कक्षा 6 इतिहास अध्याय 3 एनसीईआरटी समाधान – आरंभिक नगर
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 इतिहास अध्याय 3 आरंभिक नगर के प्रश्न उत्तर और अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 6 इतिहास पाठ 3 का विस्तृत वर्णन विडियो और पीडीएफ दोनों ही प्रारूपों में दिया गया है ताकि सभी छात्रों को आसानी से समझ आ सके। पर्श्नों के उत्तर सरल तथा आसान भाषा का प्रयोग करके बनाए गए हैं। अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए हैं जो परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
कक्षा 6 इतिहास अध्याय 3 के लिए एनसीईआरटी समाधान
हड़प्पा की सभ्यता का समय कौन सा माना जाता है और यह कहाँ पर स्थित थी?
लगभग 80 साल पहले पुरातत्त्वविदों ने इस स्थल को ढूँढ़ा और तब पता चला कि यह खंडहर उपमहाद्वीप के सबसे पुराने शहरों में से एक है। चूँकि इस नगर की खोज सबसे पहले हुई थी, इसीलिए बाद में मिलने वाले इस तरह के सभी पुरास्थलों में जो इमारतें और चीज़ें मिलीं उन्हें हड़प्पा सभ्यता की इमारतें कहा गया। इन शहरों का निर्माण लगभग 4700 साल पहले हुआ था। इस सभ्यता का पता सबसे पहले तब चला जब लगभग 150 साल पहले जब पंजाब में पहली बार रेलवे लाइनें बिछाई जा रही थीं, तो इस काम में जुटे इंजीनियरों को अचानक हड़प्पा पुरास्थल मिला, जो आधुनिक पाकिस्तान में है। उन्होंने सोचा कि यह एक ऐसा खंडहर है, जहाँ से अच्छी र्इंटें मिलेंगी। यह सोचकर वे हड़प्पा के खंडहरों से हज़ारों र्इंटें उखाड़ ले गए जिससे उन्होंने रेलवे लाइनें बिछाईं। इससे कई इमारतें पूरी तरह नष्ट हो गर्इं।
भारत में प्राचीन सभ्यता के अवशेष कहाँ-कहाँ पर मिले?
हड़प्पा के अतिरिक्त प्राचीन सभ्यताएं भारत के अनेक भागों में विकसित थी। जिनमें से मोहनजोदड़ो, लोथल, कालीबंगा, राखीगढ़ी आदि बहुत से स्थानों पर प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले। इन प्राचीन सभ्यताओं के स्थान नदी घाटियों में ज्यादा थे इसलिए इसे नदी-घाटी सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है। प्रमुख रूप से सिन्धु नदी और उसकी सहायक नदियों जैसे रावी और व्यास के किनारे भी इसके प्रमाण मिले हैं।
भारत में मिलने वाले प्राचीन सभ्यता के लोगों का रहन-सहन कैसा था?
पुरातत्व सर्वेक्षण जो साक्ष्य मिलें है उनके आधार पर जो निष्कर्ष निकलते हैं जैसे कि कालीबंगा और लोथल जैसे अन्य नगरों में अग्निकुण्ड मिले हैं, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वहां पर संभवत: यज्ञ किए जाते होंगे। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और लोथल जैसे कुछ नगरों में बड़े-बड़े भंडार-गृह मिले हैं। जिनमें अन्न को भंडारण की सुविधा थी। कई नगरों में ढके हुए नाले थे। इन्हें सावधानी से सीधी लाइन में बनाया जाता था। हर नाली में हल्की ढलान होती थी ताकि पानी आसानी से बह सके। इससे पता चलता है कि उस दौर की सभ्यता उन्नत रही होगी। हड़प्पा के नगरों में बड़ी हलचल रहा करती होगी। यहाँ पर ऐसे लोग रहते होंगे, जो नगर की खास इमारतें बनाने की योजना में जुटे रहते थे। ये संभवत: यहाँ के शासक थे। इसके अलावा नगरों में शिल्पकार स्त्री-पुरुष भी रहते थे जो अपने घरों या किसी उद्योग-स्थल पर तरह-तरह की चीज़ें बनाते होंगे। लोग लंबी यात्राएँ भी करते थे, और वहाँ से उपयोगी वस्तुएँ लाते थे।
भारत के अतिरिक्त प्राचीन समकालीन सभ्यताएं कौन सी थी?
हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की सभ्यता के आस-पास के समय में दुनिया के अन्य भागों में भी मानव सभ्यताओं का विकास हुआ। जिनमें से प्रमुख रूप से मिस्र की सभ्यता, बेबीलोन और मेसोपोटामिया की सभ्यता मुख्य रूप से उल्लेखनीय है। मिस्र की सभ्यता जो नील नदी के किनारे विकसित हुई थी उनके शासकों द्वारा निर्मित विशाल पिरामिड उस सभ्यता के उन्नति के बारे संकेत करते हैं।