कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1 एनसीईआरटी समाधान – भोजन के घटक

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कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1 एनसीईआरटी समाधान

शरीर में पोषक तत्वों की आवश्यकता क्यों होती है?

हमारे शरीर के प्रत्येक अंग कुछ-न-कुछ कार्य करते हैं। अत: विभिन्न कार्यों को करने के लिए अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। हमारा शरीर निरंतर कार्य करता है। जब हम सोते हैं, तब भी हमारा मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े, मांसपेशियाँ, रक्त-नलिकाएँ, गुर्दे तथा आहार-नाल आदि निरंतर कार्य करते रहते हैं। इन सभी को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। पोषक तत्व हमें विभिन्न प्रकार के खाद्यान्नों से प्राप्त होते हैं। भोजन के मुख्य पोषक तत्व हैं:

    • 1. कार्बोहाइड्रेट
    • 2. प्रोटीन
    • 3. वसा
    • 4. खनिज लवण
    • 5. विटामिन
    • 6. रेशा
    • 7. जल

कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1 का अध्ययन तथा प्रश्न उत्तर

कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्वों के नाम लिखिए।

हमारे भोजन में मुख्य पोषक तत्व कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिज होते हैं। इसके अलावा, भोजन में आहारी रेशों और पानी की आवश्यकता भी हमारे शरीर को होती है।

पोषक जो मुख्य रूप से हमारे शरीर को ऊर्जा देते हैं। उसका नाम लिखिए।

कार्बोहाइड्रेट और वसा

पोषक जो हमारे शरीर की वृद्धि और अनुरक्षण के लिए आवश्यक हैं। उसका नाम लिखिए।

प्रोटीन

वह विटामिन जो हमारी अच्छी दृष्टि के लिए आवश्यक है। उसका नाम लिखिए।

विटामिन A

वह खनिज जो अस्थियों के लिए आवश्यक है। उसका नाम लिखिए।

कैल्शियम

दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जिनमें वसा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

घी, माखन, दूध, अंडा आदि

दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जिनमें मंड प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

आलू, चीनी, चावल, आदि

दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जिनमें आहारी रेशे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

सब्जियाँ, फल आदि

दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जिनमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

दूध, फलियाँ, अंडा आदि

कार्बोहाइड्रेट क्या होते हैं?

कार्बोहाइड्रेट सामान्यतया ऊर्जादायी यौगिक होते हैं। ये कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के विभिन्न समूहों द्वारा बने होते हैं। इनमें से एक समूह है – शर्करा और दूसरा समूह है स्टार्च। कार्बोहाइड्रेट यकृत और शरीर की मांसपेशियों में एकत्र होते हैं। गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, आलू, गन्ना, चुकंदर, गाजर, केला, सेब, शहद और चीनी कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्रोत हैं।

भारत के विभिन्न भागों में खाए जाने वाले भोजन कौन-कौन से हैं?
किसी क्षेत्र के भोजन में चपाती, दाल और बैंगन का भरता हो सकता है तो दूसरे क्षेत्र में चावल, सांबर तथा भिंडी हो सकती है। इसके अतिरिक्त अन्य भोजन में अप्पम, मछली तथा सब्जियाँ हो सकती हैं। भारत में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार के भोजन होते हैं।

भारत में बने भोजन में क्या महत्वपूर्ण होता है?
आमतौर पर भारत में बने आहार में अन्न से बना कम से कम एक व्यंजन होता है। दूसरे खाद्य पदार्थों में दाल या मांस का कोई व्यंजन तथा सब्जी हो सकती है। इसमें दही, मट्ठा तथा अचार भी शामिल हो सकते हैं।

भोजन के मुख्य पोषक क्या हैं?
हमारे भोजन में मुख्य पोषक कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज-लवण हैं। इसके अतिरिक्त हमारे भोजन में रुक्षांश तथा जल भी शामिल हैं, जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता है।

भोजन में कार्बोहाइड्रेट किस रूप में पाया जाता है?
हमारे भोजन में पाए जाने वाले मुख्य कार्बोहाइड्रेट, मंड तथा शर्करा के रूप में होते हैं।

किसी भोज्य पदार्थ में मंड की उपस्थिति का पता कैसे लगाएँगे?
मंड के परीक्षण के लिए खाद्य पदार्थ की अल्प मात्रा लेकर इसमें तनु आयोडीन विलयन की 2 या 3 बूँदें डालते हैं। खाद्य पदार्थ के रंग में होने वाले परिवर्तन को देखते हैं। यदि यह नीला या काला हो गया है, तो यह मंड की उपस्थिति को दर्शाता है।

