कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 30 पत्र लेखन

कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 30 पत्र लेखन तथा पत्र लेखन से संबंधित मुख्य बातों को विस्तार से समझाया गया है ताकि छात्र शैक्षणिक सत्र में पत्र लेखन का अभ्यास सरलता से कर सकें। हिंदी व्याकरण कक्षा 6 में पत्र लेखन के नमूनों तथा अतिरिक्त अभ्यास के लिए पठन सामग्री यहाँ दी गई अभ्यास पुस्तिका में दी गई है।

पत्र-लेखन

पत्र की परिभाषा
प्रत्येक व्यक्ति अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचाने का प्रयत्न करता है। समीपस्थ व्यक्ति से साधारण बातचीत द्वारा विचारों का आदान-प्रदान होता है। परंतु जिसके माध्यम से हम दूर गए व्यक्ति से विचारों का आदान-प्रदान करते हैं, उसे पत्र कहा जाता है। पत्र कई तरह के होते हैं। परंतु सुविधा के लिए पत्रों को हम दो वर्गों में विभाजित कर सकते हैं:
1. पारिवारिक (अनौपचारिक पत्र)
2. औपचारिक पत्र

पारिवारिक और औपचारिक पत्र

पारिवारिक पत्र
परिवार के सगे-संबंधियों या मित्रों के बीच में होने वाला पत्र-व्यवहार। जैसे: पिताजी, माताजी, भाई, बहन आदि के लिए पत्र।
औपचारिक पत्र
औपचारिक पत्रों को हम कार्यालयी पत्र भी कह सकते हैं। किसी भी कार्यालय को लिखे जाने वाले पत्र औपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं। जैसेः आवेदन-पत्र, शिकायती-पत्र, व्यावसायिक-पत्र आदि।

पत्र के अंग

पत्र के छः अंग होते हैं:
(क) स्थान तथा तिथि
(ख) प्रशस्ति
(ग) विषय
(च)विषय का स्पष्टीकरण
(छ) प्रेषक का परिचय
(ज) पता

मित्र को जन्मदिन पर बधाई-पत्र

ए-14, अशोक विहार,
नई दिल्ली – 110047
30-05-2015
प्रिय तरुण,
नमस्ते।
कल ही स्मरण हुआ कि तीन दिन बाद तुम्हारा जन्मदिन है। गत वर्षों की भाँति इस बार भी तुम अपना जन्मदिवस हर्षोल्लास से मनाओगे। विगत वर्षों की भाँति इस बार मैं इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सकूँगा, इसका मुझे खेद है।
अतः मैं यहीं से पत्र के द्वारा हार्दिक शुभकामनाएँ भेज रहा हूँ। यह दिन तुम्हारे लिए नए उल्लास, नई उमंगें और नई आशाएँ लिए हुए हो। अंकल-आंटी को मेरा चरण-स्पर्श व अनुज पंकज को प्यार।
शुभकामनाओं सहित,
तुम्हारा मित्र,
अमित

छोटे भाई को परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर बधाई-पत्र

455/8 मूँगा गाँव,
करावल नगर रोड,
दिल्ली – 110094
30/06/2022
प्रिय भाई रमन,
शुभाशीर्वाद,
पिता जी के पत्र से मुझे ज्ञात हुआ कि तुम इस वर्ष की परीक्षा में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करने में सफल हुए हो। तुम्हारी सफलता का समाचार सुनकर मेरी प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। मेरी ओर से तुम्हें बहुत-बहुत बधाई। इस परीक्षा के लिए तुमने जो अथक परिश्रम किया था उसी का परिणाम यह सफलता है। मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में भी तुम इसी तरह मेहनत करते रहोगे तथा अच्छे परीक्षा परिणाम हासिल करोगे जिससे माता-पिता के साथ-साथ विद्यालय का भी नाम रोशन हो।
माताजी, पिताजी को मेरा प्रणाम।
तुम्हारा शुभचिंतक भाई,
प्रवीण

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