एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 10 अकबरी लोटा

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 10 अकबरी लोटा के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। 8वीं हिंदी में वसंत पाठ 10 के प्रश्नों को सरल भाषा में चरण दर चरण समझाकर बताया गया है ताकि किसी भी छात्र को कोई परेशानी न हो।

लाला झाउलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया। आपके विचार से लाला झाउलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?

लोटा गिरने से अंग्रेज पूरा भीग गया था उसके साथ पूरी भीड़ भी उनके आंगन में घुस आई थी ऐसी स्थिति में लाला झाउलाल ने हाथ जोड़कर चुप रहना ही बेहतर समझा।

लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे। लाला झाउलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।
उनकी पत्नी लोटे में पानी लिए प्रकट हुईं और लोटा भी संयोग से वह जो अपनी बेढंगी सूरत के कारण लाला झाऊलाल को सदा से नापसंद था। लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे। उन्होंने यह भी सोचा कि लोटे में पानी दे, तब भी गनीमत है, अभी अगर चूँ कर देता हूँ तो बाल्टी में भोजन मिलेगा।

इस कहानी में आपने दो चीजों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ी। अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी। आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?
दोनों कहानियां काल्पनिक हैं।

अंग्रेज के सामने बिलवासी जी ने झाउलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।

अंग्रेज के सामने बिलवासी जी ने लाला झाउलााल को पहचानने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि वे यदि उस समय लालाजी को पहचान जाते तो रुपयों का इंतजाम करना बहुत मुश्किल था। क्योंकि वे अंग्रेज से रुपया ऐंठकर लालाजी को देना चाहते थे।

इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताउँगा। बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।
बिलवासी जी ने यह बात लाला झाउलाल से कही उन्होंने कहा कि इस भेद को मेरे अलावा मेरा ईश्वर जानता है कि मैंने रुपयों का इंतजाम कहां से किया वह मै आपको नहीं बताउॅंगा।

बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?
बिलवासी जी ने जिस तरह से रुपयों का प्रबंध किया वह अनुचित था।

बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।

बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध करने के लिए अपने घर से रुपये चुराए थे।

लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए। अजी इसी सप्ताह में ले लेना। सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से? झाउलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।
झाउलाल ओर उनकी पत्नी की इस बातचीत से यही पता चलता है कि वे कितने कंजूस व्यक्ति थे।

यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता?
लाला झाउलाल को हर्जाना देना पड़ता और हो सकता है कि जेल भी हो जाती।

आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।

अंग्रेज पुरानी चीजों का शौकीन था और उसे कोई भी पुरानी चीज मिल जाए उसे एंटीक पीस के रूप में खरीद लेता था उसने जब लोटा देखा तो उसे वह लोटा एंटीक पीस लगा इसीलिए उसने वह लोटा एंटीक पीस के रूप में खरीद लिया।

जब बिलवासी जी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?
यदि बिलवासी जी की पत्नी जाग जाती तो उन्हें सटीक जबाव देना पड़ता जिसके लिए वे मानसिक तौर पर तैयार नहीं थे। ऐसी स्थिति में उनकी चोरी पकड़ी जाती।

इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।
कहानी में आये कुछ रोचक वे निम्न हैं:
अजी इसी सप्ताह में ले लेना। सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?
उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।
लाला को काटो तो बदन में खून नहीं।
मेरी समझ में ‘ही इज ए डेंजरस ल्यूनाटिक’ यानी, यह खतरनाक पागल है।
इस विवरण को सुनते-सुनते साहब की आँखों पर लोभ और आश्चर्य का ऐसा प्रभाव पड़ा कि वे कौड़ी के आकार से बढ़कर पकौड़ी के आकार की हो गईं।

इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए।
आँखों से खा जाना (क्रोधित होना): बच्चे के जरा सी गलती करने पर उसके पिता उसको ऐसे डांटने लगे जैसे कि वे उसे आँखों से खा जाएंगे।
बाप डमरू माँ चिलम (बेढंगा आकार): मोहन के पास ऐसा पुराना बर्तन है जिसके आकार को देखकर ऐसा लगता है मानो उसकी माँ डमरू और माँ चिलम रही हो।
डींगें हांकना (लम्बी चैड़ी खोखली बातें करना): नरेश अपने परिवार के बारे में ऐसी उॅंची-उॅंची बातें करता है कि मानों डींगे हांक रहा हो।
चैन की नींद सोना (आराम से सोना): कई दिनों तक मेहनत करने के बाद आज वह चैन की नींद सो पाया है।
आँख सेंकने के लिए भी न मिलना (दुर्लभ होना): अंग्रेज के लिए वह पुराना लोटा ऐसे था जैसे उसने कई दिन बाद अपनी आँखें सेंकी हों।

उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई। समस्या झाउलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।

बिलवासी जी को उस रात देर तक इसलिए नींद नहीं आई क्योंकि वे अपनी पत्नी के संदूक में से चुराए गए रुपये उस संदूक में रख्ना चाहते थे जिसकी चाबी उनकी पत्नी के गले में सोने की जंजीर में बॅंधी थी। वे पत्नी के सोने का इंतजार करते रहे और रात के एक बजे पत्नी के सो जाने पर उन्होनें पत्नी के गले में से चाबी निकाल कर और संदूक को खोलकर उसमें रुपये रख दिए।

अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया। उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?
आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल में ‘टूटते हुए तारे’ अथवा ‘लूका’ कहते हैं।
समानता
उल्का और ग्रह दोनों ही चमकते हैं।
दोनो एक जैसे पदार्थों से ही बने होते हैं।
अंतर
ग्रह अपनी जगह पर रहकर किसी तारे की परिक्रमा करते हैं परन्तु उल्का की गति की कोई निश्चित दिशा नहीं होती है।
किसी ग्रह या तारे का छोटा चट्टानी टुकड़ा उल्का पिंड कहलाता है।

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कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 10 के प्रश्न उत्तर
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