एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 8 सीता की खोज

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 8 सीता की खोज के अभ्यास के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 6 हिंदी पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा के पाठ 8 में छात्र राम के वनवास के दौरान सीता की खोज के विभिन्न चरणों का अध्ययन करते हैं।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 8 सीता की खोज

मारीच की माया के बारे में राम के मन में किन शंकाओं ने जन्म ले लिया था?
राम मारीच की माया समझ गए थे। जिस कारण उनके मन में सीता को लेकर कई शंकाओं ने जन्म ले लिया था। मारीच छल से उन्हें कुटिया से दूर ले गया। राम ने सोचा कि अच्छा हो कि लक्ष्मण वहीं हो। मारीच की मायावी आवाज़ उन तक न पहुँची हो। सीता अकेली रही तो राक्षस उन्हें मार डालेंगे। राम के मन में कुछ ऐसी ही शंकाए होने लगी थी।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 8 के प्रश्न उत्तर

लक्ष्मण को अपने पास आते देख राम को किस अनिष्ठ की अनुभूति होने लगी थी?

लक्ष्मण को अपने पास आते देख राम को सीता की चिंता होने लगी। उनके मन में उठ रही शंकाए उन्हें अनिष्ठता की अनुभूति करा रही थी। वे समझ गए थे कि मायावी राक्षस अपनी चाल में कामयाब हो गए। वे अवश्य ही सीता को मार कर खा जाएंगे।

सीता का विलाप करते हुए राम ने लक्ष्मण से क्या कहा?

सीता का विलाप करते हुए राम ने लक्ष्मण से कहा कि मैं सीता के बिना नहीं रह सकता। तुम अयोध्या लौट जाओ और मैं यहीं प्राण दे दूँगा। मैं सीता के साथ आया था और उसके बिना कैसे लौटूँगा। तुम जाओ मुझे यहीं छोड़ दो।

राम को ढाढ़स बाँधाते हुए लक्ष्मण ने राम को क्या कहा था?

राम को ढाढ़स बाँधाते हुए लक्ष्मण ने राम को कहा कि आप आदर्श पुरुष हैं आपको धैर्य रखना चाहिए। इस तरह दुःख से परेशान नहीं होना चाहिए। हम मिलकर सीता की खोज करेंगे। वे जहाँ भी होंगी, हम उन्हें ढूँढ निकालेंगे। सीता हमारी प्रतीक्षा अवश्य कर रही होंगी।

हिरणों से सीता के बारे में पूंछे जाने पर राम को क्या संकेत मिला था?

जब राम ने हिरणों से सीता के बारे में पूछा तो हिरणों ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा फिर वे दक्षिण दिशा की ओर भाग गए। राम ने हिरणों के संकेत को समझ लिया और कहने लगे कि हमें सीता की खोज दक्षिण दिशा में ही करनी चाहिए क्योंकि हिरण उसी दिशा की ओर गए हैं।

पुष्पमाला को देखकर लक्ष्मण ने क्या कहा था?

पुष्पमाला को देखकर लक्ष्मण ने कहा कि यह पुष्पमाला वही है, जिसे सीता ने वेणी में गूँथ रखा था। निश्चित तौर पर सीता राक्षसों के चुंगल में फँस गई हैं। यह माला संघर्ष के दौरान वेणी से टूटकर गिरी होगी।

रथ के टूटे अवशेषों से राम को किस बात का पता चल गया था?

रथ के टूटे हुए अवशेषों से राम को समझ में आ गया था कि अवश्य ही किसी ने राक्षसों को चुनौती दी होगी और उनसे युद्ध किया होगा। सीता के संघर्ष से यह रथ टूट नहीं सकता।

जटायु ने अपने प्राण त्यागने से पहले राम को क्या सूचना दी थी?
जटायु ने अपने प्राण त्यागने से पहले राम को सूचना दी कि सीता का हरण लंका के राजा रावण ने किया है। वही उन्हें उठाकर ले गया है। वह उन्हें लेकर दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर उड़ गया था।

कबंध कौन था? राम और लक्ष्मण को देख वह प्रसन्न क्यों हुआ?

कबंध एक विशालकाय राक्षस था। वह देखने में बहुत डरावना था। उसकी गर्दन नहीं थी। एक ही आँख थी। दाँत बाहर निकले हुए और जीभ साँप की तरह लंबी और लपलपाती हुई थी। राम और लक्ष्मण को अपना मनमाँगा आहार समझ कर वह बहुत प्रसन्न हुआ था।

कबंध राक्षस अपना शिकार कैसे करता था?
कबंध विशालकाय शरीर का राक्षस था। वह अपने शिकार को अपनी बड़ी-बड़ी भुजाओं में लपेटकर अपने मुँह तक ले जाता था।

कबंध राक्षस राम और लक्ष्मण की बुद्धि और शक्ति पर आश्चर्यचकित क्यों था?

राम और लक्ष्मण ने तलवार के एक ही वार से कबंध के हाथ काट दिए वरना वह उन्हें खा जाता। कबंध राक्षस इतना विशाल था कि कोई भी उसके पास जाने से डरता था। वह राम और लक्ष्मण की बहादुरी को देख आश्चर्यचकित था।

कबंध राक्षस ने राम और लक्ष्मण की सहायता करने से पहले कौन सा आग्रह स्वीकार करने को कहा था?
कबंध राक्षस ने राम और लक्ष्मण की सहायता करने से पहले एक छोटा-सा आग्रह स्वीकार करने को कहा। वह चाहता था कि राम ही उसका अंतिम संस्कार करें।

कबंध राक्षस ने राम और लक्ष्मण को आगे के मार्ग के बारे में क्या बताया था?
कबंध राक्षस ने उनका मार्ग दर्शन करते हुए कहा कि आप दोनों पंपा सरोवर के निकट ऋष्यमूक पर्वत पर जाएँ । वह क्षेत्र वानर राज सुग्रीव का है। उनके पास बड़ी वानर सेना है । सुग्रीव की वानर सेना सीता को अवश्य खोज निकालेगी।

शबरी कौन थी? वह किसकी प्रतीक्षा कर रही थी?

शबरी एक तपस्वनी थी। जो मतंग ऋषि की शिष्या थी। वह मतंग ऋषि के आश्रम में रहती थी। उसकी आयु बहुत हो गई थी। उसकी काया जर्जर थी। लेकिन आँखें ठीक थी। हर पल उसकी आँखें राम की प्रतीक्षा में खुली रहती थी। उसे ऋषि ने बताया था कि राम आश्रम में अवश्य आएँगे और उससे मिलेंगे।

शबरी की किस बात से राम आश्वस्त हो गए थे?
शबरी ने राम को बताया कि आप सुग्रीव से मित्रता करिए। सीता की खोज में यह अवश्य सहायक होगा। उसके पास विलक्षण शक्ति वाले वानर हैं। जिसे सुनकर राम आश्वस्त हो गए थे।

कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 8 सीता की खोज
कक्षा 6 बाल रामकथा अध्याय 8 सीता की खोज
कक्षा 6 हिंदी बाल रामकथा अध्याय 8