एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 5 नाटक में नाटक
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 5 नाटक में नाटक के सभी प्रश्नों के हल तथा अभ्यास के लिए अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 8 दूर्वा के पाठ 5 नाटक में नाटक कहानी के अंतर्गत विद्यार्थी एक ऐसे नाटक की कहानी पढेंगे जिसमें अभिनय करने वाले पात्र ही संवाद को लेकर आपस में उलझ जाते हैं। डायरेक्टर बेचारा एक कोने में हाथ मलता रह जाता है।
कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 5 नाटक में नाटक के प्रश्न उत्तर
बच्चों ने मंच की व्यवस्था किस प्रकार की?
बच्चों ने मिल-जुलकर फालतू पड़े एक छोटे से सार्वजनिक मैदान में दूब व फूल-पौधे लगाए और वहीं एक मंच भी बना लिया।
नाटक की बात
जब नाटक में अभिनय करने वाले कलाकार भी नए हों, मंच पर आकर डर जाते हों, घबरा जाते हों और कुछ-कुछ बुद्धू भी हों, तब तो अधूरी तैयारी से खेलना ही नहीं चाहिए।
(क)
ऊपर के वाक्य में नाटक से जुड़े कई शब्द आए हैं। जैस- अभिनय, कलाकार और मंच आदि।
तुम पूरी कहानी को पढ़कर ऐसे ही और शब्दों की सूची बनाओ। तुम इस सूची की तालिका इस प्रकार बना सकते हो। व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम, काम, कलाकार, मंच अभिनय।
(क)
व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम काम
कलाकार, मंच अभिनय
चित्रकार, ब्रश, पेंट चित्रकारी
संगीत, वायलिन स्वर
राकेश डायरेक्टर
मोहल्ले वाले दर्शक
पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन-ही-मन राकेश की तुरत बुद्धि की प्रशंसा क्यों कर रहे थे?
जब नाटक बिगड़ने लगा तब राकेश ने बात सँभाल ली। इसीलिए पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन ही मन राकेश की तुरत बुद्धि की प्रशंसा कर रहे थे। दर्शक सब शांत थे, भौचक्के थे। वे सोच रहे थे यह क्या हो गया! वे तो समझ रहे थे कि नाटक बिगड़ गया, राकेश ने कहा कि यह तो नाटक में ही नाटक था। उसकी रिहर्सल ही नाटक था। मानो इस नाटक में नाटक की तैयारी की कठिनाइयों और कमजोरियों को ही दिखाया गया था।
तुम्हारे संवाद: “श्याम घबरा गया। वह सहसा चुप हो गया। उसके चुप होने से चित्रकार और शायर महोदय भी चुप हो गए। होना यह चाहिए था कि दोनों कोई बात मन की ही बनाकर बात आगे बढ़ा देते।“ अगर तुम श्याम की जगह पर होते, तो अपने मन से कौन से संवाद जोड़ते। लिखो।
उत्तर:
श्याम संगीतकार था अगर वह अपने संवाद भूल भी गया तो उस समय कोई संगीत या गाना आदि अपनी वायलिन पर बजा सकता था जिससे दर्शकों के बीच हंसी का पात्र न बनता।
नाटक के लिए रिहर्सल की जरूरत क्यों होती है?
कोई भी नाटक बिना तैयारी के पूरा नहीं हो सकता उसके लिए पूरी तैयारी करनी पड़ती है दर्शकों का सामना करना पड़ता है ऐसे में कलाकार घबरा भी जाते हैं उनकी इसी घबराहट और झिझक को दूर करने के लिए रिहर्सल की जरूरत पड़ती है।
जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को? इस संवाद को पढ़ो और बताओ कि-
कहानी में इसके बदले किसने, क्यों और क्या बोला? तुम उसको लिखकर बताओ।
जब संगीत की स्वर-लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुँह की खा जाते हैं, गाजर साहब! आप क्या समझते हैं हमें?
