एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 2 जंगल और जनकपुर

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 2 जंगल और जनकपुर के अभ्यास में दिए गए सभी प्रश्नों के उत्तर सत्र 2023-24 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। कक्षा 6 हिंदी में बाल रामकथा के पाठ 2 के अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर छात्र यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 2 जंगल और जनकपुर

महर्षि विश्वामित्र ने अपने आश्रम तक जाने के लिए सरयू नदी को कैसे पार किया था?
अपने आश्रम पहुँचने के लिए विश्वामित्र ने नदी को पार न करके बल्कि दूर तक सरयू के किनारे-किनारे चलते रहे। नदी के घुमाव के साथ-साथ चलते-चलते एक तीखा मोड़ आया और वे ओझल हो गए थे।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 2 प्रश्न उत्तर

शाम होते-होते महर्षि विश्वामित्र ने आसमान में क्या देखा था?

शाम होते-होते जब महर्षि विश्वामित्र ने आसमान पर दृष्टि डाली तो उन्हें चिड़ियों के झुंड अपने बसेरे की ओर लौटते हुए दिखाई दिए थे। आसमान मटमैला-लाल हो गया था। चरवाहे भी अपने घर लौट रहे रहे थे।

महर्षि विश्वामित्र ने राम लक्ष्मण को नदी के किनारे कौन-सी विधाएँ सिखाना चाहते थे?

महर्षि विश्वामित्र ने राम लक्ष्मण को नदी के पास ऐसी विधाएँ सिखाना चाहते थे, जिसे सीखने के बाद कोई भी उन पर प्रहार नहीं कर सकेगा, उस समय भी नहीं जब वे नींद में हो।

महर्षि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को जो विधाएँ सिखाई थी, उसका क्या नाम था?

महर्षि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को बला-अतिबला नाम की विधाएँ सिखाई थी।

दुर्गम घना जंगल डरावना क्यों लग रहा था?

जंगल बड़ा दुर्गम और घना था। सूरज की किरणें भी धरती तक नहीं पहुँचती थीं। हर तरफ से झिगूरों की आवाज़ें सुनाई देती थी। जानवरों की दहाड़ और अनेकों कर्कश ध्वनियाँ गूँजती रहती थी। इसलिए वह घना जंगल डरावना लग रहा था।

सुंदर वन का नाम तड़का वन क्यों पड़ गया था?

ताड़का एक राक्षसी थी। यदि कोई इस सुंदर वन में आता था तो ताड़का अचानक आक्रमण कर देती थी। उसी के डर के कारण सुंदर वन का नाम तड़का वन पड़ गया था।

महर्षि विश्वामित्र ने वन में किसे सबसे बड़ा खतरा बताया था?
महर्षि विश्वामित्र ने वन में ताड़का को सबसे बड़ा खतरा बताया था। जो भी सुंदर वन से गुजरता था वह उसे मारकर और खा जाती थी। पूरे वन में उसका आतंक फैला हुआ था।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 2 के महत्वपूर्ण प्रश्न

महर्षि विश्वामित्र ने राक्षसी ताड़का के लिए राम और लक्ष्मण को क्या आदेश दिया था?

महर्षि विश्वामित्र ने राक्षसी ताड़का को वन में रह रहे जानवरों से बड़ा खतरा बताया और राम लक्ष्मण को आदेश दिया कि वह इस खतरे को हमेशा के लिए मिटा दे।

राम ने ताड़का को क्रोधित करने के लिए क्या किया?

राम ने ताड़का को क्रोधित करने के लिए अपने धनुष की प्रत्यंचा को खींच कर उसकी आवाज सुनाई। आवाज सुनते ही वह क्रोध से बिलबिला गई थी।

ताड़का के क्रोध की गर्जना से जंगल में क्या होने लगा था?

ताड़का के क्रोध की गर्जना से जंगल में जैसे तूफ़ान आ गया था। विशालकाय पेड़ भी काँप उठे थे। पत्ते टूटकर इधर-उधर उड़ने लगे और धूल का घना बादला सा छा गया था।

ताड़का का वध किसने और कैसे किया था?

ताड़का ने जब राम लक्ष्मण को देखा तो उसने उन पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। राम और लक्ष्मण ने भी उस पर बाणों की बरसात कर दी। राम का एक बाण उसके हृदय में लगा जिससे उसकी मृत्यु हो गई।

ताड़का वध के बाद नहर्षि विश्वामित्र की क्या प्रतिक्रिया थी?

ताड़का के वध से महर्षि विश्वामित्र बहुत प्रसन्न हुए। उन्होने राम को गले लगा लिया। फ़िर दोनों राजकुमारों को सौ तरह के नए अस्त्र-शस्त्र दिए तथा उनका प्रयोग करने की विधि बताकर उनका महत्व भी समझाया था।

ताड़का वध के अगले दिन जंगल में क्या-क्या परिवर्तन दिखाई दिए थे?
ताड़का वध के बाद जंगल अब पूरी तरह से भयमुक्त था। सुबह जंगल बदला हुआ था। अब वह ताड़का वन नहीं रहा, भयानक आवाज़े गायब हो चुकी थी। पतों से गुज़रती हवा अब संगीत बन गई थी। चिड़ियों की चहचहाहट अब शांति से सुनी जा सकती थी। जंगल की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी थी।

मारीच को राम और लक्ष्मण पर गुस्सा क्यों आया था और उसने क्या किया?

राम और लक्ष्मण ने मारीच की माँ ताड़का को मारा था। जिसका बदला लेने के लिए सुबाहु के साथ मिलकर वह राम लक्ष्मण पर हमला करना चाहता था।

महर्षि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को मिथिला क्यों ले जाना चाहते थे?
मिथिला के राजा जनक के दरबार में एक आयोजन होने रहा था। महर्षि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को उसमें हिस्सा लेने के लिए मिथिला ले जाना चाहते थे। साथ में महाराज के पास जो अद्भुत शिव-धनुष था, उसके दर्शन भी करना चाहते थे।

विदेहराज धनुष को देख कर उदास क्यों हो गए थे?

विदेहराज ने प्रतिज्ञा की थी कि वे अपनी पुत्री सीता का विवाह उसी से करेगें जो इस धनुष को उठा कर उसमें प्रत्यंचा चढ़ा देगा। वहाँ उपस्थित कोई भी राजकुमार शिव-धनुष को हिला भी न पाया था।

राजा जनक ने महाराज दशरथ से कौन-सी इच्छा पूर्ति की कामना की थी?
राजा जनक ने महाराज दशरथ से कहा कि मेरी इच्छा है कि मेरी छोटी पुत्री उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से हो जाए। मेरे छोटे भाई कुशध्वज की दो पुत्रियाँ माँडवी और श्रुतकीर्ति का विवाह भरत और शत्रुघ्न से हो जाए।

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