एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 2 दो गौरैया

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 2 दो गौरैया के अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 8 दूर्वा के पाठ 2 दो गौरैया कहानी में छात्र घर अन्दर गौरैया के जोड़े द्वारा घोसला बना लेना और घर के मालिक द्वारा उन्हें बाहर निकालने का प्रयास एक रोमांच उत्पन्न करता है। बार-बार घर के मालिक द्वारा निकालने जाने के बावजूद गौरैया हार नहीं मानती। गौरैया पहले पहले घोसला बनाती हैं फिर अंडे देती हैं और बाड़ में उनसे बच्चे भी निकाल आते हैं। अंततः घर के मालिक को गौरैया के प्रयास के आगे हार माननी पड़ती है।

दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी?

क्योंकि माँ नहीं चाहती थीं कि गौरैया का घर उजड़ जाए इसलिए वे पिताजी की मदद नहीं कर रहीं थी। और गौरैया भी पिताजी के बाहर निकालने की कोशिश को खेल समझ रही थीं। इसीलिए वे आवाज सुनकर घोंसले में से गर्दन निकालकर बाहर झांकती थी और फिर घोंसले में घुस जाती थीं।

किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,̧ पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों?
पिताजी के इस कथन से माँ बिल्कुल भी सहमत नहीं थी वे किसी का भी घर तोड़ने के पक्ष में नहीं थी उनके अनुसार अगर चिड़ियों का घर तोड़ा गया तो वे बेचारी कहां जाएगी और उनके बच्चों और अंडों का क्या होगा। हम इस बात से पूर्णतः असहमत हैं वह तो चिड़िया है यदि किसी के साथ भी ऐसा हो तो उसके हृदय पर क्या बीतेगी।

देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा?

इसलिए परेशाान थीं कि यदि चिड़िया ने अन्डे दिए होंगे तो वे टूट सकते हैं और चिड़िया परेशाान हो सकती है। इसलिए उन्होने पिताजी से गंभीरता से कहा कि चिड़ियों को मत निकालो।

जब हम लोग नीचे उतरकर आए, तब वे फिर से मौजूद थीं और मजे से बैठी मल्हार गा रही थीं।
अब तुम पता करो कि मल्हार क्या होता है? इस काम में तुम बड़ों की सहायता भी ले सकते हो।
मल्हार संगीत में एक राग का नाम हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि इसके गाने से बारिश होने लगती है।

बताओ कि क्या सचमुच चिड़ियाँ मल्हार गा सकती हैं?
चिड़ियाँ मल्हार नहीं गा सकती लेकिन उनका चहचहाना ऐसा लगता है कि मानो वे मल्हार गा रही हों।

बताओ की कहानी में चिड़ियों द्वारा मल्हार गाने की बात क्यों कही गई है?
चिड़ियाँ रात में कहीं और चली गई थीं, पर दूसरे दिन इतवार को जब उनका चहचहाना घोंसले में सुनाई दिया तो ऐसा लगा कि मानो वे खुशी से मल्हार गा रही हों क्योंकि उनको घर से निकालने के सभी प्रयास विफल हो चुके थे।

कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुस्कुराते क्यों रहे?

जब पिताजी घोंसला तोड़ने चले तो उसमें अंडे देखकर उन्होंने उसे वापस रख दिया फिर गौरैया की तरफ देखकर वे मुस्कारने लगे क्योंकि अब उन्हें पता चल चुका था कि किसी का घर तोड़ना उचित नहीं गौरैया बच्चों के होने पर कुछ दिन चीं-चीं कहेगी उसके बाद बच्चे खुद ही चिड़िया के साथ उड़कर कहीं और चले जाएंगे।

पिताजी बोले, क्या मतलब? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ? ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि:
पिताजी ने यह बात किससे कही?
पिताजी ने माँ से कहा।

उन्होंने यह बात क्यों कही?
उन्होंने यह बात चिड़ियों से परेशान होकर कही।

गौरैयों के आने से कालीन कैसे बरबाद होता?
गौरैयों के आने से उनके द्वारा तिनके बिखेरने और बीट करने से कालीन खराब होता।

पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है। ऊपर के वाक्य को पढ़ो और बताओ कि-
सराय और घर में क्या अंतर होता है? आपस में इस पर चर्चा करो।
जिसमें एक ही परिवार के सब लोग मिलकर रहते हैं उसे घर कहते हैं और जहाँ दूर-दूर से अलग-अलग जगहों से लोग आकर रुकते हैं उसे सराय कहते हैं।

पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है?
चूहे, चमगादड़, चींटियों और चिड़ियों के कारण पिताजी को अपना घर सराय लगने लगा।

पूरी कहानी में गौरैया, कहाँ-कहाँ से घर के अंदर घुसी थीं? सूची बनाओ।

चिड़ियाँ कभी दरवाजे से, कभी बंद दरवाजे के नीचे से और कभी रोशानदान के टूटे शीशे में से घर के अन्दर घुसीं।

माँ खिलखिलाकर हँस दीं। ̧इस वाक्य में ‘खिलखिलाकर’ शब्द बता रहा है कि माँ कैसे हँसी थीं। इसी प्रकार नीचे दिए गए रेखांकित शब्दों पर भी ध्यान दो। इन शब्दों से एक-एक वाक्य बनाओ।
पिताजी ने झिड़ककर कहा, तू खड़ा क्या देख रहा है?
मोहन ने अपने मित्र को झिड़ककर कहा कि अब तुम मेरे से बात मत करना।

आज दरवाजे बंद रखो, उन्होंने हुक्म दिया।
मालिक ने नौकर को हुक्म दिया कि बाजार से सामान लेकर आओ।

देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो, माँ ने अबकी बार गंभीरता से कहा।
रवि ने अपने मित्र को गंभीरता से अपनी परीक्षा की तैयारी करने के लिए कहा।

किसी को सचमुच बाहर निकालना हो, तो उसका घर तोड़ देना चाहिए, उन्होंने गुस्से में कहा।
पिताजी गुस्से में चिड़ियों को निकालने के लिए चल पड़े।

तुम्हें इस कहानी में कौन सबसे अधिक पसंद आया? तुम्हें उसकी कौन-सी बात सबसे अधिक अच्छी लगी?
माँ
माँ की चिड़ियों के प्रति ममता

पिताजी
अन्त में हारकर चिड़ियों का चहचहाना देखकर मुस्कुराना।

लेखक
लेखक के द्वारा किया गया चिड़ियों और घरवालों का विवरण।

गौरैया
गौरैया का हर प्रकार से घर में घुस आना

चूहे
चूहे का अॅंगीठी के पीछे बैठना।

बिल्ली
बिल्ली का घर में आना और दूध पीकर चले जाना और साथ में यह भी संदेश देना कि फिर आउॅंगी।

कबूतर
कबूतरों का गुटरगूं करना

कोई अन्य/कुछ और
चमगादड़ो का पर फैलाकर कसरत करना।

तुम्हारे विचार से इस कहानी को कौन सुना रहा है? तुम्हें यह किन बातों से पता चला?

इस कहानी को लेखक सुना रहा है। कहानी के सजीव वर्णन से ऐसा लगा।

लेखक ने यह अनुमान कैसे लगाया कि एक चूहा बूढ़ा है और उसको सर्दी लगती है?
चूहा अंगीठी से सटकर बैठा था जिससे लेखक ने अनुमान लगाया कि उसे सर्दी लग रही है।

नीचे माँ द्वारा कही गई कुछ बातें लिखी हुई हैं। उन्हें पढ़ो। अब तो ये नहीं उड़ेंगी। पहले इन्हें उड़ा देते, तो उड़ जातीं। एक दरवाजा खुला छोड़ो, बाकी दरवाजे बंद कर दो। तभी ये निकलेंगी। देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। अब तो इन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे। अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी। ̧
अब बताओ कि-
क्या माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं?
नहीं माँ चिड़ियों को कभी भी नहीं निकालना चाहती थीं।

माँ बार-बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी?
चिड़ियों का अपना घोंसला बना हुआ था वह उनका घर था और वे अपने घर को किसी भी हालत में छोड़कर नहीं जा सकती थीं।

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