कहानी में शायर के बदले गाजर कहने से क्या हुआ? तुम भी अगर किसी शब्द के बदले किसी अन्य शब्द का प्रयोग कर दो तो क्या होगा?
कहानी में शायर के बदले गाजर कहने से शायर साहब को क्रोध आ गया । हम भी किसी शब्द के बदले यदि कोई अन्य शब्द बोल दें तो अर्थ का अनर्थ हो जाएगा।
तुम्हारे विचार से राकेश को गुस्सा और रोना क्यों आ रहा होगा? राकेश मंच पर पहुँच गया। सब चुप हो गए, सकपका गए।
राकेश ने नाटक के लिए बहुत मेहनत की थी लेकिन कलाकारों के ठीक से अभिनय न करने से उसे गुस्सा आ रहा था और रोना इसलिए आ रहा था क्योंकि उसकी अभी तक की सारी मेहनत बेकार होती दिख रही थी।
राकेश मंच पर पहुँच गया। सब चुप हो गए, सकपका गए।
कहानी में चित्रकार बना मोहन, शायर बना सोहन और संगीतकार बना श्याम अपनी-अपनी कला को महान बताने के साथ एक-दूसरे को छोटा-बड़ा बताने वाले संवादों को बोलकर झगड़े की समस्या को बढ़ावा देते दिख रहे हैं। तुम उन संवादों को गौर से पढ़ो और उसे इस तरह बदलकर दिखाओ कि आपसी झगड़े की समस्या का समाधान हो जाए। चलो शुरुआत हम कर देते हैं जैसे-‘चित्रकार कहता है उसकी कला महान’ के बदले अगर चित्रकार कहे कि ‘हम सबकी कला महान’ तो झगड़े की शायद शुरुआत ही न हो। अब तुम यह बताओ कि-
(क) संगीतकार को क्या कहना चाहिए?
(ख) शायर को क्या कहना चाहिए?
(ग) तुम यह भी बताओ कि इन सभी कलाकारों को तुम्हारे अनुसार वह संवाद क्यों कहना चाहिए?
उत्तर:
(क) संगीतकार को पहले तो दूसरों की कला की प्रशंसा करनी चाहिए, उसके बाद अपनी कला की बढ़ाई करे।
(ख) शायर को शायरी के माध्यम से सबको खुश करना चाहिए जिसमें सबके लिए अच्छे शब्दों का प्रयोग हो।
(ग) संवाद करना एक कलाकार का धर्म होता है क्योंकि बिना संवाद नाटक बन ही नहीं सकता।
तुम्हारे विचार से राकेश जब मंच पर पहुँचा, बाकी सब कलाकार क्यों चुप हो गए होंगे?
राकेश नाटक का निर्देशक था और उसको मंच पर नहीं आना था लेकिन कलाकारों के खराब अभिनय के कारण उसे मंच पर आना पड़ा जिसे देखकर सभी कलाकार चुप हो गए।
दर्शक सब शांत थे, भौंचक्के थे।
दर्शक भौंचक्के क्यों हो गए थे?
सब दर्शक राकेश को मंच पर देखकर भौंचक्के रह गए थे।
“मैंने कहा था न कि रिहर्सल में भी यह मानकर चलो कि दर्शक सामने ही बैठे हैं।‘‘
राकेश ने ऐसा क्यों कहा होगा?
राकेश ने कलाकारों के मनोबल को बढ़ाने और अंदर के डर को निकालने के लिए ऐसा कहा होगा।
वाक्यों की बात: नीचे दिए गए वाक्यों के अंत में उचित विराम चिह्न लगाओ-
शायर साहब बोले उधर जाकर सुन ले न
शायर साहब बोले, “उधर जाकर सुन ले न।“
सभी लोग हँसने लगे
सभी लोग हँसने लगे।
तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो
तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो?
मोहन बोला अरे क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए
मोहन बोला, “अरे! क्या हुआ, तुम तो अपना संवाद भूल गए।‘‘