एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 9 राम और सुग्रीव
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 9 राम और सुग्रीव के प्रश्नों के उत्तर अध्याय का सारांश प्रश्न उत्तर के रूप में सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है। कक्षा 6 हिंदी के लिए अतिरिक्त अध्ययन की पुस्तक बाल रामकथा नए सीबीएसई सिलेबस के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ दी गई है।
कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 9 राम और सुग्रीव
कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 9 राम और सुग्रीव
कबंध और शबरी ने राम और लक्ष्मण को क्या सलाह दी थी?
कबंध और शबरी ने दोनों भाइयों को सुग्रीव से मिलकर उनसे मित्रता करने की सलाह दी थी। क्योंकि सुग्रीव और उनकी वानर सेना सीता की खोज में राम और लक्ष्मण की मदद कर सकते थे।
सुग्रीव कौन थे? वह किष्किंधा से क्यों निर्वासन हो गए थे?
सुग्रीव किष्किंधा के वानरराज के छोटे पुत्र थे। उसके बड़े भाई का नाम बाली था। पिता की मृत्यु होने के बाद बाली को राजा बना दिया था। पहले दोनों भाइयों में बड़ा प्रेम था। राजकाज में किसी बात को लेकर दोनों में मनमुटाव हुआ जिससे बाली, सुग्रीव को मारने पर उतर आया। इसप्रकार, अपनी जान बचाने के लिए सुग्रीव किष्किंधा से निर्वासन होना पड़ा।
कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 9 के प्रश्न उत्तर
राम और लक्ष्मण को पहली बार देख सुग्रीव को किस बात का डर लगने लगा था?
राम और लक्ष्मण को पहली बार देखकर सुग्रीव को लगा कि ये दोनों अवश्य ही बाली के गुप्तचर होंगे जो मुझे मारने आ रहे हैं। ऐसा इसलिए था क्योंकि दोनों के हाथ में धनुष बाण थे।
हनुमान, राजा सुग्रीव के डर से सहमत क्यों नहीं थे?
राजा सुग्रीव, राम और लक्ष्मण को बाली का गुप्तचर मान रहे थे। लेकिन हनुमान उनके डर से सहमत नहीं थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि बाली की सेना में ऐसा कोई सैनिक नहीं था जिन्हें वह नहीं जानते हों।
राम द्वारा सुग्रीव से सहायता माँगने की बात पर हनुमान के चेहरे पर मुस्कराहट क्यों आ गई थी?
राम द्वारा सुग्रीव से सहायता माँगने की बात पर हनुमान के चेहरे पर मुसकराहट आ गई क्योंकि हनुमान ने सोचा कोई उससे सहायता माँगने आया है, जिसे स्वयं सहायता चाहिए थी।
हनुमान को ऐसा क्यों लगा की राम और सुग्रीव की स्थिति एक जैसी है?
राम से मिलने के बाद हनुमान समझ गए कि राम और सुग्रीव की स्थिति एक जैसी है। दोनों को एक-दूसरे की सहायता चाहिए। एक अयोध्या से निर्वासित है तो दूसरा किष्किंधा से। एक की पत्नी को रावण उठा ले गया तो दूसरे की पत्नी उसके भाई ने छीन ली थी। दोनों के पिता की मृत्यु हो चुकी थी।
सीता के आभूषणों को देखकर राम ने क्या कहा था?
राम ने आभूषण तुरंत पहचान लिए। कुछ गहने लक्ष्मण ने भी पहचाने। गहने देखकर राम शोक सागर में डूब गए। उनके मुँह से निकला, धिक्कार है मुझे, हे सीते, मैं संकट में तुम्हारी रक्षा नहीं कर सका। मेरा पौरुष, बल, पराक्रम और ज्ञान तुम्हारे काम नहीं आया।
सुग्रीव ने राम को अपनी क्या व्यथा-कथा सुनाई थी?
सुग्रीव ने राम को अपनी व्यथा में बताया कि बाली ने मुझे राज्य से निकाल दिया और मेरी स्त्री को भी मुझ से छीन लिया। वह मेरा वध करने की चेष्ठा कर रहा है। संकट के समय हनुमान, नल और नील ने मेरा साथ दिया और मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा।
राम के कौन से चमत्कार से सुग्रीव को राम की शक्ति पर पूर्ण भरोसा हुआ?
सुग्रीव ने राम को बताया कि बाली को हराना आसान नहीं है। वह शाल के सात वृक्षों को एक साथ झकझोर सकता है। राम ने तुरंत अपना धनुष उठाया और एक तीर चलाया। शाल के सातों विशाल वृक्ष एक ही बाण से कटकर गिर पड़े। इस चमत्कार को देख सुग्रीव को राम की शक्तियों पर पूर्ण भरोसा हो गया था।
राम ने किस दुविधा के कारण बाली पर बाण नहीं चलाया था?
सुग्रीव को समझाते हुए राम ने अपनी दुविधा को बताया कि तुम दोनों भाइयों के चेहरे मिलते-जुलते हैं। इसलिए मैं बाली को पहचान नहीं पाया। गलती से वह बाण तुम्हें लग जाता तो बड़ा अनर्थ हो जाता।
सुग्रीव को राजगद्दी मिलने पर किस बात का आभास नहीं रहा था?
बाली की मृत्यु के बाद सुग्रीव को राजगद्दी मिल गई और राम की सलाह पर अंगद को युवराज का पद मिला था। लेकिन राग-रंग में उलझ कर सुग्रीव राम को दिए वचन को भूल गए। सुग्रीव को इस बात का आभास भी नहीं रहा यदि राम को क्रोध आया तो वह उनका का भी वध कर सकते हैं।
राम ने हनुमान को अपनी अँगूठी क्यों दी थी?
राम ने हनुमान को अपनी अँगूठी इसलिए दी कि जब उनकी भेंट सीता से हो तो सीता को इस बात पर विश्वास हो जाए कि राम ने ही उन्हें भेजा है।
संपाती कौन था? उसने वानर सेना को सीता के बारे में क्या बताया?
संपाती एक विशाल गिद्ध था जो अब बूढ़ा हो गया था। वह जटायु का बड़ा भाई था। संपाती ने वानर सेना को सीता के बारे में बताया कि सीता लंका में है। मैं जानता हूँ कि रावण उन्हें लेकर गया है। आप लोगों को यह समुद्र पार करना होगा। सीता तक पहुँचने का बस यही एक रास्ता है।
सीता की सूचना मिलने के बाद भी वानर दल निराश क्यों हो गया?
सीता की सूचना मिलने के बाद भी वानर दल निराश था क्योंकि उन्हें विकराल समुद्र पार करना था। सभी एक-दूसरे का मुँह देख रहे थे। इसे कौन पार करेगा, यही सोच सब दुःखी व निराश थे।
समुद्र को पार करने के लिए जामवंत ने क्या किया?
पूरे वानर दल में जामवंत सबसे बुद्धिमान थे। उन्होंने हनुमान को उनकी अपार शक्ति से अवगत कराया। उन्होंने हनुमान से कहा कि वे पवन-पुत्र हैं, बलशाली हैं, यह कार्य केवल वह कर सकते हैं। ऋषि के श्राप के कारण वे अपनी शक्ति भूल गए हैं। अपनी शक्ति को याद करो और सीता माता की खोज में मदद करो।