एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 2 बस की यात्रा

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 2 बस की यात्रा के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 के अन्सुअर संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 8 के छात्र हिंदी पाठ्यपुस्तक वसंत के पाठ 2 के सभी सवाल जवाब यहाँ से सरल भाषा में प्राप्त कर सकते हैं।

मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा। लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?

लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई क्योंकि वह अपनी खटारा बस की जमकर तारीफ कर रहा था और उसे जैसे-तैसे चलाकर सवारी को उसके नियत स्थान पर पहुँचाने की कोशिश कर रहा था।

‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर लिखिए।
सविनय अवज्ञा आंदोलन सन 1930 में गाँधीजी के नेतृत्व में अंग्रेजों को भारत से पूर्ण रूप से भगाने के लिए किया गया था।

अनुमान कीजिए यदि बस जीवित प्राणी होती, बोल सकती तो वह अपनी बुरी हालत और भारी बोझ के कष्ट को किन शब्दों में व्यक्त करती? लिखिए।
कहानी की बस की हालत ऐसे ही थी जैसे एक जर्जर वृद्ध व्यक्ति की होती है। सामर्थ्य न होते हुए भी उससे जबरदस्ती भरी बोझ उठवाया जा रहा हो। इस कष्ट के लिए वह सबसे पहले अपने भाग्य को कोसता, उसके बाद काम करवाने वालों को जी भरकर गालियाँ देता। कभी मन नहीं करता या स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो कार्य करने से मना भी कर देता।

लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।लोकल लोगों ने यह सलाह क्यों दी?

स्थानीय लोगों के अनुसार वे बस को डाकिन मानते थे वह खटारा बस कभी भी कहीं भी खड़ी हो सकती थी। इसलिए उन्होने लेखक को उस बस से सफर न करने की सलाह दी।

बस, वश, बस तीन शब्द हैं-इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो। उपर्युक्त वाक्यों के समान वश और बस शब्द से दो-दो वाक्य बनाइए।
बस शब्द से बनने वाले वाक्य:
(क) मैं बस में सवार होकर शहर गया।
(ख) मैं जिस बस में बैठा था वह रास्ते में ख़राब हो गयी।
वश शब्द से बनने वाले वाक्य:
(क) भगवान् भक्तों के वश में होते हैं।
(ख) प्रकृति पर किसीका भी वश नहीं चलता।

ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं। लेखक को ऐसा क्यों लगा?

पूरी बस खटारा थी इसलिए उसके स्टार्ट होते ही पूरी बस हिलने लगी। जिसे देखकर लेखक को ऐसा लगा मानो वे बस में नहीं बल्कि इंजन में बैठा है।

“हम पाँच मित्रें ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।“ ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह दो वाक्यों को एक साथ जोड़ने के लिए ‘कि’ का प्रयोग होता है। कहानी में से दोनों प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए।
कहानी में ने, की, से कारकों के प्रयोग वाले वाक्य:
(क) हम पाँच मित्रें ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें।
(ख) यह बस पूजा के योग्य थी।
(ग) ड्राइवर ने बाल्टी में पेट्रोल निकालकर उसे बगल में रखा और नली डालकर इंजन में भेजने लगा।
(घ) ड्राइवर ने तरह-तरह की तरकीबें कीं पर वह चली नहीं।
कहानी मेंवाक्यों को जोड़ने वाले योजक शब्द के प्रयोग वाले वाक्य:
(क) जो भी पेड़ आता, डर लगता कि इससे बस टकराएगी।
(ख) कभी लगता कि सीट को छोड़कर बॉडी आगे भागी जा रही है।
(ग) हमें ग्लानि हो रही थी कि बेचारी पर लदकर हम चले आ रहे हैं।
(घ) एक पुलिया के ऊपर पहुँचे ही थे कि एक टायर फिस्स करके बैठ गया।

गजब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है। लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?

