कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 19 वाक्य
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 19 वाक्य तथा उनके भेद पर आधारित अभ्यास के प्रश्न उत्तर, पठन सामग्री शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। हिंदी व्याकरण कक्षा 6 के पाठ 19 के समझने के लिए यहाँ दी गई अभ्यास पुस्तिका की मदद से विद्यार्थी इसे आसानी से समझ कर अभ्यास कर सकते हैं।
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 19 वाक्य के लिए पठन सामग्री
वाक्य
सार्थक शब्दों का ऐसा व्यवस्थित समूह जो हमारे विचारों एवं भावों को पूर्ण रूप से व्यक्त करता है, वाक्य कहलाता है।
पिछले अध्याय में हमने शब्द-निर्माण की प्रक्रिया को पढ़ा और देखा कि वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं, और प्रत्येक शब्द का अर्थ होता है। शब्द भाषा की स्वतंत्र एवं सार्थक इकाई है, परंतु यही शब्द जब व्याकरण के नियमों में बँधकर एक व्यवस्थित समूह में इस प्रकार लिखे या बोले जाते हैं कि वे हमारे मनोभावों को पूर्ण रूप से व्यक्त कर सकें तो ये वाक्य कहलाते हैं।
उदाहरण: राम वन गए थे।
वाक्य की विशेषताएँ
एक वाक्य में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:
1. वाक्य भाषा की वह लघुतम सार्थक इकाई है, जो हमारे मनोभावों को पूर्ण रूप से प्रकट करने में समर्थ है।
2. कर्ता और क्रिया किसी भी वाक्य के आवश्यक अंग होते हैं। इनमें से किसी एक के न होने पर वाक्य अधूरा रहता है।
3. वाक्य में प्रयुक्त शब्दों में प्रसंग के अनुसार अपेक्षित अर्थ प्रकट करने की योग्यता होती है।
4. बोलते तथा लिखते समय वाक्य के शब्दों में परस्पर निकटता का होना बहुत आवश्यक है। निकटता के अभाव में प्रायः वाक्य जटिल तथा आकर्षणरहित लगता है।
5. वाक्यों में पदों का एक निश्चित क्रम होना चाहिए।
6. वाक्य में मेल का समावेश होना चाहिए। वाक्य में लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक आदि का क्रिया के साथ ठीक-ठीक मेल होना चाहिए।
वाक्य के अंग
वाक्य के दो भेद होते हैंः
1. उद्देश्य
2. विधेय
उद्देश्य और विधेय
उद्देश्य
जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं। जैसे- मेरा भारत महान् है।
विधेय
वाक्य के जिस भाग में उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं।
जैसे- अत्यंत सुंदर है। साइकिल से विद्यालय गया।
उद्देश्य विधेय
मैंने दूध पिया।
मैं विद्यालय जाता हूँ।
अनुज नहीं पढ़ता।
तुम वहाँ मत जाना।
श्याम बैठकर पढ़ो।
तुम क्या खाओगे?
वाक्य के प्रकार
वाक्यों का वर्गीकरण मुख्यतः दो आधारों पर होता है:
1. अर्थ के आधार पर
2. रचना के आधार पर