एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 10 बस की सैर

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 10 बस की सैर के प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 8 दूर्वा के पाठ 10 बस की सैर कहानी के अंतर्गत छात्र हास्य और व्यंग्य का भरपूर मजा ले सकते हैं। लेखक अपने साथियों के साथ एक ऐसी बस से यात्रा करते हैं जिसकी स्थिति अत्यंत दयनीय थी। जिसे देखकर लगता था कि शायद ही कहीं पहुँचा भी पायेगी।

शहर की ओर जाते हुए वल्ली ने बस की खिड़की से बाहर क्या-क्या देखा? अब तो उसकी खिड़की से बाहर देखने की इच्छा भी खत्म हो गई थी।

शहर की ओर जाते हुए वल्ली ने बस की खिड़की से बाहर नहर उसके पार ताड़ के वृक्ष, घास के मैदान, सुदूर पहाड़ियाँ और नीला आकाश दूसरी ओर एक गहरी खाई थी, जिसके परे दूर-दूर तक फैले हुए हरे-भरे खेत! दूर तक हरियाली ही हरियाली। गाय की एक बछिया अपनी दुम ऊपर उठाए सड़क के बीचों-बीच बस के ठीक सामने दौड़ रही थी। ड्राईवर जितनी जोर से भोंपू बजाता, उतना ही ज्यादा वह डर कर बेतहाशा भागने लगती। लेकिन कुछ देर बाद उसने देखा कि वह बछिया…सड़क पर मरी पड़ी थी। इस सबके बाद उसकी खिड़की से बाहर देखने की इच्छा भी खत्म हो गई थी।

वापसी में वल्ली ने खिड़की के बाहर देखना बंद क्यों कर दिया?

वल्ली ने जिस बछिया का कुछ देर पहले सड़क पर कूदते हुए देखा था वह अब सड़क पर मरी पड़ी थी वह किसी गाड़ी के नीचे आ गई थी। ओह! कुछ क्षण पहले जो एक प्यारा, सुंदर जीव था, अब अचानक अपनी सुंदरता और सजीवता खो रहा था। अब वह कितना डरावना लग रहा था।…फैली हुई टाँगें, पथराई हुई आँखें, खून से लथपथ अब खिड़की से बाहर झाँककर और दृश्य देखने की उसकी इच्छा नहीं रही थी। वह अपनी सीट पर जमी बैठी रही।

वल्ली ने बस के टिकट के लिए पैसों का प्रबंध कैसे किया?

इसके लिए उसे छोटी-छोटी जो भी रेजगारी हाथ लगी, इकट्ठी करनी पड़ी उसे अपनी कितनी ही इच्छाओं को दबाना पड़ा…जैसे कि वह मीठी गोलियाँ नहीं खरीदेगी…खिलौने, गुब्बारे कुछ भी नहीं लेगी। कितना बड़ा संयम था यह और फिर विशेष रूप से उस दिन, जब जेब में पैसे होते हुए भी, गाँव के मेले में गोल-गोल घूमने वाले झूले पर बैठने को उसका कितना जी चाह रहा था। मगर बस में घूमने के लिए उसने अपने मन को मार लिया।

वल्ली को या उसके किसी साथी को घमंडी शब्द का अर्थ ही मालूम नहीं था।
(क) तुम्हारे विचार से घमंडी का क्या अर्थ होता है?
(ख) तुम किसी घमंडी को जानते हो? तुम्हें वह घमंडी क्यों लगता/लगती है?
(ग) वल्ली ‘घमंडी’ शब्द का अर्थ जानने के लिए क्या-क्या कर सकती थी? उसके लिए कुछ उपाय सुझाओ।
उत्तर:
(क) मेरे विचार से घमंडी का अर्थ अहंकारी होता है।
(ख) मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूँ जिन्हें किसी न किसी चीज का घमंड है जैसे धन का घमंड, ज्ञान का घमंड, बाल का घमंड आदि।
(ग) वल्ली ‘घमंडी’ शब्द का अर्थ जानने के लिए अपने माता-पिता या अपने अध्यापकों से पूछ सकती थी।

क्या होता अगर वल्ली की माँ जाग जाती और वल्ली को घर पर न पाती?