किसी भोज्य पदार्थ में प्रोटीन की उपस्थिति का पता कैसे लगाएँगे?
प्रोटीन के परीक्षण के लिए खाद्य पदार्थ की थोड़ी मात्रा लेते हैं। यदि खाद्य पदार्थ ठोस है तो पहले उसका पेस्ट अथवा चूर्ण बना लेते हैं। अब खाद्य पदार्थ के चूर्ण को एक साफ परखनली में डाल कर उसमें दस बूँद जल डालकर उसे अच्छी तरह हिलाते हैं। अब ड्रॉपर की सहायता से परखनली में दो बूँद कॉपर सल्फेट का विलयन तथा दस बूँद कास्टिक सोडा का विलयन डालते हैं। अच्छी तरह हिलाकर कुछ मिनट के लिए परखनली को रख देते हैं। यदि परखनली का पदार्थ बैंगनी रंग का हो जाता है तो यह खाद्य पदार्थ में प्रोटीन की उपस्थिति को प्रदर्शित करता है।

प्रोटीन की आवश्यकता हमारे शरीर को क्यों पड़ती है?

प्रोटीन हमारे शरीर को बनाने वाले आहार होते हैं। वे हमारे शरीर की वृद्धि और कोशिकाओं की मरम्मत में सहायक होते हैं। वे हमारे शरीर की रोगों तथा संक्रमण के विरुद्ध लड़ने और शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करने में सहायता करते हैं। रक्त में पाया जाने वाला हीमोग्लोबिन भी एक प्रोटीन है। यह ऑक्सीजन तथा कार्बन डाईऑक्साइड के परिवहन में सहायक होते हैं। प्रोटीन मुख्यत: कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के बने होते हैं। कुछ प्रोटीन में सल्फर और फॉस्फोरस भी होता है। ऐमीनो-एसिड प्रोटीन की एक लघुतर इकाई है।

हमारे आहार में वसा का क्या महत्व है?

वसाएँ भी आहार की बहुत महत्वपूर्ण घटक हैं, क्योंकि ये हमें अधिक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त कराती हैं। अत्यधिक वसा, संगृहीत वसा में परिवर्तित होकर, त्वचा के नीचे और अंगों के चारों ओर एकत्रित हो जाती है। वनस्पति तेलों जैसे मूंगफली का तेल, सूरजमुखी का तेल आदि में वसा प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इनके अतिरिक्त घी, मक्खन, अंडे की जर्दी आदि में भी वसा विद्यमान होती है।
वसा विटामिन ‘ए’, ‘डी’, ‘ई’ और ‘के’ के अवशोषण और परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वह झिल्लियों के निर्माण में सहायता करती है, शरीर के अंगों को अवावरण देती है और ताप की हानि को अवरुद्ध करती है।

किसी भोज्य पदार्थ में वासा की उपस्थिति का पता कैसे लगाएँगे?
खाद्य पदार्थ की अल्प मात्रा लेकर इसे एक कागज़ के टुकड़े में लपेटकर सावधानी पूर्वक कूटते हैं। अब कागज़ को सीधा करके देखते हैं कि इस पर तेल के धब्बे हैं या नहीं। कागज़ को किसी प्रकाश के सामने लाकर देखें कि क्या इस धब्बे से होकर आने वाला धुँधला प्रकाश दिखाई देता है? यदि हाँ, तो कागज़ पर तेल का धब्बा खाद्य पदार्थ में वसा की उपस्थिति दर्शाता है।
खाद्य पदार्थ में कभी-कभी जल की भी कुछ मात्रा हो सकती है। इस दशा में, इन पदार्थों को कागज़ पर धीरे-धीरे रगड़ते हैं और कुछ समय के लिए कागज़ को सुखा लेते हैं ताकि यदि खाद्य पदार्थ से कुछ जल आया हो तो वह सूख जाए। इसके बाद यदि कागज़ पर तेल का कोई धब्बा न रहे तो, यह पता चलता है कि खाद्य पदार्थ में वसा उपस्थित नहीं है।

शरीर को कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता क्यों होती है?
कार्बोहाइड्रेट मुख्य रूप से हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करते हैं। वसा से भी उर्जा मिलती है। वास्तविकता यह है कि कार्बोहाइड्रेट की तुलना में वसा की समान मात्रा से हमें अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। वसा और कार्बोहाइड्रेटयुक्त भोजन को ‘उर्जा देने वाला भोजन’ भी कहते हैं।

