कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 10 एनसीईआरटी समाधान – चुंबकों द्वारा मनोरंजन
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कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 10 के एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
चुंबक क्या होता है?
चुम्बक एक प्रकार के चट्टानीय पदार्थ है जिनमें लौह धातु को आकर्षित करने की शक्ति होती है। चुम्बक का चुम्बकीय विशेषता का उपयोग किया गया है। इस प्रकार है लोहे की सतहों पर स्टिकरों को चिपकाने के लिए, पिन होल्डर में, अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आदि में। 800 बी.सी. में एक गडरिया, जिसका नाम मैग्नीस था, पुरातन ग्रीस में अपनी भेड़ों तथा बकरियों के झुंड को चराने एक छड़ , जिसके एक सिरे पर लोहे का टुकड़ा लगा हुआ था, ले जाता था। एक बार उसकी छड़ चट्टान पर चिपक गई। यह कहा जाता है कि चट्टान में लौह पदार्थों को आकर्षित करने की शक्ति थी और जिसे बाद में मैगनेटाइट कहा जाने लगा। सम्भव मैग्नीज के नाम पर या उस स्थान के नाम मैग्नीशिया पर जहाँ उसे सर्वप्रथम खोजा गया था।
कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 10 का अध्ययन तथा प्रश्न उत्तर
कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 10 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
दिशा निर्धारण में कंपास का किस प्रकार प्रयोग होता है?
एक कंपास आमतौर पर एक छोटा सा बॉक्स होता है, जिस पर ग्लास कवर होता है। एक चुम्बकीय सुई को बॉक्स के अंदर लगाया जाता है, जो स्वतंत्र रूप से घूम सकती है। कंपास में उस पर चिह्नित दिशाओं के साथ एक डायल भी होता है।
कम्पास को उस स्थान पर रखा जाता है जहाँ हम दिशाओं को जानना चाहते हैं। विराम अवस्था में इसकी सुई उत्तर-दक्षिण दिशा को इंगित करती है। कम्पास को तब तक घुमाया जाता है जब तक कि डायल पर उत्तर और दक्षिण को सुई के दो छोरों पर चिह्नित नहीं किया जाता है। चुंबकीय सुई के उत्तरी-ध्रुव की पहचान करने के लिए, इसे आमतौर पर एक अलग रंग में चित्रित किया जाता है।
यह देखा गया है कि पेंसिल छीलक (शार्पनर) यद्यपि प्लास्टिक का बना होता है, फिर भी यह चुंबक के दोनों ध्रुवों से चिपकता है। उस पदार्थ का नाम बताइए जिसका उपयोग इसके किसी भाग के बनाने में किया गया है?
पेंसिल शार्पनर में एक ब्लेड होता है जो लोहे से बना होता है। लोहा एक चुंबकीय पदार्थ है यही कारण है कि यह चुंबक के ध्रुवों द्वारा आकर्षित होता है।
चुंबक के कोई दो गुण लिखिए।
1. चुंबक के विपरीत ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते हैं और समान ध्रुव एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
2. एक स्वतंत्र रूप से लटकी हुई चुंबक हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा को इंगित करता है।
कृत्रिम चुम्बक किसे कहते हैं?
