एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 13 बाज और साँप

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 13 बाज और साँप की कहानी के प्रश्न उत्तर अभ्यास के लिए अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से मुफ्त में प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 8 के छात्रों को हिंदी वसंत के पाठ 13 में दी गई कहानी बहुत ही रोचक लगती है।

घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?
साँप और बाज दोनों ही परम शत्रु होते हैं बाज सापॅं को देखते ही खा जाता है। धायल बाज को देखकर साँप इसलिए मुस्कुराया क्योंकि अब वह उसके लिए नुकसानदायक नहीं था।

लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और साँप को ही क्यों चुना?

इस कहानी के द्वारा लेखक ने जिंदगी में कुछ नया करने वालों और जिंदगी को एक चुनौती मानने वालों तथा जिंदगी में अपने भाग्य को ही सबकुछ मानने वालों की तुलना की है। एक ओर जहां सांप अपनी गुफा में खुश है और उसको ही अपने जीवन की बड़ी उपलब्धि मानता है वहीं दूसरी ओर बाज है जो आसमान की उॅंचाइयों को लगातार छूना चाहता है। इसीलिए लेखक ने बाज और सापॅं को चुना।

कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।
बाज में एक नयी आशा जाग उठी। वह दूने उत्साह से अपने घायल शरीर को घसीटता हुआ चट्टान के किनारे तक खींच लाया। खुले आकाश को देखकर उसकी आँखें चमक उठीं। उसने एक गहरी, लंबी साँस ली और अपने पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा।

घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, मुझे कोई शिकायत नहीं है?

बाज ने अपने जीवन में आसमान की उॅंचाइयों को छुआ। जीवन को भरपूर जिया और अब जीवन के आखरी पड़ाव में घायल होने के बाद भी वह अपने जीवन से पूर्णतः संतुष्ट है। इसीलिए उसने कहा कि मुझे कोई शिकायत नहीं है।

लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी?
लहरों का गीत सुनकर साँप ने सोचा होगा कि बाज की बहादुरी से प्रसन्न होकर लहरों ने उसके लिए गीत गया है। मुझे भी कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे कि मेरे लिए भी गीत गाए जाएं। उसने उड़ने की कोशिश नहीं की होगी क्योंकि वह उसके लिए संभव नहीं है उसने अपने अनुसार अन्य कार्य को करने की योजना बनाई होगी।

बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?

वह घायल होने के बाद भी इसलिए उड़ना चाहता था क्योंकि वह अपने जीवन का एक पल भी नष्ट नहीं करना चाहता था और अंतिम समय में एक बार फिर आकाश की उॅंचाइयों को छूना चाहता था।

क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।
पक्षियों को उड़ते समय आनंद की अनुभूति होती होगी क्योंकि वह तो उनके लिए स्वाभाविक कार्य है लेकिन यदि स्वभाविक कार्य भी उत्साह से किया जाए तों वह आनन्ददायक होता ही है।

साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?

साँप अपने आप को पूर्ण और संतुष्ट मानता था और आसमान में उड़ना मूखतापूर्ण मानता था फिर भी बाज के कहने पर उसने आसमान में उड़ने की कोशिश की और नीचे आ गिरा वह मरते-मरते बचा। उसे लगा कि बाज तो मूर्ख था मैं तो उसकी बातों में आकर मरते-मरते बचा हूँ।

मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।
मानव ने पक्षियों को उड़ते देखकर उनकी तरह ही उड़ने की इच्छा जाग्रत की होगी। तभी तो उसने अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए हवाई जहाज का आविष्कार किया और उसी के द्वारा वह अपनी उड़ने की इच्छा की पूर्ति करने लगा।

यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती? अपनी कल्पना से लिखिए।
कहानी में बाज और साँप न होकर कोई अन्य पात्र होता तो कहानी उतनी प्रभावी नहीं होती क्योंकि इनके माध्यम से लेखक ने मानसिक सोच में अंन्तर दिखाया है जो कि बाज और साँप के द्वारा ही संभव है।

बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?

बाज के लिए लिए लहरों ने गीत इसलिए गाया क्योंकि उसने अपने जीवन के आखरी क्षणों में भी पूरा उत्साह दिखाया था।

कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
(क) भांप लेना – भारतीय फौज ने दुश्मन के इरादों को पहले ही भांप लिया।
(ख) हिम्मत बांधना – सांप ने घायल बाज की हिम्मत बॅंधाई।
(ख) अंतिम सांस लेना – घायल बाज अपनी अंतिम साँसें लेने लगा।
(ग) प्राण हथेली पर रखना – सेना के जवान अपने प्राण हथेली पर लेकर चलते हैं।
(घ) मन में आशा जागना – सांप के बार-बार कहने पर बाज के मन में भी आशा जाग गई।

‘आरामदेह’ शब्द में ‘देह’ प्रत्यय है। यहाँ ‘देह’ ‘देनेवाला’ के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में ‘द’, ‘प्रद’, ‘दाता’, ‘दाई’ आदि का प्रयोग भी होता है, जैस-सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।
उत्तर:
प्रद – हानिप्रद, लाभप्रद
दाता – अन्नदाता, प्राणदाता
दाई – सुखदाई, दुखदाई
द – दुखद, सुखद

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 13 बाज और साँप
कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 13 बाज और साँप
कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 13 के प्रश्न उत्तर