अगर वल्ली की माँ जाग जाती और उसे घर पर न पाती तो वह बहुत ही परेशान हो जाती और उसे पूरे मोहल्ले में ढूंढती फिरती।

“ऐसी छोटी बच्ची का अकेले सफ़र करना ठीक नहीं।“
(क) क्या तुम इस बात से सहमत हो? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
(ख) वल्ली ने यह यात्र घर के बड़ों से छिपकर की थी। तुम्हारे विचार से उसने ठीक किया या गलत? क्यों?
(ग) क्या तुमने भी कभी कोई काम इसी तरह छिपकर किया है? उसके बारे में लिखो।
उत्तर:
(क) हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ कि छोटे बच्चों को अकेले सफ़र नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्हें दूसरी जगह के बारे में जानकारी नहीं होती है। जिससे गलत लोग उन्हें बहला- फुसलाकर उनका अपहरण तक कर सकते हैं। दूसरी ओर वे ऐसी जगह पंहुंच सकते हैं जहाँ से वापस लौटना मुश्किल हो।
(ख) वल्ली ने यह यात्र घर के बड़ों से छिपकर की थी। मेरे विचार से उसने गलत किया, क्योंकि अगर वह किसी मुसीबत में पड़ जाता तो कौन उसकी सहायता करता।
(ग) हाँ, मैं भी एक बार बिना बताये बाजार चला गया था। शाम को जब वापस घर आया तो बहुत डांट पड़ी थी।

क्या होता अगर वल्ली शहर देखने के लिए बस से उतर जाती और बस वापिस चली जाती?

वल्ली अगर शहर देखने के लिए बस से उतर जाती तो नए शहर में खो जाती।

“मैंने कह दिया न नहीं——-।“ उसने दृढ़ता से कहा।
वल्ली ने कंडक्टर से खाने-पीने का सामान लेने से साफ़ मना कर दिया।
(क) ऐसी और कौन-कौन सी बातें हो सकती हैं जिनके लिए तुम्हें भी बड़ों को दृढ़ता से मना कर देना चाहिए?
(ख) क्या तुमने भी कभी किसी को किसी चीज/कार्य के लिए मना किया है? उसके बारे में बताओ।
उत्तर:
(क) ऐसी बहुत सारी बातें हो सकती हैं जिनके लिए हमें बड़ों को दृढ़ता से मना कर देना चाहिए, जैसे: अनजाने लोगों द्वारा दिया जाने वाला भोज्य पदार्थ, किसी अजनबी द्वारा साथ चलने के लिए कहना।
(ख) हाँ, एक बार मैं बस में सफ़र कर रहा था तो एक अजनबी आदमी प्रसाद के नाम पर कुछ खाने के लिए देने लगा, तो मैंने उससे प्रसाद लेने से मना कर दिया।

वल्ली ने एक खास काम के लिए पैसों की बचत की। बहुत से लोग अलग-अलग कारणों से रफ़पए-पैसे की बचत करते हैं। बचत करने के तरीके भी अलग-अलग हैं।
(क) किसी डाकघर या बैंक जाकर पता करो कि किन-किन तरीकों से बचत की जा सकती है?
(ख) घर पर ही बचत करने के कौन-कौन से तरीके हो सकते हैं?
(ग) तुम्हारे घर के बड़े लोग बचत किन तरीकों से करते हैं? पता करो।

उत्तर:
(क) डाकघर या बैंक में विभिन्न प्रकार के बचत खाते होते हैं। हम इस तरह का कोई भी बचत खाता खुलवाकर अपने पैसे उसमें राख सकते हैं।
(ख) घर पर ही बचत करने के भी बहुत सारे तरीके हैं जैसे: छोटे बच्चे गुलक में पैसे रखकर बचत कर सकते हैं तथा बड़े लोग भी किसी एक आदमी के पास रुपये जमा कर सकते हैं।
(ग) हमारे घर के बड़े लोग बैंक, पोस्ट-ऑफिस में बचत खाते खोलकर अपने पैसे बचाते हैं।

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कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 10 बस की सैर
कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 10 के प्रश्न उत्तर