एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 6 दंडक वन में दस वर्ष

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 6 दंडक वन में दस वर्ष के सभी प्रश्न उत्तर सरल भाषा में सत्र 2023-24 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 6 हिंदी की पुस्तक बाल रामकथा के पाठ 6 में छात्र राम के द्वारा दंडक वन में गुजारे गए दस वर्षों को विस्तार से पढेंगे।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 6 दंडक वन में दस वर्ष

चित्रकूट सुंदर और सुरम्य शांत स्थान था, फिर भी राम वहाँ क्यों नहीं रहना चाहते थे?
चित्रकूट अयोध्या से केवल चार दिन की दूरी पर था। जिस कारण वहाँ लोगों का आना-जाना लगा रहता था। वे राम से प्रश्न पूछते और उनकी राय माँगते रहते थे। उन्हें यह राजकाज में हस्तक्षेप की तरह लगता था। इसलिए राम वहाँ नहीं रहना चाहते थे।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 6 के प्रश्न उत्तर

मुनिगण वन छोड़ना क्यों चाहते थे?

मुनिगण मायावी राक्षसों के डर से वन को छोड़ना चाहते थे। जब भी मुनि गण कोई यज्ञ करते थे वे राक्षस उसमें बाधा डालने लगते थे।

राम को देखकर दंडक वन के मुनि गण क्यों प्रसन्न हुए?

राम को देखकर मुनि गण बहुत प्रसन्न हुए क्योंकि वे जानते थे, कि राम ही उन दुष्ट मायावी राक्षसों से उनकी रक्षा कर सकते थे और उनके आश्रमों को अपवित्र होने से बचा सकते थे।

सीता राक्षसों और दैत्यों के संहार के बारे में क्या सोचती थी?

सीता राक्षसों और दैत्यों के संहार के बारे में सोचती कि राम अकारण राक्षसों का संहार न करें क्योंकि राक्षसों ने तो उनका कोई अहित नहीं किया था।

राम ने सीता को राक्षसों के विनाश के बारे में क्या बताया?

राम ने सीता को बताया कि राक्षसों का विनाश जरूरी और उचित है। वे बड़े मायावी हैं। वे ऋषि-मुनियों को कष्ट पहुँचाते हैं और मैंने ऋषि-मुनियों की रक्षा की प्रतिज्ञा की है।

क्षरभंग मुनि के आश्रम में रह रहे तपस्वी ने राम को क्या बताया और क्या दिखाया था?

क्षरभंग मुनि के आश्रम में रह रहे तपस्वी ने राम को बताया कि आश्रम में बहुत कम तपस्वी बचे हैं। उन्होने राम को हड्डियों का ढेर दिखाकर कहा कि राजकुमार, ये ऋषियों के कंकाल हैं, जिन्हें राक्षसों ने मार डाला। अब यहाँ रहना असंभव है।

पंचवटी के मार्ग में राम, लक्ष्मण और सीता को कौन मिला था? लक्ष्मण ने उसे क्या समझ लिया था?
पंचवटी के मार्ग में राम, लक्ष्मण और सीता को एक विशालकाय गिद्ध मिला था। जिसका नाम जटायु था। सीता उसका स्वरूप देखकर डर गई थी। लक्ष्मण ने उसे मायावी राक्षस समझ लिया था।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 6 के महत्वपूर्ण प्रश्न

जटायु ने राम, लक्ष्मण और सीता को अपना परिचय देते हुए क्या बताया था?

जटायु को मायावी राक्षस समझ कर जब लक्ष्मण ने अपना धनुष उठाया तो गिद्ध राज जटायु ने उन्हें कहा कि हे राजन, मुझसे डरो मत। मैं तुम्हारे पिता दशरथ का मित्र हूँ। वन में मैं तुम्हारी सहायता करूँगा। आप दोनों जब बाहर जाएँगे उस समय मैं सीता की रक्षा करूँगा।

पंचवटी में लक्ष्मण ने कैसी कुटिया का निर्माण किया था?

