कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 एनसीईआरटी समाधान – प्रकाश
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 के लिए एनसीईआरटी समाधान सलूशन – प्रकाश हिंदी तथा अंग्रेजी माध्यम में विडियो तथा पीडीएफ के रूप में यहाँ दिए गए हैं। आठवीं विज्ञान पाठ 13 के सभी सवालों तथा प्रश्नों के जवाब आसान शब्दों और सरल भाषा के प्रयोग करके तैयार किए गए हैं। छात्र समाधान तथा पाठ को समझने के लिए विडियो की मदद भी ले सकते हैं। प्रत्येक पाठ की विडियो तथा पीडीएफ साथ साथ दी गई है। कक्षा 8 विज्ञान ऑफलाइन ऐप में भी पीडीएफ और विडियो दोनों प्रकार के समाधान उपलब्ध हैं।
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
मान लीजिए आप एक अंधेरे कमरे में है। क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते है? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते है। व्याख्या कीजिए।
हम किसी भी वस्तु को देख सकते हैं, जब वस्तु द्वारा परावर्तित प्रकाश हमारी आंखों तक पहुंचता है। लेकिन अंधेरे कमरे में, कोई प्रकाश वस्तु से परावर्तित नहीं हो पाती। इसलिए, हम अंधेरे कमरे में वस्तुओं को देखने में सक्षम नहीं होते। लेकिन अगर कमरे के बाहर प्रकाश है, तो हम वहाँ बाहर राखी वस्तुओं को देख सकते हैं।
परावर्तन के नियम बताइए।
परावर्तन के नियम:
- आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है।
- आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा परावर्तक पृष्ठ पर आपतन बिन्दु पर खींचा गया अभिलंब एक ही तल में होते है।
यह दर्शाने के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलंब एक ही तल में होते है, एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
किसी मेज या ड्राइंग बोर्ड पर सफ़ेद कागज़ की एक शीट लगाइए। एक कंघा लीजिए और इसके बीच के एक दांते को छोड़कर सभी खुले स्थानों को बंद कर दीजिए। इस कार्य के लिए आप काले कागज़ की एक पट्टी प्रयोग कर सकते है। कंघे को कागज़ की शीट के लम्बवत पकड़िए। एक टॉर्च की सहायता से प्रकाश डालिए। टॉर्च तथा कंघे के थोड़े से समायोजन के पश्चात आप कंघे के दूसरी ओर कागज़ की शीट के अनुदिश प्रकाश की एक किरण देखेंगे। कंघे तथा टॉर्च को इस स्थिति में स्थिर रखिए। प्रकाश – किरण के गमन पथ के सामने समतल दर्पण की एक पट्टी रखिए। शीट मेज के किनारे से थोड़ी बाहर निकली हुई होनी चाहिए। शीट के बाहर निकले भाग को बीच में से काटिए। परावर्तित किरण को देखिए। सुनिश्चित कीजिए कि परावर्तित किरण कागज़ के बाहर निकले भाग पर भी दिखाई दे। कागज़ के बाहर निकले उस भाग को मोड़िए जंहा पर परावर्तित किरण दिखाई दे रही है। कागज़ को मूल स्थिति में वापस लाएं।
जब मेज पर कागज़ की पूरी शीट फैलाते है तो यह एक तल को निरूपित करती है। आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण ये सभी इसी तल में होते है। जब हम कागज़ को मोड़ देते है, तो हम एक नया तल बना देते है जो उस तल से भिन्न होता है जिसमें आपतित किरण तथा अभिलम्ब स्थित है। तब हम परावर्तित किरण को नहीं देख सकते। यह दर्शाता है कि आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण – ये सभी एक तल में होते है।
कैलाइडोस्कोप की रचना का वर्णन कीजिए।
कैलाइडोस्कोप बनाने के लिए दर्पण की तीन चौड़ी आयातकर पट्टियाँ ले और इन्हें प्रिज़्म की आकृति के अनुसार जोड़िए। इन्हें गत्ते या मोटे चार्ट पेपर की बनी एक बेलंकार ट्यूब में दृढ़ता से लगाइए। सुनिश्चित कीजिए कि ट्यूब दर्पण कि पट्टियों से थोड़ी लम्बी हो। ट्यूब के एक सिरे को गत्ते कि एक एसी डिस्क से बंद कीजिए जिसमें भीतर का दृश्य देखने के लिए एक छिद्र बना हो। डिस्क को टिकाऊ बनाने के लिए इसके नीचे पारदर्शी प्लास्टिक कि शीट चिपका दीजिए। ट्यूब के दूसरे सिरे पर समतल काँच कि एक वृत्ताकार प्लेट दर्पणों को छूते हुए दृढ़तापूर्वक लगाइए। इस प्लेट पर छोटे – छोटे रंगीन काँच के कुछ टुकड़े (रंगीन चूड़ियों के टुकड़े) रखिए। ट्यूब के इस सिरे को घिसे हुए काँच की प्लेट से बंद कीजिए।
गुरमीत लेज़र टॉर्च के द्वारा क्रियाकलाप 16.8 को करना चाहता था। उसके अध्यापक ने ऐसा करने से मना किया। क्या आप अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते है?
