कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 6 एनसीईआरटी समाधान – जंतुओं में जनन
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कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 6 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 6 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 6 के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
मनुष्य में निषेचन प्रक्रम को समझाइए।
मनुष्य में लैंगिक जनन होता है। नर प्रजनन अंग शुक्राणु (पुरुष युग्मक) पैदा करते हैं जबकि मादा युग्मक अंडाणु (मादा युग्मक) उत्पन्न करते हैं। शुक्राणु महिला शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं जहां वे अंडाणु के साथ संलयित हो जाते हैं और युग्मनज का निर्माण होता है। जिसे आंतरिक निषेचन कहते हैं। युग्मनज एक भ्रूण में विकसित होना शुरू होता है जो मादा गर्भाशय भित्ति से जुड़ता है। भ्रूण आगे कई कोशिकाओं में गुणा होता है और गर्भ नामक एक छोटे बच्चे में आगे विकसित होता है।
सजीवों के लिए जनन क्यों महत्वपूर्ण है? समझाइए।
किसी स्पीशीज की निरंतरता के लिए प्रजनन आवश्यक है।
यह एक जैसे जीवों में पीढ़ी दर पीढ़ी निरंतरता बनाए रखना सुनिश्चित करता है।
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ दीजिए।
1। युग्मनज एकल कोशिकीय है जबकि भ्रूण बहुकोशिकीय है।
2। अच्छी तरह से परिभाषित शरीर के अंग युग्मनज में अनुपस्थित होते है जबकि भ्रूण में शरीर के अंगों की पहचान की जा सकती है।
अलैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए। जन्तुओ में अलैंगिक जनन की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
इस प्रकार के जनन को जिसमें केवल एक ही जनक नए जीव को जन्म देता है अलैंगिक जनन कहते है। अलैंगिक प्रजनन में, उत्पन्न संतान अपने जनक की तरह प्रतियां होती हैं। यह आमतौर पर बहुत छोटे आकार के जीवों में देखा जाता है। द्विखंडन, मुकुलन, विखंडन आदि अलैंगिक प्रजनन के उदाहरण हैं।
- मुकुलन: इस प्रक्रिया में, जीव का एक हिस्सा उभरना शुरू हो जाता है। धीरे-धीरे यह बढ़ता है और एक नए अलग जीव में विकसित हो जाता है। उदाहरण: हाइड्रा, यीस्ट।
- द्विखंडन: यह एक प्रकार का अलैंगिक जनन है जिसमें एक एकल कोशिका दो हिस्सों में विभाजित होती है। द्विखंडन के माध्यम से प्रजनन करने वाले जीव जीवाणु और अमीबा हैं।
मादा के किस जनन अंग में भ्रूण का रोपण होता है?
मादा के गर्भाशय की भित्ति में भ्रूण का रोपण होता है।
कायांतरण किसे कहते है? उदाहरण दीजिए।
कुछ विशेष परिवर्तनों के साथ लार्वा का वयस्क में रूपांतरण, कायांतरण कहलाता है। कायांतरण एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें कोशिका वृद्धि और विभेदन द्वारा पशु के शरीर की संरचना में अचानक और आकस्मिक परिवर्तन शामिल होते हैं। यह आम तौर पर उभयचर और कीटों में देखा जाता है।
उदाहरण: मेंढक और तितलियाँ।
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 6 के प्रश्न उत्तर विस्तार से
आंतरिक निषेचन एवं बाह्म निषेचन में भेद
आंतरिक निषेचन | बाह्म निषेचन |
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नर और मादा युग्मकों का संलयन शरीर के अंदर होता है। | नर और मादा युग्मकों का संलयन शरीर के बाहर होता है। |
कम संख्या में अंडे उत्पादित होते है। | बड़ी संख्या में अंडे उत्पादित होते है। |
उदाहरण: गाय, कुत्ता, मानव आदि। | उदाहरण: मेंढक, मछलियाँ आदि। |
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 6 के वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर
जिन प्राणियों में बाह्य निषेचन होता है उनमें बड़ी संख्या में युग्मक उत्पन्न होते हैं। निम्नलिखित में से उपयुक्त कारण चुनिए:
मानवों में जनन के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
जलीय जंतु जिनमें निषेचन पानी में होता है, कहलाते हैं:
मानवों में जनन के दौरान घटनाओं का सही क्रम होता है:
प्रजनन क्या है?
