कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 19 पद परिचय

कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 19 पद परिचय के लिए प्रश्न अभ्यास उदाहरण सहित प्रश्न उत्तर अभ्यास पुस्तिका और पठन सामग्री शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। 8वीं कक्षा में हिंदी ग्रामर के पाठ 19 का अध्ययन करने के लिए विद्यार्थी यहाँ दी गई विडियो का प्रयोग करके इसे आसानी से समझ सकते हैं।

पद-परिचय

वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को पद कहते हैं। पद-परिचय का अर्थ है- व्याकरण की दृष्टि से पदों का परिचय। अर्थात् वाक्य में आए हुए संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया आदि का उनके भेद, वचन, लिंग, कारक, काल तथा अन्य शब्दों से संबंध आदि की जानकारी देना।
पद (शब्द) के प्रकार
शब्द (पद) आठ प्रकार के होते हैं:
1. संज्ञा
2. सर्वनाम
3. क्रिया
4. विशेषण
5. क्रिया-विशेषण
6. संबंधबोधक
7. समुच्चयबोधक
8. विस्मयादिबोधक

संज्ञा का पद-परिचय

संज्ञा के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी आवश्यक हैं-
(क) भेद- व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक।
(ख) लिंग- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग।
(ग) वचन- एकवचन, बहुवचन।
(घ) कारक- क्रिया या अन्य शब्दों से संबंध।
सर्वनाम का पद-परिचय
सर्वनाम के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी आवश्यक हैं:
(क) भेद- पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक, प्रश्नवाचक, निजवाचक।
(ख) लिंग- स्त्रीलिंग, पुल्लिंग।
(ग) वचन- एकवचन, बहुवचन।
(घ) पुरुष- केवल पुरुषवाचक सर्वनाम में उत्तम पुरुष, मधयम पुरुष, अन्य पुरुष।
(ङ) कारक- कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, संबंध, अधिकरण।
(च) संबंध- क्रिया के साथ संबंध।

विशेषण का पद-परिचय

विशेषण के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें आवश्यक हैं –

पदप्रकार
भेदगुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक या संकेतवाचक
लिंगस्त्रीलिंग, पुल्लिंग
वचनएकवचन, बहुवचन
अवस्थामूलावस्था, उत्तरावस्था, उत्तमावस्था (केवल गुणवाचक विशेषण में)
विशेष्यजिसकी विशेषता बताई जाती हैं, वह शब्द
क्रिया का पद-परिचय

क्रिया के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें आवश्यक हैं:

पदप्रकार
भेदअकर्मक, सकर्मक, प्रेरणार्थक, पूर्वकालिक आदि
कालभूतकाल, वर्तमानकाल, भविष्यत्काल
वाच्यकर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
लिंगपुल्लिंग, स्त्रीलिंग
वचनएकवचन, बहुवचन
पुरुषउत्तम पुरुष, मधयम पुरुष, अन्य पुरुष
संबंधअन्य शब्दों से संबंध
क्रिया-विशेषण का पद-परिचय

क्रिया – विशेषण के पद-परिचय में ये आवश्यक होने चाहिए:
भेद – कालवाचक, स्थानवाचक, परिमाणवाचक और रीतिवाचक। वह क्रिया जिसकी विशेषता बताई गई हो।
संबंधबोधक का पद-परिचय
संबंधबोधक के पद-परिचय में निम्न बातें आवश्यक हैं:
(क) भेद- कालवाचक, स्थानवाचक, दिशावाचक, कारणवाचक, तुलनावाचक, साधनवाचक, उद्देश्यवाचक, समानतावाचक, विरोधवाचक।
(ख) संबंध-संबंधाी शब्द।
समुच्चयबोधक का पद परिचय
समुच्चयबोधक के पद-परिचय में दो बातों का उल्लेख जरूरी है:
(क) भेद- समानाधिाकरण तथा व्यधिाकरण।
(ख) योजित शब्द।

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