वे चुम्बक, जो मनुष्य द्वारा फैक्ट्रियों तथा प्रयोगशालाओं में बनाए जाते हैं, कृत्रिम चुम्बक कहलाते हैं। वे सुविधा के लिए विभिन्न आकारों में बनाए जाते हैं। जैसे छड़ चुम्बक, घोड़े की नाल के आकार के चुम्बक, बेलनाकार अथवा गोला छड़ के आकार के चुम्बक, जिनके अंतिम सिरों पर गेंदे लगी हुई हों। कृत्रिम चुम्बक स्थायी या अस्थायी दोनों प्रकार के होते हैं। स्थायी चुम्बक साधारणतया मिश्रधातु से निर्मित होते हैं। जिससे लोहा, ऐल्युमिनियम, कोबाल्ट तथा निकिल के साथ स्टील की मिश्रधातु विद्यमान होती है।
सिरेमिक चुम्बक विशेष प्रकार के चुम्बक होते हैं जिनमें लोहे, निकिल तथा बैरीलियम के ऑक्साइड विद्यमान होते हैं। अस्थायी चुम्बकों में चुम्बकीय विशेषता अल्प समय के लिए होती है। नहीं तो वे साधारण लोहे के टुकड़े होते हैं। विद्युतीय चुम्बक को एक विद्युतरोधी ताँबे की तार को एक लोहे के टुकड़े के चारों ओर लपेटकर तथा विद्युत स्रोत से जोड़कर बनाया जा सकता है। लोहे का टुकड़ा चुम्बकत्व युक्त हो जाता है। परन्तु वह अपना चुम्बक्त खो देता है, जब धारा प्रवाह के रूकने से परिपथ टूट जाता है। ऐसे चुम्बकों को विद्युतीय चुम्बक कहते हैं।
चुम्बकों के विभिन्न उपयोग
चुम्बकों द्वारा दिशाएँ प्रदर्शित करने की विशेषता का प्रयोग एक उपकरण, जिसे दिव्सूचक कहते हैं, में किया गया है। यह एक छोटा गोल डिब्बा है, जिसके ऊपर काँच का आवरण लगा हुआ होता है। एक चुम्बकीय सुई डिब्बे के भीतर इस तरह से लगी होती है कि स्वतंत्रता से घूम सकती है। दिव्सूचक के डॉयल पर चारों दिशाओं के लिए चिह्न होते हैं। दिव्सूचक तब तक घूमता रहता है जब तक कि डॉयल पर सुई छख्नै दिशा में आकर रुक नहीं जाती है। प्रत्येक चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं।
1. उत्तर की ओर ध्रुव – उत्तरी ध्रुव।
2. दक्षिण की ओर ध्रुव – दक्षिणी ध्रुव।
प्रत्येक प्राकृतिक या कृत्रिम चुम्बक में आकर्षण तथा प्रतिकर्षण की विशेषता होती है। दोनों ध्रुव आपस में प्रतिक्रिया प्रदर्शित करते हैं।
विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। जबकि एक समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। बहुत सारे खिलौने तथा उपकरण चुम्बकों की इस आकर्षण तथा प्रतिकर्षण की विशेषता का उपयोग करते हैं। दूर-नियंत्रक में प्राय: इसी सिद्धांत का उपयोग किया जाता है।
चुम्बकों की सुरक्षा
चुम्बक अपने चुम्बकीय प्रभाव हो खो देता है अगर उसे प्रयोग में लाने या रखने में सही देखभाल तथा सुरक्षा के तरीकों को अपनी अपनाया जाए। चुम्बक अपनी चुम्बकीय शक्ति को इस प्रकार खो सकते हैं:
- हथौड़े से चोट मारने तथा गर्म करने से।
- चुम्बक को बार-बार कठोर सतह पर मारना।
- चुम्बक को ऊँचाई से गिराना।
- ठीक प्रकार से रख-रखाव नहीं किया जाए।
वर्ग 6 विज्ञान पाठ 10 एनसीईआरटी के प्रश्न उत्तर
आपको एक लोहे की पत्ती दी गई है। आप इसे चुंबक कैसे बनाएँगे?
लोहे की पत्ती को चुंबक बनाने की विधि:
- लोहे की पत्ती का एक आयताकार टुकड़ा लें।
- एक बार चुंबक लें और पत्ती के एक किनारे के साथ उसके एक ध्रुव के संपर्क में रहें।
- बार चुंबक को उठाये बिना, लोहे की पत्ती की लंबाई के साथ इसे तब तक हिलाएं जब तक आप दूसरे छोर तक नहीं पहुंच जाते।
- चुंबक को उठाएं और लोहे की पत्ती के उसी बिंदु पर ध्रुव (वही ध्रुव जिसे आपने शुरू किया था) लाएं जहां से आप शुरू हुए थे।
- लोहे की पट्टी के साथ चुंबक को उसी दिशा में फिर से घुमाएं जैसा आपने पहले किया था। इस प्रक्रिया को लगभग 30-40 बार दोहराएं।
- लोहे की पट्टी के पास कुछ पिन लाएँ और जांचें कि क्या यह चुंबक में परिवर्तित हो गया है या नहीं।
छड़ चुंबक के ध्रुव कहाँ स्थित होते हैं?
बार चुंबक के ध्रुव इसके दोनों छोर बिंदुओं पर स्थित होते हैं।
छड़ चुंबक पर ध्रुवों की पहचान का कोई चिन्ह नहीं है। आप कैसे ज्ञात करोगे कि किस सिरे के समीप उत्तरी ध्रुव स्थित है?
चुंबक को एक हल्के धागे से लटकाएं ताकि वह स्वतंत्र रूप से लटका रहे। जब विराम की स्थिति आती है, तो हम देखते हैं कि चुंबक उत्तर – दक्षिण दिशा में होता है।