कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 27 मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 27 मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ तथा इनका वाक्यों में प्रयोग विद्यार्थी यहाँ से सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। मुहावरे और लोकोक्तियों का हिंदी भाषा में बहुत महत्त्व है। यहाँ दी गई अभ्यास पुस्तिका के माध्यम से इसका विस्तार से अध्ययन किया जा सकता है।
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 27 मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ के लिए पठन सामग्री
मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
भावों एवं विचारों की अभिव्यक्ति को अधिक सशक्त, प्रभावपूर्ण, आकर्षक एवं साहित्यिक बनाने के लिए भाषा के प्रयोग में मुहावरे एवं लोकोक्तियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इनके प्रयोग से कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक गहराई के साथ अपनी बात को व्यक्त किया जा सकता है।
मुहावरे
मुहावरे वे वाक्यांश हैं, जो अपना शाब्दिक अर्थ छोड़कर विशेष अर्थ में प्रयुक्त होते हैं।
प्रयोग के समय मुहावरों का वह अर्थ नहीं लिया जाता जो उनके शब्दों का होता है, बल्कि उनका विशेष अर्थ होता है। इनका अर्थ कभी नहीं बदलता अर्थात् मुहावरे और उनके अर्थ ज्यों के त्यों रहते हैं। ये लिंग, वचन, कारक और क्रिया के अनुसार वाक्य में प्रयोग होते हैं।
लोकोक्ति
लोकोक्ति संपूर्ण वाक्य होता है। इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है। यह एक तीखी उक्ति है। इसे कहावत भी कहते हैं।
आइए, कुछ मुहावरों का अर्थ जानकर उनके वाक्य बनाएँ:
1. अपना उल्लू सीधा करना – (स्वार्थ साधना): भावना ने मित्रता करके मुझसे केवल अपना उल्लू सीधा करवाया।
2. अंग-अंग ढीला होना – (बहुत थक जाना): पूरे कमरे की सफाई करने के बाद मेरा अंग-अंग ढीला हो गया।
3. आँखें दिखाना – (वफ़्रोध करना): जबरदस्ती पैसे माँगने पर रमेश को दादाजी ने आँखें दिखाईं।
4. आँखें खुलना – (होश आना): जब सब कुछ लुट जाएगा, तभी तुम्हारी आँखें खुलेंगी?
5. आँखें बिछाना – (आदर-सत्कार करना): नेताजी के स्वागत में जनता आँखें बिछाए खड़ी थी।
6. दाल में काला होना – (शक होना): उसकी हरकतों को देखकर लग रहा है कि दाल में कुछ काला है।
मुहावरा, अर्थ और वाक्य प्रयोग
1. खून-पसीना एक करना – (कड़ा परिश्रम करना): शतरंज का विश्व चैंपियन बनने के लिए आनंद को खून-पसीना एक करना पड़ा।
2. आड़े हाथों लेना – (बुरी तरह धमकाना): टीम के बुरी तरह हारने पर प्रशिक्षक को मीडिया ने आड़े हाथों लिया।
3. चार चाँद लगाना – (प्रतिष्ठा बढ़ाना): कल्पना चावला ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के नाम पर चार चाँद लगा दिए।
4. गला भर आना – (प्रेम उमड़ आना): इतने दिनों के बाद मैं सहेली से मिली तो मेरा गला भर आया।
5. भाड़े का टट्टू – (किराए का आदमी): पुराने समय में जमींदार भाड़े के टट्टुओं द्वारा गरीब जनता को सताते थे।
6. राह देखना – (प्रतीक्षा करना): शीघ्र करो, सचिन हमारी राह देख रहा होगा।
21- दिन-रात एक करना – (बहुत परिश्रम करना): परीक्षा में प्रथम आने के लिए उसने रात-दिन एक कर दिया।
लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति, अर्थ और वाक्य प्रयोग
1. अंधा क्या चाहे दो आँखें- (मनचाही वस्तु मिल जाना): तुमने तो मेरी बात मान ली, अंधा क्या चाहे दो आँखें।
2. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे – (अपना अपराध स्वीकार न करके दूसरे से लड़ना): कलम तुम्हारे पास मिली और नाम मेरा लगाते हो, इसे कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।
3. डूबते को तिनके का सहारा- (विपत्ति के समय थोड़ी सहायता भी बड़ी होती है): अमिताभ का बंगला गिरवी होने पर, उसके मित्रें ने डूबते को तिनके का सहारा दिया।
4. अधजल गगरी छलकत जाए- (कम योग्यता वाले दिखावे अधिक करते हैं): परीक्षा में राहुल फेल हो गया और कहता था मैं रात-रात भर पढ़ता हूँ। इसे कहते हैं, अधजल गगरी-छलकत जाए।
5. हाथ कंगन को आरसी क्या- (प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं): अरे, तुम नहीं मानते तो उसे परखकर देख लो। हाथ कंगन को आरसी क्या!
6. खोदा पहाड़ निकली चुहिया- (बहुत प्रयत्न करने पर थोड़ा लाभ): जमीन खोदी तो खजाने की जगह कपड़ों का बक्सा मिला, इसे कहते हैं खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
प्रचलित लोकोक्तियाँ
1. जैसी करनी वैसी भरनी- (अपनी करनी का फल भोगना पड़ता है): राम सबको मारता था, आज खुद भी पिटा। सच है, जैसी करनी वैसी भरनी।
2. नाच न जाने आँगन टेढ़ा- (अपनी अयोग्यता का दोष दूसरों पर मढ़ना): सलीम खुद तो रन बना न सका और बल्ले को दोषी ठहराने लगा। सच है, नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
3. दूध का दूध पानी का पानी- (उचित न्याय): न्यायाधीश ने सुखराम को सजा सुनाकर दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।
4. जिसकी लाठी उसी की भैंस- (शक्तिशाली का राज होता है): अमरीकी नीतियों को देखकर पता चलता है कि जिसकी लाठी उसी की भैंस।
5. मन चंगा तो कठौती में गंगा- (मन यदि पवित्र है तो सब पवित्र होता है): मैं अपने मन में सदा स्वच्छ विचार रखता हूँ, यानी मन चंगा तो कठौती में गंगा।
6. एक अनार सौ बीमार- (एक वस्तु के अनेक ग्राहक होना): पद एक रिक्त है और आवेदक हैं तीन हजार, यानी एक अनार सौ बीमार।