एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना के प्रश्न उत्तर पीडीएफ तथा विडियो के रूप में सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 6 के जिन छात्रों को हिंदी वसंत पाठ 5 पीडीएफ के माध्यम से समझने में दिक्कत हो वे यहाँ दिए गए विडियो समाधान की मदद लेकर इसे आसानी से समझ सकते हैं।

इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास की जिदगी में घटते हुए देख सकते हो?

इस गीत की निम्न पंक्तियों को हम आसपास की ज़िदगी में घटते देखते हैं।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत

‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’ साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो।
कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि संगठन में ही शक्ति होती है, और इस ताकत के सामने बड़े से बड़े तूफान भी हार मान लेते हैं। इसी के बल पर हमने सागर को भी अपने अधीन कर लिया। पर्वत को भी अपने आगे झुका लिया।

गीत में सीने और बाँहों को फौलादी क्यों कहा गया है?

भगवान ने हमें असीम सहनशक्ति और हाथों में फौलादी ताकत प्रदान की है जिसके बल पर हम बड़ी से बड़ी कठिनाई का डटकर मुकाबला कर सकते हैं। इसीलिए गीत में सीने और बाँहों को फौलादी कहा गया है।

अपने आसपास तुम किसे ‘साथी’ मानते हो और क्यों? इससे मिलते-जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखो।
हमारे आसपास जितने भी लोग हमसे जुड़े हुए हैं वे सब हमारे साथी हैं। जैसे भाई, मित्र, पड़ोसी अन्य रिष्तेदार आदि। इनसे मिलते-जुलते शब्द हैं जैसे:- सहायक, सखा, संगी, सहचर, मित्र, मीत आदि।

यदि तुमने ‘नया दौर’ फिल्म देखी है तो बताओ कि यह गीत फिल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है? यदि तुमने फिल्म नहीं देखी है तो फिल्म देखो और बताओ।
नया दौर फिल्म में जब कच्ची सड़क का काम होता है तो सभी मिलकर काम को करते हैं और सारा काम बड़ी आसानी से पूरा हो जाता है।

‘अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक’
कक्षा, मोहल्ले और गाँव/शहर के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है और कैसे ?

सभी की आम समस्याएँ हमारी भी समस्याएँ होती हैं जैसे बिजली, पानी, भ्रष्टाचार आदि। वहीं हमारी खुशी में भी सबकी साझेदारी होती है जैसे कोई पदक जीतना किसी खुशी का मिलना आदि। उसमें भी सभी की साझेदारी होती है।

साहिर लुधियानवी के गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से हमें कौन-कौन सी सीख मिलती है?

साहिर लुधियानवी के गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से मिल-जूल कर कार्य करने से बड़े-से बड़े काम को आसानी से किया जा सकता, मिलजुल तरकी के नए-नए रास्ते खोज़े जा सकते है, बड़ी से बड़ी मुसीबत को मिलजुल कर छोटा करने की सीख मिलती है। जो मेहनत हम गुलामी में दूसरों के लिए करते थे, यदि हम मिलजुल अपने लिए करे तो तरकी के नए-नए रास्ते खोज सकते हैं। सब मिलकर चले तो देश को नई-नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।

हमारे आसपास की जिंदगी में गीत की कौन सी पक्तियाँ जुड़ी हुई है?
गीत के बोल ‘साथी हाथ बढ़ाना’ में एक अकेला थक जाएगा पंक्ति से बड़ी-बड़ी इमारतों को मिलजुल कर बनाते मजदूरों और काम करने वालों की झलक को साफ़ दिखता है। कैसे वे सब मिलकर एक दूसरे की मदद से बड़ी-बड़ी इमारतों के निर्माण कर लेते हैं।

इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो?
इस गीत को हम हर उस माहौल में गा सकते हैं जहाँ पूरे समूह को जोश की जरूरत हो। जैसे – खेल का मैदान, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस आदि।

“सागर ने रास्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया” पंक्ति की व्याख्या अपने शब्दों में कीजिए?

“सागर ने रास्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया” से तात्पर्य है, जब भी मिलजुल मेहनत की जाती है, तो बड़े-बड़े सागर भी रास्ता छोड़ देते हैं। भगवान राम ने सीता माँ की खोज में वानरों की मदद से सागर पर सेतु बना दिया था। बुलन्द हौंसले हो तो पर्वत को चीर कर उसका घमंड तोड़ा जा सकता है और अपने आगे झुकाया जा सकता है।

गीत में सीने और बाँहों को फ़ौलादी क्यों कहा गया है?
यदि मनुष्य किसी काम को करने का हौसला अपने सीने में कर लेता है तो उसकी बाँहों में फ़ौलादी शक्ति का संचारण होने लगता है। इसी हौसले के चलते मनुष्य ने बड़ी-बड़ी चट्टानों से भी रास्ता बनाया है। पर्वत को भी अपने आगे झुकने के लिए मजबूर कर सकता है।

यह गीत फ़िल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है?

यह गीत फ़िल्म में अपनी मेहनत मजदूरी से एक गाँव में एक सड़क के निर्माण के दौरान फिल्माया गया था। जिसमें गाँव के तांगा चलाने वाले लोग और शहर की मोटर गाड़ी में रेस लग जाती है। अंत में जीत मेहनतकस इंसानों की ही होती है।

‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’ इस बात को हम अपने घर पर कैसे अमल में ला सकते है?
‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’ इस बात को हम अपने घर के काम को लेकर अमल में ला सकते है। यदि कोई काम ज्यादा या मुश्किल है तो मिलजुल वह काम जल्दी निपटाया जा सकता है। इससे कोई अकेला थकेगा भी नहीं और मिलजुल कर काम भी आसानी से हो जाएगा।

‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’
(क) तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?
(ख) पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं?
(ग) क्या वे एक-दूसरे का हाथ बंटाते हैं?
उत्तर:
(क) अपने घर के छोटे-माटे कामों में अपने माता पिता हाथ बंटाकर हम इस बात का ध्यान रखते हैं।
(ख) पापा अगर ऑफिस जाते हैं तो माँ घर के सारे काम देखती हैं। पापा का काम है बाहर जाकर काम करके पैसे कमाकर लाना जिससे घर चल सके। इसके विपरीत माँ उसी पैसे में पूरे घर की व्यवस्था देखती है वह खाना बनाती है। घर की साफ-सफाई करती है आदि।
(ग) हाँ, परंतु कभी कभी।

कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना
कक्षा 6 हिंदी अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना
कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 5