लेज़र टॉर्च की तीव्रता बहुत अधिक होती है, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में ऊर्जा होती है। यह आंखों के लिए हानिकारक है और इससे स्थायी नुकसान हो सकता है। लेज़र टॉर्च को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लंबी अवधि तक नहीं देखना चाहिए।
वर्णन कीजिए की आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसे करेंगे।
यह आवश्यक है कि हमें अपने नेत्रों की उचित देखभाल करनी चाहिए। यदि कोई भी समस्या है तो हमें किसी नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। नेत्रों की नियमित जांच करवानी चाहिए। यदि परामर्श दिया गया है तो उचित चश्मे का उपयोग करना चाहिए। नेत्रों के लिए कम या बहुत अधिक प्रकाश हानिकारक है। अपर्याप्त प्रकाश से नेत्र – खिंचाव तथा सरदर्द हो सकता है। सूर्य या किसी शक्तिशाली लैम्प का अत्यधिक तीव्र प्रकाश, अथवा लेज़र टॉर्च का प्रकाश रेटिना को क्षति पहुँचा सकता है। सूर्य था किसी शक्तिशाली प्रकाश स्रोत को कभी भी सीधा मत देखिए। हमें अपने नेत्रों को कभी रगड़ना नहीं चाहिए । यदि हमारे नेत्रों में कोई धूल का कण जाए तो नेत्रों को स्वच्छ जल से धोना चाहिए। यदि कोई सुधार न हो तो डाक्टर के पास जाना चाहिए। हमें अपने नेत्रों को बारंबार स्वच्छ जल से धोना चाहिए। पठन सामग्री को सदैव दृष्टि की सामान्य दूरी पर रखकर पढ़ना चाहिए। हमें अपनी पुस्तक को नेत्रों से बहुत दूर ले जाकर नहीं पढ़ना चाहिए।
यदि परावर्तित किरण आपतित किरण से 90° का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा?
हम जानते है कि आपतित किरण का कोण परावर्तित किरण के कोण के बराबर है:
∠i=∠r
लेकिन यह दिया हुआ है:
⇒ ∠i + ∠r = 90°
⇒ ∠i + ∠i = 90°
⇒ 2∠i = 90°
⇒ ∠i = (90°)/(2 )
= 45°
यदि दो समांतर समतल दर्पण एक – दूसरे से 40 cm के अंतराल पर रखे हो तो इनके बीच राखी एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिंब बनेंगे?
अनंत प्रतिबिंब बनेंगे।
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 के प्रश्न उत्तर विस्तार से
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 के वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर
हम किसी अदीप्त वस्तु को देख सकते हैं जब प्रकाश
मानव नेत्र की तंत्रिका कोशिकाओं, शलाकाओं तथा शंकुओं के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
नेत्र का वह भाग जो इसमें प्रवेश करने वाले प्रकाश को नियंत्रित करता है, उसे कहते हैं:
पदार्थों में से प्रकाश की मात्रा गुजरने के आधार पर पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं?
