कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 11 एनसीईआरटी समाधान – विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 11 के लिए एनसीईआरटी समाधान सलूशन – विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव के प्रश्न उत्तर अंग्रेजी और हिंदी मीडियम में पीडीएफ तथा विडियो के रूप में यहाँ दिए गए हैं। वर्ग 8 विज्ञान के विद्यार्थी पाठ 11 के सभी सवाल जवाब, जो अभ्यास के अंत में दिए गए हैं, यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। सभी उत्तर सरल भाषा में बने हैं ताकि प्रत्येक विद्यार्थी को आसानी से समझ आ सके। जिन विद्यार्थियों को पीडीएफ़ समाधान से समझने में दिक्कत आ रही है वे विडियो समाधान का प्रयोग कर सकते हैं। मोबाइल में समाधान प्राप्त करने के लिए वर्ग 8 विज्ञान समाधान ऐप डाउनलोड करें।
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 11 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 11 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 11 के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
जब किसी संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते है तो चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
चुम्बकीय सुई का विक्षेपण सूचित करता है कि विद्युत धारा तार के माध्यम से प्रवाहित हो रही है। इसका मतलब है कि तरल या विलयन विद्युत का एक सुचालक है। जब संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को किसी विलयन में डुबोया जाता है, तो विद्युत परिपथ पूरा हो जाता है और विलयन के माध्यम से विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है।
क्या शुद्ध जल विद्युत का चालन करता है? यदि नहीं, तो इसे चालक बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
शुद्ध या आसुत जल में नमक नहीं होता है। इसलिए यह विद्युत का हीन चालक होता है। इसे चालन बनाने के लिए, हम नमक, नींबू का रस, सिरका आदि जैसी अशुद्धियों को डाल सकते हैं।
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज़ (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत आपूर्ति को बंद कर देते हैं। व्याख्या कीजिए कि वे ऐसा क्यों करते हैं।
पानी में आमतौर पर लवण होता है और यह विद्युत का सुचालक होता है। विद्युत के झटके से स्वयं को और दूसरों को बचाने के लिए तथा किसी भी शॉर्ट सर्किट से बचने के लिए, फायरमैन क्षेत्र की मुख्य विद्युत आपूर्ति बंद कर देते हैं।
तटीय क्षेत्र में रहने वाला एक बालक अपने संपरीक्षित्र से पानी तथा समुद्र के पानी का परीक्षण करता है। वह देखता है कि समुद्र के पानी के लिए चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेप दर्शाती है। क्या आप इसके कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
विभिन्न अशुद्धियों और लवणों को हटाकर पीने के पानी को रासायनिक रूप से शुद्ध और विशुद्ध किया जाता है। जबकि समुद्र के पानी में बहुत सारे खनिज लवण होते हैं। इसलिए, समुद्र का पानी पीने के पानी की तुलना में अधिक कणों (अधिक विद्युत आवेशों) का उत्पादन करता है और समुद्र के पानी के मामले में चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेपण भी दर्शाती है।
क्या तेज़ वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत तारों की मरम्मत करना सुरक्षित होता है? व्याख्या कीजिए।
तेज़ वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत तारों की मरम्मत करना असुरक्षित होता है। पानी (जब अशुद्ध होता है) विद्युत का सुचालक होता है और विद्युत के झटके लगने की संभावना होती है।
पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल। इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है। इसका क्या कारण हो सकता है?
हमारे आसपास की हवा में कई तरह कि गैस, धूल के कण और प्रदूषक होते हैं। ये कण वर्षा के जल में घुल जाते हैं और इसे विद्युत का सुचालक माध्यम बनाते हैं।
अपने आस-पास उपलब्ध विद्युतलेपित वस्तुओं की सूची बनाइए।
हमारे आस-पास उपलब्ध विद्युतलेपित वस्तुएँ:
- कोल्ड ड्रिंक के डिब्बे टिन से लेपित होते हैं।
- बनावटी आभूषण चाँदी या सोने से लेपित होते हैं।
- कार बंपर और साइकिल हैंडल क्रोम से लेपित हैं।
- धातु के दरवाजे, दरवाज़े के हैंडल जिंक से लेपित हैं।
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 11 के प्रश्न उत्तर विस्तार से
आसुत जल में विद्युत का चालन
जब हम आसुत जल में नमक घोलते हैं तो हमें नमक का घोल प्राप्त होता है। यह विद्युत का अच्छा चालक है। जो जल हमें नलों, हैंड पम्पों, कुँओं, तालाबों आदि से प्राप्त होता है वह शुद्ध नहीं होता। इसमें अनेक लवण घुले हो सकते हैं। खनिज लवणों
की थोड़ी मात्रा इसमें प्राकृतिक रूप से विद्यमान होती है। इसीलिए यह जल विद्युत का सुचालक होता है। इसके विपरीत, आसुत जल लवणों से मुक्त होने के कारण हीन चालक होता है।
विद्युतलेपन किसे कहते हैं?
विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युतलेपन कहते हैं। यह विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का एक सर्वाधिक सामान्य उपयोग है। विद्युतलेपन अत्यंत उपयोगी प्रक्रम है। उद्योगों में धातु की वस्तुओं पर किसी दूसरी धातु की पतली परत विलेपित करने के लिए इसका व्यापक रूप में उपयोग किया जाता है। विलेपित किए जाने वाली धातु की परत में कुछ ऐसे वांछित गुण होते हैं जो उस वस्तु की धातु में नहीं होते जिस पर निक्षेपण किया जाता है। उदाहरण के लिए, अनेक वस्तुओं जैसे कार के कुछ भागों, स्नानगृह की टोंटी, गैस बर्नर, साइकिल का हैंडिल, पहियों के रिम आदि पर क्रोमियम का लेपन किया जाता है।
विद्युल लेपन के लिए परिस्थितियाँ तथा विधियाँ
- एक विद्युत अपघटनी टंकी या पात्र लीजिए, जिसमें विद्युत-अपघट्य को रखा जाएगा। विद्युत-अपघट्य में वस्तु पर चढ़ाए जाने वाली धातु के आयन अर्थात् उपयुक्त लवण होना चाहिए।
- विद्युत-लेपित की गई वस्तु को भली-भाँति साफ कर लेना चाहिए।
- विद्युत लेपन की जाने वाली वस्तु को ऋणोद बनाया जाता है।
- वस्तु पर चढ़ाए जाने वाली धातु को धनोद बनाया जाता है।
- धनोद को बैटरी के (+) सिरे से तथा ऋणोद को बैटरी के (-) सिरे से जोड़ दीजिए।
- एक निम्न प्रवाह एक लंबे समय के लिए प्रवाहित किया जाता है।
- दिष्ट धारा का प्रयोग होना चाहिए, संचित धारा का नहीं।
- एक शुद्ध धातु की पतली परत को वस्तु पर चढ़ा दिया जाता है।
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
किसी चालक विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रोडों पर गैस के बुलबुले बन सकते हैं। इलेक्ट्रोडों पर धातु के निक्षेप देखे जा सकते हैं। विलयनों के रंग में परिवर्तन हो सकते हैं। यह रासायनिक अभिक्रिया उपयोग किए जाने वाले विलयन तथा इलेक्ट्रोडों पर निर्भर करती है। ये विद्युत धारा के कुछ रासायनिक प्रभाव हैं।