यह प्रकृति का नियम है कि सभी वस्तुएँ जो जन्म लेती हैं तथा जीवन-यापन करती हैं, उन्हें मरना भी पड़ता है। परंतु मृत्यु से पूर्व
वे सभी अपनी जाति की निरंतरता के लिए, अपने जैसे जीवों को उत्पन्न करती हैं। किसी भी प्राणी द्वारा अपने जैसे ही जीवों को उत्पन्न करना, ‘प्रजनन’ कहलाता है। यह एक जैसे जीवों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी निरंतरता बनाए रखना सुनिश्चित करता है। इसके निम्नलिखित महत्व हैं:
- एक विशिष्ट वंश या प्रजातियों को बनाए रखता है।
- वर्तमान प्रजातियों की संख्या के गुणन में सहायता करता है।
- यह जीवित प्राणियों के क्रमिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो प्रत्येक पीढ़ी में छोटे परिवर्तनों द्वारा ही हो पाता है।
हारमोन के क्या कार्य हैं?
मनुष्य के शरीर में नियंत्रण तंत्रों में से एक तंत्र अंतस्रावी तंत्र भी है। अत: स्रावी तंत्र में कुछ ऐसी अंतस्रावी ग्रंथियाँ होती हैं जिनके द्वारा हारमोन जैसे स्राव उत्पन्न किए जाते हैं जो शरीर की वृद्धि तथा विकास को नियंत्रित रखते हैं। मनुष्यों में हारमोन की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:
- हारमोन ऐसे पदार्थ हैं जो शरीर में रासायनिक नियंत्रक का कार्य करते हैं।
- ऐच्छिक प्रभाव लाने के लिए ये अल्प मात्रा में ही चाहिए होते हैं।
- हारमोन विशेष ग्रंथियों, जिन्हें अंत स्रावी ग्रंथियाँ या बिना नली वाली ग्रांथियाँ कहते हैं, द्वारा उत्पन्न होते हैं।
- हारमोन सीधे ही रक्त धारा में प्रवाहित होते हैं।
- हारमोन द्वारा किशोरावस्था के बच्चे में दीर्घकालीन परिवर्तन लाए जाते हैं।
- हारमोन तंत्रिका तंत्र तथा अंगों के मध्य संदेशवाहकों का कार्य भी करते हैं तथा विशिष्ट कार्य करते हैं।
कक्षा 8 विज्ञान पाठ 6 के कुछ अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
हालाँकि युग्मक नामक दो कोशिकाएँ परस्पर संलीन होती हैं और उनसे केवल एक कोशिका बनती है जिसे युग्मनज कहते हैं। इस कथन की युक्तिसंगतता बताइए।
निषेचन के दौरान, शुक्राणु का केवल केंद्रक ही अंड-कोशिका के भीतर प्रवेश करता है और अंडे के केन्द्रक के साथ संलीन हो कर युग्मनज बनाता है। शुक्राणु का ह्रास हो जाता है।
मानव परिवर्धन का वर्णन करते समय कायांतरण नामक शब्द का प्रयोग नहीं किया जाता है। क्यों?
मानवों में, वयस्क के शरीर के विभिन्न भाग उसके जन्म होने के समय से ही विद्यमान होते हैं। जबकि, कायांतरण में, वयस्क के विभिन्न भाग जन्म के समय विद्यमान भागों से भिन्न होते हैं।
बच्चे को जन्म तो माँ देती है, लेकिन बच्चे में माँ-बाप दोनों के लक्षण होते हैं। यह कैसे संभव होता है?
हालांकि माँ बच्चे को जन्म देती है, फिर भी निषेचन में दो युग्मक निहित होते हैं। एक माँ से और दूसरा पिता से। इस प्रकार, युग्मनज बनने में पिता और माता दोनों का योगदान होता है। चूँकि युग्मनज ही परिवर्धित होकर बच्चा बनता है, इसलिए उसमें दोनों जनकों के लक्षण मौजूद होते हैं।
हम कैसे कह सकते हैं कि मछली में बाह्य निषेचन होता है?
मादा मछली अपने अंडे पानी में छोड़ देती है और नर मछली भी अपने शुक्राणु वहीं छोड़ देता है। शुक्राणु पानी में इधर-उधर तैरते रहते हैं और अंतत: अंडों के संपर्क में आ जाते हैं। शुक्राणु का केंद्रक अंडे के भीतर प्रवेश कर जाता है और उसके केंद्रक के साथ संलीन हो जाता है। चूँकि निषेचन मादा शरीर के बाहर पानी में होता है, इसलिए इस प्रकार के निषेचन को बाह्य निषेचन कहते हैं।
मुर्गी और मेंढ़क दोनों ही अंडप्रजक प्राणी हैं, फिर भी उनमें निषेचन प्रक्रिया भिन्न प्रकार से होती है। व्याख्या कीजिए।
मुर्गी अंडप्रजक होती हैं जिनमें आंतरिक निषेचन होता है। निषेचित अंडा शरीर के भीतर परिवर्धित होकर भ्रूण बन जाता है। हालांकि भ्रूण से बने चूजों का परिवर्धन मादा मुर्गी के शरीर के बाहर होता है। मेंढ़क अंडप्रजक होते हैं जिनमें निषेचन और युग्मनज से लेकर भू्रण और अल्पवयस्कों तक का परिवर्धन शरीर के बाहर होता है।