कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 7 एनसीईआरटी समाधान – किशोरावस्था की ओर

कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 7 के लिए एनसीईआरटी समाधान सलूशन – किशोरावस्था की ओर अभ्यास के प्रश्न उत्तर हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में सभी पाठ के सभी सवाल जवाब सरल भाषा में यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। वर्ग 8 विज्ञान के पाठ 7 का अध्ययन तथा उसके प्रश्नों के उत्तर विडियो के रूप में भी दिया गया है ताकि प्रत्येक छात्र को समझने में कोई परेशानी न हो। ये सभी समाधान कक्षा 8 विज्ञान एनसीईआरटी पुस्तक 2024-25 के अनुसार बनाए गए हैं। ऑफलाइन प्रयोग के लिए एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 विज्ञान ऐप के प्रयोग करें जो प्ले स्टोर पर मुफ्त उपलब्ध है।

कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 7 के लिए एनसीईआरटी समाधान

कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 7 के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

ऋतुस्त्राव क्या है? वर्णन कीजिए।

स्त्रियों में जननावस्था का प्रारम्भ यौवनारम्भ (10 से 12 वर्ष की आयु) से हो जाता है तथा सामान्यतः 45 से 50 वर्ष की आयु तक चलता रहता है। यौवनारम्भ पर अंडाणु परिपक्व होने लगते है। अंडाशय में एक अंडाणु परिपक्व होता है तथा लगभग 28 से 30 दिनों के अंतराल पर किसी एक अंडाशय द्वारा निर्मोचित होता है। इस अवधि में गर्भाशय की दीवार मोटी हो जाती है। जिससे वह अंडाणु के निषेचन के पशचात युग्मनज को ग्रहण कर सके। जिसके फलस्वरूप गर्भधारण होता है। यदि अंडाणु का निषेचन नहीं हो पाता तब उस स्थिति में अंडाणु तथा गर्भाशय का मोटा स्तर उसकी रुधिर वाहिकाओ सहित निस्तारित हो जाता है। इससे स्त्रियों में रक्त्स्त्राव होता है जिसे ऋतुस्त्राव कहते है। ऋतुस्त्राव लगभग 28 से 30 दिन में एक बार होता है।

शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंत:स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का क्या नाम है?

शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंत:स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का नाम हार्मोन है। ये रासायनिक संदेशवाहक होते हैं जो एक कोशिका (या ग्रंथि) से दूसरे कोशिका (या ग्रंथि) में संकेत पहुँचाया करते हैं।

किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।

जीवन काल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते है जिसके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है। किशोरावस्था 11 वर्ष की आयु के आसपास शुरू होती है और 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।

यौवनारम्भ के दौरान लड़कों और लड़कियों में सामान्य परिवर्तन होते हैं:
लंबाई में अचानक वृद्धि।
शारीरिक आकृति में परिवर्तन
स्वर में परिवर्तन, लड़कियों का स्वर उच्चतारत्व वाला होता जबकि लड़कों का स्वर गहरा होता है।
स्वेद एवं तैलग्रंथियों की क्रियाशीलता में वृद्धि
जनन अंग परिपक्व होने लगते हैं।
गौण लैंगिक लक्षण
यौवनारम्भ के दौरान लड़कों में परिवर्तन:
लड़कों के चेहरे पर बाल उगने लगते है अर्थात दाढ़ी, मूँछ आने लगती है।
लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग अथवा प्युबिक क्षेत्र में भी बाल आ जाते हैं।
आवाज गहरी हो जाती है
मांसपेशियां विकसित होती हैं, और कंधे चौड़े हो जाते हैं।
वजन में वृद्धि।
यौवनारम्भ के दौरान लड़कियों में परिवर्तन:
स्तनों का विकास और वृद्धि
लड़कियों में भी बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग अथवा प्युबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।
कूल्हे और श्रोणि क्षेत्र चौड़ा होता है।
ऋतुचक्र की शुरुआत।
कूल्हों के आसपास वसा का जमाव।

लिंग हार्मोन क्या है? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया? उनके प्रकार्य बताइए।

