कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 6 लिंग तथा उसके भेद

कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 6 लिंग तथा उसके भेद के लिए पठन तथा अभ्यास सामग्री शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ दी गई है। हिंदी व्याकरण कक्षा 6 के पाठ 6 में छात्र लिंग के भेदों को उदाहरण के माध्यम से समझेंगे। यहाँ दिए गए अभ्यास प्रश्न पत्र की मदद से छात्र इसकी पुनरावृति भी कर सकते हैं।

संज्ञा के विकार: लिंग

विकारी शब्द: बच्चो जैसा कि आप जानते हैं, प्रयोग के आधार पर शब्द दो प्रकार के हैं-
1. विकारी
2. अविकारी
आप यह भी जानते हैं कि विकार का अर्थ है- परिवर्तन। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं, अर्थात् अपना रूप बदल लेते हैं। जिन तत्वों के कारण विकारी शब्द अपना रूप बदल लेते हैं, उन्हें विकारक तत्व कहते हैं। ये तीन हैंः
1. लिग
2. वचन
3. कारक

लिंग

लिंग का अर्थ है पहचान; संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग कहते हैं। हिंदी भाषा की मूल भाषा संस्कृत में लिंग तीन प्रकार के होते हैं। परन्तु हिंदी भाषा में तीन प्रकार के लिंग की व्यवस्था न होकर, दो प्रकार के लिंग की व्यवस्था है।
पुल्लिंग वाक्य/स्त्रीलिंग वाक्य
लड़का पढ़ रहा है। लड़की पढ़ रही है।
धावक दौड़ रहा है। धाविका दौड़ रही है।
लड़के खेल रहे हैं। लडकियाँ खेल रही हैं।
अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहा है। अध्यापिका कक्षा में पढ़ा रही है।
वह पुरुष विद्वान है। वह महिला विदुषी है।

लिंग के भेद

इसलिए हिंदी भाषा में सभी संज्ञा शब्दों के दो रूप होते हैंः
1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग

स्त्रीलिंग और पुल्लिंग

पुल्लिंग
शब्द के जिस रूप से पुरुष जाति का बोध हो उसे पुल्लिंग कहते हैं। जैसे- बालक, भालू आदि।
स्त्रीलिंग
शब्द के जिस रूप से स्त्री जाति का बोध होता है उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे- बालिका, नदी, बस आदि।

संज्ञा शब्दों का लिग-निर्धारण

हिंदी में सभी संज्ञा शब्द स्त्रीलिंग या पुल्लिंग होते हैं। कोई शब्द स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग, यह जानने के कुछ आधारभूत नियम हैं। आइए, इन नियमों को जानें:
(क) पुरुष जाति का बोध कराने वाली संख्याएँ सदैव पुल्लिंग में होंगी। जैसे – शेर, बंदर, बूढ़ा, पुरुष, लड़का, कछुआ, कौआ, खरगोश, नाना, चाचा आदि।

(ख) देश, ग्रह, पर्वत, वृक्ष, समय, दिन, अनाज, रत्न, धातुएँ, वर्णमाला के अक्षर आदि के नाम भी पुल्लिंग होंगे।
(ग) त्व, ना, र्च, आ, आटा, आपा, तावा, औड़ा आदि प्रत्यांत संज्ञा शब्द पुल्लिंग होते हैं।
(घ) स्त्री जाति की बोधक संज्ञाएँ सदैव स्त्रीलिंग में होंगी। जैसे: औरत, नारी, मछली, चींटी, चाची, मामी, मोरनी आदि। नदियों, तिथियों, भाषाओं एवं बोलियों के नाम सदैव स्त्रीलिंग में होते हैं।

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