कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 31 पत्र लेखन

कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 31 पत्र लेखन तथा पत्र के प्रकार और उनकी रूप-रेखा पर आधारित अध्ययन सामग्री शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। पत्र लेखन की कला को यहाँ दी गई अभ्यास पुस्तिका और विडियो की मदद से छात्र इसे आसानी से समझ सकते हैं।

पत्र-लेखन

पत्र लेखन एक ऐसा साधन है जो दो हृदयों को जोड़ता है। इसके द्वारा हम एक-दूसरे के विचारों और समाचारों से अवगत होते हैं।
पत्र के प्रकार
पत्र मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
1. व्यक्तिगत पत्र
2. व्यावसायिक पत्र
3. सरकारी पत्र या प्रार्थना पत्र
विषय-भेद के अनुसार पत्र के प्रकार
विषय-भेद के अनुसार पत्र के अनेक प्रकार होते हैं; जैसे- बधाई पत्र, परिचय पत्र, निमंत्रण पत्र, सांत्वना पत्र, धन्यवाद पत्र, आवेदन पत्र, शिकायती पत्र आदि।

पत्र के अंग

1. पत्र लिखने वाले का सही पता और तिथि।
2. संबोधन शब्द और उचित अभिवादन।
3. मुख्य विषय
4. अंतिम भाग में लेखक के हस्ताक्षर
5. पत्र पाने वाले का पता अंत में लिखा जाता है।

पत्र संबंधी विभिन्न विवरण

संबंधियों के लिए पत्र
संबंध अभिवादन शब्द अंत में लिखे जाने वाले शब्द
पुत्र-पिता पूजनीय पिताजी सादर प्रणाम आपका आज्ञाकारी पुत्र
पिता-पुत्र प्रिय मोहन, सप्रेम आशीर्वाद तुम्हारा पिता
भाई-भाई आदरणीय भाई प्रणाम, स्नेही राजीव आपका छोटा भाई, बड़ा भाई
शिष्य-गुरु आदरणीय गुरुजी आपका आज्ञाकारी शिष्य
गुरु- शिष्य चिरंजीव रमेश सस्नेह आशीर्वाद
परिचित व्यक्ति महोदय, श्रीमान जी भवदीय

पत्र लिखते समय ध्यान रखने वाले तथ्य

1. पत्र जिसको लिखना है उससे संबंध और पद के अनुसार शिष्टाचार शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
2. पत्र की भाषा सरल और सुबोध होनी चाहिए।
3. पत्र में व्यर्थ की बातें नहीं लिखनी चाहिए।
4. पत्र का आरंभ और अंत सही ढंग से होना चाहिए।
5. पत्र में कहावतों, मुहावरों आदि के प्रयोग से बचना चाहिए।

व्यक्तिगत पत्र

विद्यालय में प्रवेश प्राप्त करने हेतु प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र।
सेवा में
श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय
सर्वोदय विद्यालय,
जनक पुरी, नई दिल्ली।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैंने इस वर्ष आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की है। मैं बाल भारती विद्यालय का छात्र था। आपके विद्यालय की उत्तम शिक्षा, अनुशासन को देखकर मैं नौवीं कक्षा में प्रवेश लेना चाहता हूँ।
श्रीमान जी मैंने पिछली कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। पढ़ाई के साथ-साथ मैं खेलकूद में भी रुचि रखता हूँ। मैं विदयालय में क्रिकेट, फुटबाल खेलता था। क्रिकेट में मुझे कई पुरस्कार मिले हैं। आपसे अनुरोध है कि आप मेरे इन्हीं गुणों को देखते हुए अपने विद्यालय में प्रवेश दिलाने की कृपा करें।
धन्यवाद
दिनांक- 16/08/2016
आपका आज्ञाकारी छात्र
विकास पयाल

कक्षा 8 हिंदी व्याकरण पाठ 31 पत्र लेखन
कक्षा 8 हिंदी व्याकरण में पत्र लेखन
हिंदी व्याकरण में पत्र लेखन
व्याकरण में पत्र लेखन
कक्षा 8 हिंदी व्याकरण पत्र लेखन
कक्षा 8 हिंदी व्याकरण में पत्र के प्रकार
कक्षा 8 हिंदी व्याकरण में पत्र