पदार्थों में से प्रकाश की मात्रा गुजरने के आधार पर पदार्थ तीन प्रकार के होते हैं:
- वे पदार्थ जो भली-भाँति से पॉलिश किए हुए तथा चिकने होते हैं तथा जो अपने ऊपर गिरने वाले लगभग संपूर्ण प्रकाश को परावर्तित कर देते हैं। उदाहरणतया एक समतल दर्पण या स्टेनलैस स्टील सतह।
- वे पदार्थ जो लगभग संपूर्ण प्रकाश को अपने भीतर से गुजरने देते हैं, उन्हें पारदर्शी पदार्थ कहते हैं। वे बहुत कम मात्रा में ही प्रकाश को वापस परावर्तित करते हैं। उदाहरणतया काँच, स्वच्छ जल आदि।
- वे पदार्थ जो थोड़े प्रकाश को परावर्तित कर देते हैं तथा शेष प्रकाश को अवशोषित कर लेते हैं, उन्हें अपारदर्शी पदार्थ कहते हैं। उदाहरणतया सीमेंट की दीवार, पत्थर आदि।
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिंब क्या होते हैं?
एक वास्तविक प्रतिबिंब तभी बनता है जब दर्पण से आने वाले परावर्तित किरणें वास्तव में एक बिंदु पर मिलती हैं अर्थात् उसे पर्दे पर देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, एक अवतल दर्पण में वास्तविक प्रतिबिंब तभी बनता है जब वस्तु उसके फोकस बिंदु पर या उससे परे रखी होती है।
आभासी प्रतिबिंब तब बनता है जब प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तित होने के पश्चात एक बिंदु पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं। ऐसा प्रतिबिंब पर्दे पर नहीं बनता है, केवल दर्पण में ही देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए समतल दर्पण द्वारा निर्मित प्रतिबिंब आभासी प्रतिबिंब होते हैं। अवतल दर्पण, आभासी प्रतिबिंब बनाता है जब वस्तु उसकी फोकस दूरी से कम दूरी पर स्थित होती है जबकि उत्तल दर्पण सदैव आभासी प्रतिबिंब का निर्माण करता है जब वस्तु उसके आगे रखी होती है।
कक्षा 8 विज्ञान पाठ 13 के कुछ अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
निशाचर पक्षियों (उल्लू) के नेत्रों में कॉर्निया तथा पुतली का आकार बड़ा होता है। यह संरचना उन्हें किस प्रकार सहायता करती है?
बड़ी पुतली तथा बड़ा कॉर्निया उनकी आँखों में अधिक प्रकाश प्रवेश कराने में सहायक है और इस प्रकार वे धुंधले प्रकाश में भी वस्तुओं को देख पाते हैं।
बहुमूर्तिदर्शी (कैलाइडोस्कोप) बनाने में परावर्तन की परिघटना का किस प्रकार उपयोग किया जाता है? बहुमूर्तिदर्शी के क्या उपयोग हैं?
बहुमूर्तिदर्शी (कैलाइडोस्कोप) एक दूसरे से किसी कोण पर रखे दर्पणों के द्वारा किसी बिंब के अनेक प्रतिबिंब बनाता है। डिज़ाइन बनाने वाले तथा कलाकार कैलाइडोस्कोप का उपयोग, दीवारों वाले कागज़ों, ज़ेवरों तथा वस्त्रों के डिज़ाइन के नये नये पैटर्न की कल्पना करने के लिए करते हैं।
यदि कोई व्यक्ति मोतियाबिन्द से पीड़ित है तो नेत्र का कौन-सा भाग प्रभावित होता है? इसकी चिकित्सा किस प्रकार की जाती है?
मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्तियों का नेत्र लेंस धुंधला हो जाता है। मोतियाबिंद की चिकित्सा करने के लिए अपारदर्शी लेंस को हटा कर नया कृत्रिम लेंस लगा दिया जाता है।
उस प्रक्रिया को समझाइए जिससे हमें किसी कार्टून फिल्म में गति का आभास होता है।
हम जो कार्टून फिल्म देखते हैं वह वास्तव में कुछ-कुछ भिन्न अनेक चित्रों का उपयुक्त क्रम में परदे पर प्रक्षेपण है। उन्हें प्राय: इस प्रकार दिखाया जाता है कि एक सेकंड में एक के बाद एक 24 चित्र देखे जाएं। इससे हमें गति का आभास होता है।