हमारे भोजन में प्रोटीन का क्या महत्त्व है?
प्रोटीन की आवश्यकता शरीर की वृद्धि तथा स्वस्थ रहने के लिए होती है। प्रोटीनयुक्त भोजन को प्राय: ‘शरीर वर्धक भोजन’ कहते हैं।

हमें भोजन में विटामिन की आवश्यकता क्यों होती है?
विटामिन रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। विटामिन हमारी आँख, अस्थियों, दाँत और मसूढ़ों को स्वस्थ रखने में भी सहायता करते हैं। विटामिन कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इनमें से कुछ को विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E तथा विटामिन K के नाम से जाना जाता है। विटामिनों के एक समूह को विटामिन B.कॉम्प्लैक्स कहते हैं। हमारे शरीर को सभी प्रकार के विटामिना की अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। विटामिन A हमारी त्वचा तथा आँखों को स्वस्थ रखता है। विटामिन B बहुत-से रोगों से लड़ने में हमारी मदद करता है। विटामिन D हमारी अस्थियों और दाँतों के लिए कैल्सियम का उपयोग करने में हमारे शरीर की सहायता करता है।

भोजन में खनिज लवणों की क्यों आवश्यकता होती है?
हमारे शरीर को खनिज लवणों की आवश्यकता अल्प मात्रा में होती है। शरीर के उचित विकास तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रत्येक खनिज लवण आवश्यक हैं।

रुक्षांश क्या हैं और हमारे शरीर में इसकी आवश्यकता क्यों होती है?
पोषकों के अलावा हमारे शरीर को आहारी रेशों तथा जल की भी आवश्यकता होती है। आहारी रेशे को ही रुक्षांश भी कहते हैं। हमारे खाने में रुक्षांश की पूर्ति मुख्यत: पादप उत्पादों से होती है। रुक्षांश के मुख्य स्रोत साबुत खाद्यान्न, दाल, आलू, ताज़े फल और सब्जियाँ हैं। रुक्षांश हमारे शरीर को कोई पोषक प्रदान नहीं करते हैं, फिर भी यह हमारे भोजन का आवश्यक अवयव है और इसका आयतन बढ़ा देते हैं। रुक्षांश बिना पचे भोजन को बाहर निकालने में हमारे शरीर की सहायता करता है।

हमें भोजन में किन किन खनिजों की आवश्यकता पड़ती है?

हमारे शरीर में धातु और अधातु अपने लवणों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके कार्यां की देखभाल मूलत: कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन द्वारा होती है। ये सामान्यतया हमारे प्रतिदिन ग्रहण किए जाने वाले आहार में विद्यमान होते हैं। इनके अतिरिक्त आठ अन्य पदार्थ जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, सल्फर, क्लोरीन एवं आयरन भी हैं। कुछ खनिज लवण जैसे आयोडीन, जिंक आदि भी बहुत कम मात्रा में हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।

हमारे शरीर में जल का महत्त्व है?
जल भोजन में उपस्थित पोषकों को अवशोषित करने में हमारे शरीर की सहायता करता है। यह कुछ अपशिष्ट-पदार्थों को मूत्र तथा पसीने द्वारा शरीर से बाहर निकालने में सहायता करता है।

शरीर में जल की आपूर्ति कैसे होती है?
सामान्यत: हमारे शरीर को जितने जल की आवश्यकता होती है, वह हमें उन वस्तुओं से प्राप्त होता है जिन्हें हम द्रव रूप में लेते हैं, जैसे कि जल, दूध और फलों के रस आदि। कई खाद्य पदार्थों में जल होता है। कुछ सीमा तक हमारे शरीर के लिए आवश्यक जल की पूर्ति इसी जल से हो जाती है। इसके अतिरिक्त कई खाद्य पदार्थों को पकाते समय हम उसमें जल डालते हैं या हम जो भी भोजन पकाते हैं अधिकांश में जल का प्रयोग किया जाता है।

क्या फलों और सब्जियों के छिलके भी महत्वपूर्ण होते हैं?
फलों और सब्जियों के छिलकों में भी कई महत्वपूर्ण विटामिन तथा खनिज-लवण होते हैं। छिलका उतार कर यदि सब्जियों और फलों को धोया जाता है तो यह संभव है कि उनके कुछ विटामिन नष्ट हो जाएँ। इसके अतिरिक्त चावल और दालों को बार-बार धोने से उनमें उपस्थित विटामिन और कुछ खनिज-लवण अलग हो सकते हैं।