बस की खस्ता हालत देखकर लेखक को लगा कि ये बस अब नहीं चल पाएगी। जब उसने बस के हिस्सेदार से पूछा कि क्या ये बस चल भी पाएगी, तो उसके जवाब को सुनकर लेखक को हैरानी हुई जब उसने कहा कि हाँ साहब ये बस अपने आप चलेगी।

सविनय अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने किस रूप में किया है? लिखिए।
सविनय अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने खटारा बस की स्थिति के रूप में किया है।

“हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी।“
दिए गए वाक्यों में आई ‘सरकना’ और ‘रेंगना’ जैसी क्रियाएँ दो प्रकार की गतियाँ दर्शाती हैं। ऐसी कुछ और क्रियाएँ एकत्र कीजिए जो गति के लिए प्रयुक्त होती हैं, जैसे-घूमना इत्यादि। उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(क) चलना: हम पाँच मित्रें ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें।
(ख) आना-जाना: उनकी आँखें कह रही थीं- “आना-जाना तो लगा ही रहता है।“
(ग) कूच करना: आदमी को कूच करने के लिए एक निमित्त चाहिए।
(घ) निकलना: कभी लगता सीट बॉडी को छोड़कर आगे निकल गई है।
(ङ) भागना: कभी लगता कि सीट को छोड़कर बॉडी आगे भागी जा रही है।
(च) आना: जो भी पेड़ आता, डर लगता कि इससे बस टकराएगी।
(च) झील दिखती तो सोचता कि इसमें बस गोता लगा जाएगी।
(छ) पहुँचना: अब हमने वक्त पर पन्ना पहुँचने की उम्मीद छोड़ दी थी।

“काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे, उनसे हमें बचना था।“
इस वाक्य में ‘बच’ शब्द को दो तरह से प्रयोग किया गया है। एक ‘शेष’ के अर्थ में और दूसरा ‘सुरक्षा’ के अर्थ में।
नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करके देखिए। ध्यान रहे, एक ही शब्द वाक्य में दो बार आना चाहिए और शब्दों के अर्थ में कुछ बदलाव होना चाहिए।
(क) जल (ख) हार
उत्तर:
(क) ‘जल’ शब्द के अलग-अलग अर्थ वाले वाक्य:
कल बहुत ज्यादा बरसात हुई, चारों तरफ़ जल ही जल दिख रहा था।
भवन में आग लगने से उसमें रखा सारा सामन जल गया।
(ख) ‘हार’ शब्द के अलग-अलग अर्थ वाले वाक्य:
उसने गले में सुन्दर हार पहन रखा है।
पाकिस्तान युद्ध में भारत से हार गया था।

मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था। लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था?

जैसे बस चल रही थी उससे ऐसा लग रहा था कि यह बस किसी भी पेड़ से टकरा जाएगी इसीलिए लेखक हर पेड़ को दुश्मन समझ रहा था, और हर आने वाले पेड़ से पहले वह घबरा जाता था।

बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द ‘फर्स्ट क्लास’ में दो शब्द हैं- फर्स्ट और क्लास। यहाँ क्लास का विशेषण है फर्स्ट। चूँकि फर्स्ट संख्या है, फर्स्ट क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है। ‘महान आदमी’ में किसी आदमी की विशेषता है महान। यह गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण और गुणवाचक विशेषण के दो-दो उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
संख्यावाचक विशेषण वाले वाक्य:
(क) बस की खिड़कियों पर काँच बहुत कम बचे थे।
(ख) बस की रफ़्तार अब पंद्रह-बीस मील हो गई थी।
गुणवाचक विशेषण वाले वाक्य:
(क) क्षीण चाँदनी में वृक्षों की छाया के नीचे वह बस बड़ी दयनीय लग रही थी।
(ख) दूसरा घिसा टायर लगाकर बस फिर चली।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 2 बस की यात्रा
कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 2 बस की यात्रा
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 2 के उत्तर
कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 2