कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 28 अपठित गद्यांश

कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 28 अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्न उत्तर तथा हल सहित गद्यांश शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। हिंदी व्याकरण में अपठित गद्यांश के अभ्यास के लिए विद्यार्थी यहाँ दी गई अभ्यास पुस्तिका के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

अपठित गद्यांश

अपठित का अर्थ है ‘जो पढ़ा न हो’। अर्थात् पठित पाठ्य-पुस्तक से बाहर के गद्यांश को समझकर उसके प्रश्नोत्तर लिखना, सार लिखना, शीर्षक देना आदि को अपठित गद्यांश कहा जाता है।
अपठित गद्यांश को हल करते समय निम्नलिखित बातों का धयान रखना चाहिए:
1. गद्यांश को दो-तीन बार धयान से पढि़ए।
2. उसके मुख्य बिंदुओं को रेखांकित कर लीजिए।
3. गद्यांश के मुख्य बिंदुओं के आधाार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर अत्यंत संक्षेप में दीजिए।
4. उत्तर में कोई भी विचार अपनी ओर से न मिलाएँ।
5. गद्यांश का सार एक-तिहाई शब्दों में ही दीजिए। सार में कोई महत्त्वपूर्ण बात छूटनी नहीं चाहिए।
6. शीर्षक का संबंधा गद्यांश के मूलभाव से होना चाहिए।
7. भाषा सरल और वाक्य छोटे होने चाहिए।

निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढि़ए और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

सच्चा मित्र एक शिक्षक की भाँति होता है। जिस प्रकार शिक्षक अपने छात्र को सन्मार्ग की ही ओर अग्रसर करता है, उसी प्रकार एक सच्चा मित्र अपने मित्र को पाप की गर्त में गिरने से बचाता है। मानव-जीवन अधिक रहस्यपूर्ण है। कभी-कभी जीवन में ऐसे अवसर उपस्थित हो जाते हैं, जब मनुष्य की धर्म-बुद्धि नष्ट हो जाती है और उसका मन तेज़ गति से पाप की ओर दौड़ता है। ऐसे समय में मित्र का ही उपदेश अधिक कल्याणकारी सिद्ध होता है। मित्र के उपदेश का जितना प्रभाव हृदय पर पड़ता है, उतना और किसी का नहीं।
प्रश्न:
1. उपर्युक्त गद्यांश का सार लगभग एक-तिहाई शब्दों में लिखिए।
2. सच्चे मित्र और शिक्षक में क्या समानता है?
3. मनुष्य पाप की ओर क्यों प्रवृत्त हो जाता है?
4. उपर्युक्त का शीर्षक बताओ।

उत्तर
1. शिक्षक की भाँति सच्चा मित्र भी अपने मित्र को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करता है। धर्म-बुद्धि नष्ट हो जाने पर जब कभी व्यक्ति पाप की ओर दौड़ता है, तो सच्चा मित्र ही उसे पाप करने से रोकता है तथा कल्याण-पथ पर ला सकता है।
2. शिक्षक और सच्चा मित्र दोनों ही सन्मार्ग की ओर प्रेरित करने और पाप की गर्त में गिरने से बचाने का काम करते हैं।
3. जब मनुष्य की धार्म-बुद्धिा नष्ट हो जाती है, तभी वह पाप-कर्म की ओर प्रवृत्त होता है।
4. उपर्युक्त शीर्षक- सच्चा मित्र।

निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर दीजिए

महात्मा गाँधाी ने ग्रामोन्मुखी विकास पर बड़ा बल दिया था, परंतु स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद इस दिशा में तनिक भी प्रगति नहीं हुई। फ़लतः गाँव अपनी दयनीय स्थिति में आज भी पिछड़े हुए हैं और नगर फ़लते जा रहे हैं। पर हमारे देश की अस्सी प्रतिशत जनसंख्या आज भी गाँवों में रहती है। पर हमारे सभी आयोजन शहरियों तक ही सीमित होकर रह जाते हैं, वे कस्बे तक नहीं पहुँच पाते, गाँवों की तो बात ही अलग है।

गद्यांश पर प्रश्न

1. महात्मा गाँधाी ने किस बात पर बल दिया है?
2. गाँवों की आज क्या स्थिति है?
3. गाँवों में आज कितने प्रतिशत लोग रहते हैं?
4. हमारे सभी आयोजन शहरियों तक ही सीमित होकर रह जाते हैं- इससे लेखक का क्या आशय है?
5. इस अनुच्छेद का शीर्षक बताइए।

उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर

1. महात्मा गाँधाी ने ग्रामोन्मुखी विकास पर बड़ा बल दिया था।
2. गाँव अपनी दयनीय स्थिति में आज भी पिछड़े हुए हैं।
3. हमारे देश की अस्सी प्रतिशत जनसंख्या आज भी गाँवों में रहती है।
4. हमारे सभी आयोजन शहरियों तक ही सीमित होकर रह जाते हैं। इससे लेखक का आशय है कि विकास के अधिकतर कार्य शहरों तक ही सीमित रह जाते हैं। गाँव की ओर कोई भी ध्यान नहीं देता।
5. इस अनुच्छेद का शीर्षक है: ग्रामीण विकास।

कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अपठित गद्यांश
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 28 अपठित गद्यांश के नमूने
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 28 अपठित गद्यांश अभ्यास
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अपठित गद्यांश
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अपठित गद्यांश के हल
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अपठित गद्यांश के उत्तर
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अपठित गद्यांश प्रश्न उत्तर
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अपठित गद्यांश अभ्यास प्रश्न
अपठित गद्यांश