पंचवटी में लक्ष्मण ने बहुत सुंदर कुटिया बनाई थी। उन्होंने मिट्टी की दिवारें खड़ी की और बाँस के खंभे लगाए। कुश और पत्तों से छप्पर बनाया। कुटिया के निर्माण ने उस मनोरम पंचवटी को और अधिक सुंदर बना दिया था।

राम को देखकर सूर्पणखा के मन में किस इच्छा ने जन्म लिया था?

राम को देखकर सूर्पणखा उनके रूप पर मोहित हो गई थी। उसके मन में राम से विवाह करने की इच्छा ने जन्म ले लिया था। वह हर-हाल में राम को पाना चाहती थी।

सूर्पणखा कौन थी? उसने राम के समक्ष किस प्रकार का प्रस्ताव रखा था?

सूर्पणखा राक्षस राज रावण और कुंभकर्ण की बहन थी और अविवाहित थी। सूर्पणखा राम के पास गई और उनके सामने अपने विवाह का प्रस्ताव रख कर उसे अपनी पत्नी स्वीकार करने को कहा।

राम ने सूर्पणखा के प्रस्ताव का क्या उत्तर दिया था?

राम ने सूर्पणखा को अपना परिचय देते हुए कहा कि उनका विवाह सीता से हो चुका है। इसलिए उन्होंने सूर्पणखा के प्रस्ताव को मना कर दिया था।

राम और लक्ष्मण ने सूर्पणखा को क्या कहा जिससे वह क्रोधित हो गई थी?
राम के मना करने के बाद सूर्पणखा, लक्ष्मण के पास गई और विवाह का प्रस्ताव रखा। लक्ष्मण ने सूर्पणखा से कहा कि देवी, मैं तो राम का दास हूँ। मुझसे विवाह करके तुम भी दासी बन जाओगी। दोनों भाई के मना करने पर सूर्पणखा क्रोधित हो गई।

क्रोध में सूर्पणखा ने क्या किया और उसका क्या परिणाम हुआ?

क्रोध में सूर्पणखा ने सोचा कि राम, सीता के कारण उसे विवाह नहीं कर रहे हैं, इसलिए उसने क्रोध में सीता पर झपटा मारा। यह देख लक्ष्मण तत्काल उठकर खड़े हुए और तलवार से सूर्पणखा के नाक-कान कट दिए। खून से लथपथ सूर्पणखा वहाँ से रोती-बिलखती हुई भाग गई।

अकंपन कौन था? उसने रावण को राम के बारे में क्या बताया था?
अकंपन खर-दूषण की सेना का एक राक्षस था। खर-दूषण की मृत्यु के बाद वह अपनी जान बचाकर लंकाधिपति रावण के पास गया और राम के बारे में बताया कि राम एक कुशल योद्धा है। उनके पास विलक्षण शक्तियाँ हैं। उन्हें कोई नहीं मार सकता। उन्हें परास्त करने का एक ही उपाय है, सीता का अपहरण। इससे वियोग में उनके प्राण स्वयं ही निकल जाएँगे।

मारीच ने रावण को सीता-हरण के बारे में क्या समझाया?

मारीच ताड़का का पुत्र था। उसने ताड़का वध के दौरान राम की शक्तियों को देख रखा था। इसलिए उसने रावण से कहा कि सीता-हरण विनाश को आमंत्रण करने के समान है। राम की शक्तियों से पार पाना किसी के वश में नहीं है।

सीता-हरण के लिए रावण और मारीच ने कौन सा रूप धारण किया?
सीता-हरण के लिए मारीच ने सोने के हिरण का रूप धारण कर लिया और कुटिया के आसपास घूमने लगा। रावण एक पेड़ के पीछे छिप कर तपस्वी का वेश धारण कर लिया था।

सीता की इच्छा पूरी करने से पहले राम ने लक्ष्मण को क्या आदेश दिया था?
सीता की इच्छा पूरी करने से पहले राम ने लक्ष्मण को सीता की रक्षा करने का आदेश दिया और कहा कि मेरे लौटने तक तुम उन्हें अकेला मत छोड़ना।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 6 दंडक वन में दस वर्ष
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