पकाने से भोजन में उपस्थित कई महत्त्वपूर्ण तत्व नष्ट हो जाते हैं, फिर भी हम उन्हें पकाते हैं। क्यों?
पकाने में कुछ पोषक तत्त्वों की हानि हो सकती है। यदि भोजन पकाने में अत्यधिक जल का उपयोग किया जाता है और बाद में उसे फेंक दिया जाता है तो कई लाभदायक प्रोटीन तथा खनिज-लवणों की हानि हो जाती है। परन्तु पकाने से भोजन का स्वाद बढ़ता है तथा इसे पचाने में आसानी होती है, इसलिए हम भोजन को पकाते हैं।

अधिक वसायुक्त खाना हमारे क्यों नहीं खाना चाहिए?
अधिक वसायुक्त भोजन खाना हमारे लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। हमारे भोजन में वसा की मात्रा अत्यधिक मोटापे का कारण बनती है।

अभावजन्य रोग क्या है?
एक व्यक्ति जो खाने के लिए पर्याप्त भोजन पा रहा है, लेकिन फिर भी कभी-कभी उसके भोजन में किसी विशेष पोषक की कमी हो जाती है। यदि यह कमी लंबी अवधि तक रहती है तो वह व्यक्ति उसके अभाव से ग्रसित हो सकता है। एक या अधिक पोषक तत्त्वों का अभाव हमारे शरीर में रोग अथवा विकृतियाँ उत्पन्न कर सकता है। वे रोग जो लंबी अवधि तक पोषकों के अभाव के कारण होते हैं, उन्हें अभावजन्य रोग कहते हैं।

भोजन में लम्बे समय संतुलित आहार न लेने से क्या हानि होती है?
यदि कोई व्यक्ति अपने भोजन में पर्याप्त प्रोटीन नहीं ले रहा है तो उसे कुछ रोग हो सकते हैं जैसे वृद्धि का अवरुद्ध होना, चेहरे पर सूजन, बालों के रंग का उड़ना, त्वचा की बीमारियाँ और पेचिश आदि। यदि प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट दोनों ही किसी व्यक्ति के आहार से एक लंबे समय तक अनुपस्थित रहें तो उसकी वृद्धि पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाएगी। ऐसा व्यक्ति बहुत दुबला-पतला हो जाएगा। वह इतना दुर्बल हो जाएगा कि चलने में भी असमर्थ होगा। विभिन्न विटामिनों और खनिज लवणों के अभाव से विभिन्न रोग अथवा विकृतियाँ हो सकती हैं।

हमारे भोजन में किन किन विटामिन की आवश्यकता होती है?

विटामिन भी कम मात्रा में हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं। परन्तु इनका अत्यंत मात्रा में होना अत्यन्त आवश्यक है। ये वे रसायन हैं जो स्वस्थ शरीर को बनाए रखने में सहायता करते हैं। चीनी तथा वसा में घुलनशीलता के आधार पर इन्हें दो मुख्य समूहों में रखा गया है, विटामिन A, D, E और K वसा में घुलनशील होते हैं, जबकि विटामिन C पानी में घुलनशील होते हैं। विटामिन सुरक्षात्मक आहार की श्रेणी में आते हैं, क्योंकि ये शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाते हैं। ये हमारी आँत, दाँत, मसूड़ों और हडि्‌डयों को स्वस्थ रखते हैं। दूध, अंडे, मांस, फल, सब्जियों और मेवे विटामिन के मुख्य स्रोत हैं।

कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर

निम्नलिखित के नाम लिखिए: वह विटामिन जो हमारी अच्छी दृष्टि के लिए आवश्यक है।

वह विटामिन जो हमारी अच्छी दृष्टि के लिए आवश्यक है। – विटामिन A

निम्नलिखित के नाम लिखिए: वह खनिज जो अस्थियों के लिए आवश्यक है।

वह खनिज जो अस्थियों के लिए आवश्यक है। – कैल्शियम

रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए: विटामिन C के अभाव से ______________ नामक रोग होता है।

विटामिन C के अभाव से स्कर्वी नामक रोग होता है।

रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए: हमारे भोजन में ____________ के अभाव से रतौंधी होती है।

