एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 12 लोकगीत

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 12 लोकगीत के प्रश्नों के उत्तर पीडीएफ तथा विडियो के माध्यम से यहाँ से सत्र 2024-25 के लिए प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 6 हिंदी के पाठ 12 में हमें विभिन्न लोकगीतों के बारे में बताया गया है। विडियो समाधान के माध्यम से भी पाठ को विस्तार से समझाया गया है।

निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है? बिन्दुओं के रूप में उन्हें लिखो।

निबंध में लोकगीतों के निम्न रूपों की चर्चा की गई है। जैसे –
लोकगीतों के विषय
लोकगीतों के प्रकार
लोकगीतों की गायन शैली
लोकगीतों के वाद्ययंत्र
लोकगीतों की भाषा
लोगगीतों के नृत्य

गुजरात के दलीय गायन के बारे में आप क्या जानते है?
गुजरात के दलीय गायन को हम ‘गरबा’ के नाम से जानते हैं। जिसे विशेष विधि से घेरे में घूम-घूमकर औरतें गाती हैं। ‘गरबा’ गाते हुए लकड़ियाँ बजाती भी हैं, जो बाजे का काम करती है। इसमें नाच-गान साथ चलते हैं। आज सभी प्रांतों में यह गायन लोकप्रिय हो गया है।

हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?

स्त्रियों के खास गीत हैं: त्योहारों पर नदियों में नहाते समय के, नहाने जाते हुए राह के, विवाह के, मटकोड़, ज्यौनार के, संबंधियों के लिए प्रेमयुक्त गाली के, जन्म आदि सभी अवसरों के अलग-अलग गीत हैं, जो स्त्रियाँ गाती हैं। इन अवसरों पर कुछ आज से ही नहीं बल्कि महाकवि कालिदास ने भी अपने ग्रंथों में उनके गीतों का हवाला दिया है। सोहर, बानी, सेहरा आदि उनके अनंत गानों में से कुछ हैं।

‘बिदेसिया’ लोकगीत का प्रचार कैसे हुआ था?
भोजपुरी में करीब तीस-चालीस बरसों से ‘बिदेसिया’ लोकगीत का प्रचार हुआ है। गाने वालों के अनेकों समूह इन्हें गाते हुए देहात में फिरते हैं। यह बिहार के सबसे लोकप्रिय लोकगीत में सुमार है। इन गीतों में अधिकतर रसिकप्रियों और प्रियाओं की बात रहती है, परदेशी प्रेमी की और इनसे करुणा विहल का रस बरसता है।

निबंध के आधार पर और अपने अनुभव के आधार पर यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो तुम लोकगीतों की कौन सी विशेषताएँ बता सकते हो?

लोकगीत आंचलिक भाषा में गाए जाते हैं, जिससे वहाँ के रीति-रिवाज व रहन-सहन की जानकारी मिलती है। ये त्याहारों व विषेष अवसरों पर गाए जाते हैं। ये अपन मूल प्रकृति में ही गाए जाते हैं। इसलिए इन्हें गाने के लिए किसी विषेष संगीत साधना की जरूरत नहीं होती है। ये सामूहिक गीत होते हैं इसलिए समूह में गाए जाते हैं, जिससे लोगों में उत्साह और जोश दिखाई देता है।

लोकगीत कौन-कौन सी भाषा व बोलियों में गाए जाते हैं?
लोकगीत गाँवों और उनके इलाकों की बोलियों में गाए जाते हैं। इसी कारण ये बड़े आनंददायक होते हैं। राग इन गीतों के मुख्य आकर्षक तो होते ही हैं, इनकी समझी जा सकने वाली भाषा भी इनकी सफलता का कारण है।

‘पर सारे देश के..अपने-अपने विद्यापति हैं’ इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।

विद्यापति मैथिल भाषा के प्रसिद्ध कवि हैं। मिथिलांचल में घर-घर में उनके लोकगीत गाए जाते हैं, इसीलिए उन्हें मैथिल कोकिल कहा जाता है। हमारे पूरे देश में अलग-अलग प्रांतों के अपनी-अपनी भाषा के कवि हैं। उनके गीत घर-घर में गाए जाते हैं। वे अपनी इसी कला के द्धारा अपने समाज व साहित्य में प्रसिद्ध हैं। इसीलिए, लेखक ने कहा है कि सारे देश के अपने-अपने विद्यापति हैं।

देहाती गीतों की रचना किस आधार पर हुई? इनसे जुड़े कुछ रागों के नाम क्या हैं?
देहाती गीतों के रचयिता कोरी कल्पना को इतना महत्त्व न देकर अपने गीतों के विषय रोजमर्रा के बहते जीवन से लेते हैं, जिससे वे सीधे मर्म को छू लेते हैं। उनके प्रमुख साधारण गीत राग पीलू, सारंग, दुर्गा, सावन, सोरठ आदि हैं। कहरवा, बिरहा, धोबिया आदि गीत बड़ी भीड़ को आकर्षित करते हैं।

ब्रज भूमि का लोकप्रिय लोकगीत कौन सा है? इसके बारे में आप क्या जानते है?

ब्रज भूमि का लोकप्रिय लोकगीत ‘रसिया’ होता है। जिसे दल में गया जाता है। इसमें स्त्रियों की भूमिका अधिक होती है। यह ब्रज भाषा में गया जाने वाला लोकगीत है।

वास्तविक लोकगीत क्या है, इसके कितने प्रकार होते है?
वास्तविक लोकगीत देश के गाँवों और देहातों का गीत है। इनका संबंध देहात की जनता से है। इन गीतों का बहुत सम्मान होता है। चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि इसके प्रमुख प्रकार हैं।

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