हार्मोन जो गौण लैंगिक लक्षण का गठन करते हैं, उन्हें सेक्स हार्मोन कहा जाता है। सामान्य तौर पर, हार्मोन रक्त प्रवाह में जारी होने पर तुरंत काम करते हैं। लिंग हार्मोन अलग हैं क्योंकि वे बाद में काम करना शुरू करते हैं। वे धीरे-धीरे प्रजनन के लिए शरीर में तैयार होते हैं।
लिंग हार्मोन विकास और विकास में मूलभूत परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं और गौण लैंगिक लक्षण के विकास को प्रोत्साहित करते हैं। वृषण और अंडाशय प्रजनन अंग हैं और दोनों यौवनारम्भ के दौरान पीयूष हार्मोन द्वारा उत्तेजित होते हैं। यही कारण है कि इन्हें लिंग हार्मोन कहा जाता है। लिंग हार्मोन के प्रकार्य:

    • पुरुषों में, वृषण पौरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन करता है। यह हार्मोन प्राथमिक और गौण लैंगिक लक्षण के विकास और रक्षण और शुक्राणुओं के उत्पादन में मदद करता है।
    • स्त्रियों में, अंडाशय प्राथमिक और गौण लैंगिक लक्षण के लिए जिम्मेदार एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन का स्राव करते हैं।

कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 7 के प्रश्न उत्तर विस्तार से

कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 7 के वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर

Q1

यौवनारम्भ के दौरान लड़कों में सबसे सुस्पष्ट दिखाई देने वाला परिवर्तन कौन-सा है?

[A]. स्वर-तंत्र/यंत्र का विकसित होना
[B]. कद की वृद्धि होना
[C]. शुक्राणुओं का बनना
[D]. अधिक पसीना आना
Q2

यह मानना कि माँ ही बच्चे के लिंग के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार होती है, गलत है क्योंकि

[A]. बच्चा केवल माँ से ही गुणसूत्र प्राप्त करता है।
[B]. माँ के शरीर के भीतर बढ़ता-पनपता है।
[C]. बच्चा एक गुणसूत्र माँ से प्राप्त करता है और दूसरा पिता से।
[D]. बच्चा केवल पिता से गुणसूत्र प्राप्त करता है।
Q3

किसी कोशिका के भीतर वह कौन-सी संरचना है जो बच्चे के लिंग-निर्धारण के लिए उत्तरदायी है

[A]. कोशिकाद्रव्य
[B]. कोशिका झिल्ली
[C]. केंद्रक
[D]. गुणसूत्र
Q4

AIDS किसी संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में किसके ज़रिए फैल सकता है:

[A]. भोजन करने से
[B]. रुधिराधान से
[C]. साझे कंघे के प्रयोग से
[D]. मच्छर के काटने से
कक्षा 8 विज्ञान पाठ 7 की कुछ मुख्य परिभाषाएँ
    • लक्ष्य स्थल: वह स्थान जो किसी हार्मोन के प्रति अनुक्रिया करता है।
    • स्वेद ग्रंथियाँ/लार ग्रंथियाँ/तेल ग्रंथियाँ (कोई अन्य): उस एक ग्रंथि का नाम बताइए जो अपने स्रावों का परिवहन वाहिकाओं द्वारा करती है।
    • हार्मोन: किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तनों का नियंत्रण करने वाले रसायन।
    • यौवनारम्भ: यह जनन-अवस्था के आरंभ का द्योतक है।
संतुलित आहार पर प्रश्न

प्रश्न:
लीला दोनों वक्त के खाने में केवल दाल-चावल खाती है। वह प्राय: बीमार रहती है और उसे जल्दी-जल्दी रोग हो जाया करते हैं। क्या आप उसके आहार में कुछ परिवर्तनों का सुझाव दे सकते हैं जिनसे वह स्वस्थ और रोगमुक्त हो जाए।
उत्तर:
लीला का आहार संतुलित नहीं है क्योंकि उसके भोजन से पर्याप्त रूप में पोषण आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती। वह प्रत्येक भोजन में केवल प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट लेती है। उसे अपने भोजन में विटामिनों और खनिजों की भी आवश्यकता होती है ताकि वह विभिन्न रोगों से अपनी सुरक्षा कर सके। अत: मैं उसे अपने भोजन में फलों और सब्ज़ियों को शामिल करने का सुझाव दूँगा/दूँगी।

