कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 3 एनसीईआरटी समाधान – पदार्थों का पृथक्करण

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कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 3 एनसीईआरटी समाधान

पदार्थों के पृथक्करण की मुख्य विधियाँ कौन कौन सी हैं?

पदार्थों के पृथक्करण की मुख्य विधियाँ निम्नलिखित हैं:

    • हस्त चयन: हस्त चयन की इस विधि का उपयोग कुछ अनाजों जैसे गेहूँ, चावल तथा दालों में पड़े कुछ बड़े मिटी्ट के कणों, पत्थर तथा भूसे को पृथक करने में किया जा सकता है। इस प्रकार की अशुद्धियाँ बहुत कम मात्रा में होती हैं इसलिए ऐसी स्थितियों में हस्त-चयन द्वारा पदार्थों को पृथक करना एक सुविधाजनक विधि बन जाती है।
    • थ्रेशिंग: अनाज के पौधों को सुखाने के बाद उनकी डंडियों से अन्नकणों अथवा अनाज़ को अलग करके साफ करने के प्रक्रम को थ्रेशिंग कहते हैं। इस प्रक्रम में या तो डंडियों को पीटकर अन्नकणों को पृथक किया जाता है अथवा बैलों की सहायता ली जाती है। जब मात्रा बहुत अधिक हो तो अन्नकणों को डंडियों से पृथक करने के लिए थ्रेशिंग मशीनों का उपयोग भी किया जाता है।
    • निष्पावन: किसी मिश्रण के अवयवों को पवनों की मदद से पृथक करने की विधि निष्पावन कहलाती है। निष्पावन का उपयोग पवनों अथवा वायु के झोंकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक करने में किया जाता है। किसान इस विधि का उपयोग हल्के भूसे को भारी अन्नकणों से पृथक करने के लिए करते हैं।

कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 3 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदहारण लिखिए।

किसी पदार्थ का उपयोग करने से पहले, हमें उसमें से हानिकारक या गैर-उपयोगी पदार्थों को अलग करना होता है, जो इसके साथ मिश्रित हो सकते हैं। शुद्ध रूप में प्राप्त अवयव सुविधापूर्ण तरीके से प्रयोग किया जा सकता है। उदहारण के लिए:

    1. हम हस्त चयन विधि द्वारा गेहूं, चावल या दाल से गंदगी, पत्थर और भूसी के टुकड़ों जैसी थोड़ी बड़ी अशुद्धियों को अलग करते हैं।
    2. चावल या दाल को पकाने से पहले आमतौर पर धोया जाता है। जब हम इनमें पानी डालते हैं, तो धूल और मिट्टी के कणों जैसी अशुद्धियाँ अलग हो जाती हैं।
निष्पावन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग किया जाता है?

किसी मिश्रण के भारी और हल्के अवयवों को, वायु के झोंकों द्वारा, पृथक करने की विधि को निष्पावन कहते हैं। साधारणतया किसान इस विधि का उपयोग हल्के भूसे को भारी अन्नकणों से पृथक करने के लिए करते हैं।

पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कण कैसे पृथक करेंगे?

पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कणों को हस्त चयन विधि द्वारा पृथक करेंगे।

चालन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग होता है?

अलग-अलग आकारों के मिश्रण के घटकों को छानने की प्रक्रिया को चालन कहते हैं। छलनी सामान्य आकारों वाले अवयवों को छेद से होकर गुजरने देती है, जबकि बड़ी अशुद्धियाँ छलनी में ही रहती हैं।
आटा मिलों में, आटे से अनाज के टूटे कणों को अलग करने के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग निर्माण स्थलों पर रेत और सीमेंट के मिश्रण से छोटी गांठों को अलग करने के लिए भी किया जाता है।

कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 3 का अध्ययन तथा प्रश्न उत्तर

पदार्थों के पृथक्करण में चालन विधि क्या है?