हमारे भोजन में विटामिन A के अभाव से रतौंधी होती है।

विटामिन और खनिज लवणों के अभाव के कारण होने वाले कुछ रोग/विकार
विटामिन/खनिज अभावजन्य रोग/ लक्षणविकार
विटामिन Aक्षीणता दृष्टिहीनताकमजोर दृष्टि, अंधेरे (रात) में कम दिखाई देना, कभी-कभी पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो जाना
विटामिन B1बेरी-बेरीदुर्बल पेशियाँ और काम करने की उर्जा में कमी
विटामिन Cस्कर्वीमसूढ़ों से खून निकलना, घाव भरने में अधिक समय का लगना
विटामिन Dरिकेट्‌सअस्थियों का मुलायम होकर मुड़ जाना
कैल्सियमअस्थियाँ और दंतक्षयकमज़ोर अस्थियाँ, दंतक्षय
आयोडीनघेंघा (गॉयटर)गर्दन की ग्रंथि का फूल जाना, बच्चों में मानसिक विकलांगता
लोहाअरक्तताकमज़ोरी
कक्षा 6 में विज्ञान के अध्याय 1 में 100% प्रतिशत अंक कैसे लाएं?

इस अध्याय को एक बार पूरी तरह पढ़ लेने के बाद इसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांट कर, अलग-अलग टॉपिक का अध्ययन और रिवीजन, साथ ही सभी प्रश्नों के उत्तर को अच्छी तरह समझ कर स्वयं से लिखने का प्रयास करने से, आप आसानी से यह जान पाएंगे कि कौन से प्रश्नों के उत्तर हैं जो आपने अच्छे से याद कर लिए हैं।
इसके बाद बचे हुए वह उत्तर जो आपको समझ नहीं आ रहे हैं, जिन्हें समझने में कठिनाई हो रही है, उसके लिए आप हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध वीडियो को देखकर अच्छे से समझ सकते हैं।
इसके अलावा परीक्षा से पहले पुनः वीडियो को देखकर रिवीजन भी कर सकते हैं ऐसा करने से निश्चित ही आप सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 6 विज्ञान के पाठ 1 में महत्वपूर्ण प्रश्न कौन से हैं?

विभिन्न प्रकार के भोजन के घटक के विषय में प्रश्न पूछे जा सकते है:
जैसे:

  1. प्रोटीन क्यों आवश्यक है?
  2. कार्बोहाइड्रेट के क्या कार्य हैं?
  3. वसा परीक्षण कैसे करते हैं?
  4. संतुलित आहार क्या है?
  5. विटामिन कितने प्रकार के होते हैं?
  6. भोजन में हमें खनिजों की क्या आवश्यकता हैं?
  7. यह सभी प्रश्न परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं ।
6वीं कक्षा के विज्ञान के अध्याय 1 में कठिन प्रश्न कौन से हैं?

वसा, प्रोटीन, मंड के लिए किए गए परीक्षण, एवं उनके परिणाम का अध्ययन ध्यान से करना जरूरी है, क्योंकि इन्हें पढ़ते समय उलझन पैदा होना सामान्य है। इसके साथ ही भिन्न-भिन्न विटामिनों की कमी से होने वाले रोग, तथा उनके लक्षणों का क्रमवार अध्ययन विद्यार्थियों को कठिन लग सकता है।

कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1 में बड़े-बड़े उत्तरों को कैसे याद करें?

प्रश्न के उत्तर यदि बड़े होते हैं, तो कई बार विद्यार्थी को लग सकता है की इसे याद करना कठिन है। किंतु हर बड़ा उत्तर कठिन नही होता, कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1 में बड़े उत्तर को याद करने के लिए उस उत्तर को एक क्रम से समझने की आवश्यकता है।
ऐसा करने से उत्तर के हर हिस्से पर विद्यार्थी की पकड़ बनेगी, इसके साथ ही उत्तर को समझने के बाद उसे खुद से लिखकर देखने की आदत भी कारगर साबित होती है।
विद्यार्थी को चाहिए कि उत्तर को बिना देखे स्वयं की स्मरण शक्ति का प्रयोग करके लिखे।
लिखने के पश्चात उस उत्तर की जांच करे, ऐसा करने से उत्तर में गलतियों की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। समय-समय पर किया गया रिवीजन अच्छे परिणाम निश्चित कर देता है ।

कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1
कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 1 अभ्यास के प्रश्न उत्तर