कक्षा 8 विज्ञान पाठ 7 के कुछ अतिरिक्त प्रश्न उत्तर

ऐडॉम्स ऐपल पर टिप्पणी लिखिए।

ऐडॉम्स ऐपल: गले के सामने की और सुस्पष्ट उभरे भाग को ऐडॉम्स ऐपल (कंठमणि) कहते है। लड़कों में यौवनारम्भ के समय स्वरयंत्र अथवा लैरिंक्स में वृद्धि का प्रारम्भ होता है तथा स्वरयंत्र विकसित होकर अपेक्षाकृत बड़ा हो जाता है। इससे लड़कों की आवाज कर्कश हो जाती है।

गौण लैंगिक लक्षण पर टिप्पणी लिखिए।

गौण लैंगिक लक्षण: गौण लैंगिक लक्षण वे लक्षण है जो एक पुरुष को महिला से अलग करते हैं।

    • लड़के
      लड़कों के चेहरे पर बाल उगने लगते है अर्थात दाढ़ी – मूँछ आने लगती है।
      लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग अथवा प्युबिक क्षेत्र में भी बाल आ जाते हैं।
      आवाज गहरी हो जाती है।
      मांसपेशियां विकसित होती हैं, और कंधे चौड़े हो जाते हैं।
      वजन में वृद्धि।
    • लड़कियाँ
      स्तनों का विकास और वृद्धि
      लड़कियों में भी बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग अथवा प्युबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।
      कूल्हे और श्रोणि क्षेत्र चौड़ा होता है।
      ऋतुचक्र की शुरुआत।
      कूल्हों के आसपास वसा का जमाव।
गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण पर टिप्पणी लिखिए।

गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण: सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केंद्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्रों (1 जोड़ी) लिंग-सूत्र हैं, जिन्हें X और Y कहते है। एक महिला में दो X गुणसूत्र पाए जाते हैं, जबकि एक पुरुष में X और एक Y गुणसूत्र पाए जाते है। युग्मक (अंडाणु तथा शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है। अनिषेचित अंडाणु में सदा एक X गुणसूत्र होता है। परंतु शुक्राणु दो प्रकार के होते है जिनमें एक प्रकार में X गुणसूत्र और दूसरे प्रकार में Y गुणसूत्र होता है। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो X गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा। यह निष्कर्ष निकालता है कि पिता के लिंग गुणसूत्र एक अजन्मे बच्चे के लिंग का निर्धारण करते हैं।

हमें दवाएँ/औषधियाँ तभी लेनी चाहिए जब कोई डॉक्टर उन्हें हमें लेने को कहे। कारण बताइए।

अनेक औषधियों के कुछ द्वितीयक/गौण दुष्प्रभाव भी होते हैं और उन्हें एक विशिष्ट खुराक में ही खाना चाहिए, अन्यथा वे शरीर को हानि भी पहुँचा सकती हैं। नशीले पदार्थों की आदत भी पड़ सकती है और वे हमारे स्वास्थ्य एवं सुख-शांति को भी नष्ट कर सकते हैं।

स्त्रियों में, अंडे के परिपक्वन और अंडोत्सर्ग के दौरान प्रत्येक बार गर्भाशय की भित्ति मोटी हो जाती है। क्या यह मोटाई स्थायी होती है? कारण बताइए।

नहीं। गर्भाशय की भित्ति का मोटा होना स्थायी नहीं होता। यदि अंडा निषेचित हो जाता है तो उसमें परिवर्धन आरंभ हो जाता है और वह गर्भाशय की भित्ति में अंत:स्थापित हो जाता है जिसके फलस्वरूप गर्भावस्था आरंभ हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान और आगे अंडे नहीं निकलते और मोटा हो गया अस्तर बच्चे के जन्म लेते समय फट कर बाहर निकल जाता है। अपितु, यदि निषेचन नहीं होता तो निष्कासित अंडा और मोटा हो गया अस्तर फटकर बाहर निकल जाता है जिसके फलस्वरूप रजोस्राव होने लगता है।

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