चालन विधि का उपयोग मिश्रण के दो ऐसे अवयवों के लिए किया जाता है जिनकी आमापों में अंतर हो। उदाहरण के लिए हम आटे से व्यंजन बनाने से पहले इसमें उपस्थित चोकर तथा अन्य अशुद्धियों को पृथक करने के लिए चालन विधि का प्रयोग करते हैं। इसके लिए हम चालनी (छन्नी) का उपयोग करते हैं तथा उसमें आटा डालते हैं। आटे के छोटे कण चालनी के छिद्रों द्वारा निकल जाते हैं जबकि बड़ी अशुद्धियाँ चालनी में रह जाती हैं। इस प्रकार साफ आटा हमें व्यंजन बनाने के लिए मिल जाता है।

अवसादन तथा निस्तारण विधि

अवसादन तथा निस्तारण विधि ऐसे द्रवों के मिश्रण को पृथक करने में भी उपयोग में लाया जाता है जो आपस में मिश्रित नहीं होते हैं। मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के नीचे तली में बैठ जाने के प्रक्रम को अवसादन कहते हैं। अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मि‘ी सहित उड़ेलने की क्रिया को निस्तारण कहते हैं। उदाहरण के लिए, तेल तथा जल को उनके मिश्रण से इसी विधि द्वारा पृथक किया जा सकता है। यदि द्रव के ऐसे मिश्रणों को कुछ समय के लिए रखा रहने दिया जाए तो वे दो पृथक-पृथक परतों में बँट जाते हैं। इसके बाद जो अवयव ऊपरी परत बनाता है उसे निस्तारण द्वारा पृथक कर सकते हैं।

समुद्र के जल से नमक कैसे प्राप्त किया जाता है?

जल को उसके वाष्प में परिवर्तन करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं। इसी वाष्पन विधि से ही समुद्री जल से नमक को पृथक किया जाता है। इसके लिए समुद्र के जल को बड़े-बड़े उथले गइों में भरकर छोड़ दिया जाता है फलस्वरूप सूर्य के प्रकाश से जल गर्म होकर वाष्पन द्वारा धीरे-धीरे वाष्प में बदलने लगता है। कुछ समय बाद सारा जल वाष्पित हो जाता है तथा ठोस लवण नीचे बच जाते हैं। तत्पश्चात इन लवणों के मिश्रण का शोधन करके साधारण नमक प्राप्त किया जाता है।

एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पाठ 3 के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

रेत और जल के मिश्रण से आप रेत तथा जल को कैसे पृथक करेंगे?

रेत और जल को उनके मिश्रण से अलग करने के लिए, हम निम्नलिखित चरणों का पालन करते हैं:

    1. एक कंटेनर में कुछ समय के लिए मिश्रण छोड़ दें।
    2. कंटेनर के तल पर रेत जम जाती है। इसे अवसादन कहते हैं।
    3. पानी को धीरे से एक दूसरे कंटेनर में डालें। इसे निस्तारण कहते हैं।
    4. हम रेत के बारीक कणों को हटाने के लिए फिल्टर पेपर का उपयोग भी कर सकते हैं, जिसे निस्यंदन खाते हैं।
आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक करना संभव है? अगर हाँ, तो आप इसे कैसे करेंगे?

हाँ। किसी छलनी का प्रयोग करके चालन विधि के माध्यम से आटे के साथ मिश्रित चीनी को अलग किया जा सकता है।

पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे?

पंकिल जल से साफ पानी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चरणों की आवश्यकता होती है:

    1. एक कंटेनर में पंकिल जल डालकर कुछ समय के लिए छोड़ देते हैं।
    2. कुछ समय बाद, कंटेनर के नीचे अशुद्धियाँ जमा हो जाती हैं। इस प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं।
    3. ऊपरी परत साफ पानी की है। इसे दूसरे कंटेनर में डाल लेते हैं। इस प्रक्रिया को निस्तारण कहते हैं।
    4. महीन अशुद्धियों को दूर करने के लिए इसे फिल्टर पेपर की मदद से फिर से छान लेते हैं। इस प्रक्रिया को निस्यंदन कहते हैं।
जल में चीनी तथा नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ़ डालकर इसे ठंडा करना चाहते हैं, इसके लिए शिकंजी में बर्फ़ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना संभव होगा?

हमें बर्फ डालने से पहले चीनी घोलना चाहिए।
ठंडे पानी की तुलना में चीनी गर्म पानी में जल्दी घुल जाती है। हम पानी में बर्फ मिलाने से पहले अधिक चीनी घोल सकते हैं।

कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 3 के अभ्यास के प्रश्न उत्तर