्रश्नोत्तर को भी समझना थोड़ा ज्यादा समय लेगा।

कक्षा 4 हिन्दी अध्याय 12 को छात्र आसानी से तैयार कर सकते हैं?

इस कहानी को अच्छी तरह से समझने और प्रश्नों के आसान उत्तर लिखने का अभ्यास करना छात्रों के लिए मेहनत का कार्य है।

हिन्दी कक्षा 4 के अध्याय 12 को पढ़ते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए है?

कहानी प्रेरणादायक है, कहानी को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा कठिन शब्दीन के अर्थ समझकर अभ्यास पुस्तिका में लिखिए।