कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 3 संधि
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 3 संधि के लिए अध्ययन सामग्री तथा संधि और संधि-विच्छेद पर आधारित प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए यहाँ दिए गए हैं। 6ठी कक्षा के छात्र हिंदी व्याकरण पाठ 3 में संधि और संधि विच्छेद के तरीकों के बारे में सीखेंगे।
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 3 संधि के लिए पठन सामग्री
संधि
संधि शब्द का अर्थ है- मेल। जब दो शब्द बिना विराम बोले जाते हैं तो प्रथम शब्द की अंतिम धवनि और द्वितीय शब्द की प्रथम धवनि एक-दूसरे को प्रभावित करती हैं, जिसके कारण उनका रूप बदल जाता है। इस प्रकार दो धवनियों के पास आने पर जो परिवर्तन या विकार होता है उसे संधि कहते हैं। जैसे- महा + ईश = महेश।
‘महा’ और ‘ईश’ शब्दों के मिलने से ‘महा’ शब्द की अंतिम धवनि ‘आ’ और ‘ईश’ शब्द की पहली धवनि ‘ई’ आपस में मिलकर धवनि ‘ए’ हो जाती है और नया शब्द बन जाता है ‘महेश।’
संधि के भेद
संधि के तीन भेद हैं:
1. स्वर संधि
2. व्यंजन संधि
3. विसर्ग संधि
स्वर संधि
स्वर के साथ स्वर के मेल से जो विकार या परिवर्तन होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं। जैसे:
शब्द 1 शब्द 2 संधि शब्द
भाव + अर्थ = भावार्थ
दीप + अवली = दीपावली
कृष्ण + अवतार = कृष्णावतार
स्व + अर्थी = स्वार्थी
देव + अर्चना = देवार्चना
वीर + अंगना = वीरांगना
व्यंजन संधि
किसी व्यंजन का स्वर या व्यंजन से मेल होने पर जो विकार या परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे:
शब्द 1 शब्द 2 संधि शब्द
जगत् + ईश = जगदीश
उत् + हार = उद्धाार
जगत् + जननी = जगज्जननी
दिक् + अंबर = दिगंबर
दिक् + अंत = दिगंत
जगत् + ईश = जगदीश
विसर्ग संधि
विसर्ग (:) के साथ किसी स्वर या व्यंजन के मेल से जो परिवर्तन या विकार होता है, उसे विसर्ग संधि कहा जाता है। जैसे:
शब्द 1 शब्द 2 संधि शब्द
निः + चय = निश्चय
दुः + बल = दुर्बल
नमः + ते = नमस्ते
मनः + हर = मनोहर
रजः + गुण = रजोगुण
अधाः + गति = अधाोगति